Caste Census for OBC: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए जातिगत जनगणना कराने के वादे ने न सिर्फ बीजेपी बल्कि I.N.D.I.A गठबंधन में शामिल दलों में भी बेचैनी बढ़ा दी है, खासकर ऐसे क्षेत्रीय दल जिनके संबंधित राज्यों में ओबीसी ही उनके मुख्य वोट बैंक में हैं.


उदाहरण के लिए उत्तर प्रदेश, जहां ओबीसी की आबादी अनुमानित रूप से 40% से 45% है. समाजवादी पार्टी (SP) अचानक कांग्रेस के इस नए रुख से आश्चर्यचकित है, क्योंकि अभी तक कांग्रेस ने खुद को ओबीसी राजनीति से दूर रखा था.


अखिलेश यादव ने दी ये प्रतिक्रिया


सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कांग्रेस की ओर से ओबीसी के बारे में बोलने और जाति जनगणना की मांग करने पर जवाब देते हुए कुछ दिन पहले मध्य प्रदेश के रीवा में व्यंगात्मक रूप से कहा था कि "कांग्रेस की ओर से जाति जनगणना की बात करना भारतीय राजनीति में चमत्कार से कम नहीं है." हालांकि बाद में उन्होंने इसे लेकर कहा कि "इससे अधिक खुशी की बात नहीं हो सकती कि अब कांग्रेस जाति जनगणना की बात कर रही है और समाजवादियों के रास्ते पर चलने का फैसला कर रही है."


'कांग्रेस के रुख से सपा नहीं है असुरक्षित'


सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अमीके जामेई का कहना है, ''यह मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी या राम मनोहर लोहिया के नेतृत्व वाली संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी जैसी समाजवादी पार्टियां ही थीं, जिन्होंने फूलन देवी और भगवती देवी जैसी दलित महिलाओं को संसद में पहुंचाया. सपा मूल 'सामाजिक न्याय' पार्टी है. कांग्रेस की ओर से ओबीसी या जातिगत जनगणना का राग अलापने को लेकर सपा असुरक्षित नहीं है. आचार्य नरेंद्र देव, राम मनोहर लोहिया या मुलायम यादव जैसे समाजवादी ही क्यों न हों, इन सभी ने कांग्रेस को प्रेरित करने का प्रयास किया है.


खिसक सकता है ओबीसी वोट बैंक


समाजवादी पार्टी बेशक अभी कांग्रेस के ओबीसी कार्ड से असुरक्षित न होने का दावा करती हो, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर कांग्रेस का यह दांव काम कर जाता है तो इससे समाजवादी पार्टी, जेडीयू और अन्य क्षेत्रीय दलों को नुकसान पहुंच सकता है. उनका ओबीसी वोट बैंक छिटककर कांग्रेस की तरफ भी जा सकता है.


क्या कहा था राहुल गांधी ने?


राहुल गांधी ने शनिवार (30 सितंबर) को मध्य प्रदेश के शाजापुर में एक चुनावी रैली में फिर से ओबीसी के हकों का मुद्दा उठाते हुए कहा था कि “ओबीसी की सही आबादी का पता ही नहीं है. अब वह समय आ गया है जब हमें हिंदुस्तान का एक्सरे करना है. ये पता लगाना है कि ओबीसी की आबादी कितनी है. अगर हमारी सरकार आई तो हम पहले यही काम करके दिखाएंगे.”


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