Congress Working committee Meeting 2023: अगले लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी के नेतृत्व में बीजेपी के विजय रथ को रोकने के लिए कांग्रेस ने कमर कस ली है. I.N.D.I.A गठबंधन बनाने के बाद अब कांग्रेस जातीय समीकरण बनाने में जुट गई है. मल्लिकार्जुन खरगे के अध्यक्ष बनने के बाद हैदराबाद में हुई कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक में पार्टी ने जातिगत जनगणना करवाने के साथ ही दलित, आदिवासी और ओबीसी आरक्षण की सीमा को बढ़ाने की मांग की है.


इस प्रस्ताव में कहा गया है कि सीडब्ल्यूसी अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी के लिए आरक्षण की मौजूदा ऊपरी सीमा को बढ़ाने का भी आह्वान करती है. इस संबंध में सवाल पूछे जाने पर कांग्रेस मीडिया प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा कि राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार की सभा में जाति आधारित जनगणना की मांग की थी ताकि सभी जातियों को संख्या के मुताबिक हिस्सेदारी मिल सके.


माना जा रहा है कि जिन राज्यों में कांग्रेस बीजेपी को सीधी चुनौती दे रही है, वहां अल्पसंख्यकों का रुझान उसकी तरफ है. दलित और आदिवासी भी कांग्रेस के परंपरागत वोटर रहे हैं. कांग्रेस अध्यक्ष खरगे खुद दलित समाज से आते हैं.


इस तरह पलट सकती है बाजी


जातीय जनगणना और आरक्षण की सीमा बढ़ाने की मांग के जरिए कांग्रेस का असली निशाना ओबीसी वोट बैंक पर है जहां बीजेपी काफी मजबूत है. कांग्रेस को लगता है कि मंहगाई, बेरोजगारी जैसे बुनियादी मुद्दों के साथ यदि आरक्षण कार्ड काम कर गया तो वो बाजी पलट सकती है. इसके साथ ही कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में केंद्र सरकार से संसद के विशेष सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पारित करने की मांग भी की गई.


बेरोजगारी और बढ़ती महंगाई पर भी बात


सीडब्ल्यूसी ने बैठक में 14-सूत्रीय प्रस्ताव भी रखा. अपने प्रस्ताव में सीडब्ल्यूसी ने बढ़ती बेरोजगारी और विशेष रूप से आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में लगातार होती बढ़ोतरी पर गंभीर चिंता व्यक्त की. प्रस्ताव में मणिपुर में संवैधानिक मशीनरी के पूरी तरह से ध्वस्त हो जाने और जारी हिंसा पर गहरा दुख व्यक्त किया गया.


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