नई दिल्ली: महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव में भले ही लड़ाई बीजेपी बनाम कांग्रेस हो लेकिन एक लड़ाई कांग्रेस के भीतर भी है. चुनावी मौसम में पार्टी के वरिष्ठ नेता बागी हो रहे हैं. इसका असर पार्टी को चुनाव परिणामों में देखने को मिलेगा. खुद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने हार का अंदेशा जताया है.


खुर्शीद ने न्यूज़ एजेंसी एपी को दिए गए इंटरव्यू में कहा कि शायद कांग्रेस आने वाले विधानसभा चुनाव भी नहीं जीत सके. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का संघर्ष इस कदर बढ़ गया है कि वह अपना भविष्‍य भी सुनिश्चित कर पाने में सक्षम नहीं है.


सलमान खुर्शीद ने कहा कि कांग्रेस से लगातार नेताओं को छोड़ने का सिलसिला जारी है. मई में लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद उससे उबरने में काफी देर लगा दी. उन्होंने आगे कहा, ''वास्तव में एक साथ इसका विश्लेषण नहीं किया कि क्यों लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा. हमारी सबसे बड़ी समस्या रही कि हमारे नेता ने पद छोड़ दिया.''


कांग्रेस नेता ने कहा, ''लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद राहुल गांधी ने जल्‍दबाजी में पद छोड़ दी. अगस्‍त में उनकी मां को अध्‍यक्ष बनाया गया. अध्‍यक्ष का चुनाव अक्‍टूबर में विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद हो सकता है.''


पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ''राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद एक खालीपन जैसा है. सोनिया गांधी ने दखल दिया है, लेकिन साफ संदेश है कि वह एक अस्थायी व्यवस्था के तौर पर हैं. मैं ऐसा नहीं चाहता.'' उन्होंने कहा, ''मैं नहीं चाहता था कि राहुल गांधी इस्तीफा दें. मेरी राय थी कि वह पद पर रहें. मैं मानता हूं कि कार्यकर्ता भी यही चाहते थे कि वह बने रहें और नेतृत्व करें.''


लोकसभा चुनाव में कांग्रेस 542 में से मात्र 52 सीटों पर जीत दर्ज कर सकी थी. जिसके बाद राहुल गांधी ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. उनकी जगह अगस्त में सोनिया गांधी को कांग्रेस का अंतरिम अध्यक्ष चुना गया. पार्टी की मुश्किलें तब और बढ़ गई जब कई दिग्गज नेताओं ने पार्टी को अलविदा कह दिया.


हाल के दिनों में हरियाणा और महाराष्ट्र में कई बड़े नेता कांग्रेस छोड़ चुके हैं. 21 सितंबर को चुनाव की घोषणा के बाद हरियाणा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया. महाराष्ट्र में संजय निरुपम ने चुनाव कार्यक्रमों से खुद को अलग कर लिया. दोनों ही राज्यों में आज से 11 दिनों बाद 21 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे.


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