Congress Working committee Meeting 2023: हैदराबाद में चल रही कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक के दौरान पहले दिन राहुल गांधी ने पार्टी नेताओं को कई मैसेज दिए. उन्होंने सनातन धर्म विवाद को लेकर कहा कि पार्टी को "हिंदू-मुस्लिम बहस" के जाल में नहीं फंसना चाहिए.


इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, पार्टी ने देश को "विभाजनकारी राजनीति" से मुक्त करने के लिए I.N.D.I.A. गठबंधन को वैचारिक और चुनावी सफलता दिलाने का भी संकल्प लिया और यह सुनिश्चित किया कि लोगों को एक संवेदनशील और जवाबदेह सरकार मिले.


'पार्टी को सिर्फ गरीबों के लिए बोलना चाहिए'  


सूत्रों के अनुसार, हैदराबाद में आयोजित सीडब्ल्यूसी की बैठक में, राहुल गांधी ने कहा कि पार्टी को केवल गरीबों के लिए बोलना चाहिए, वो गरीब जिन्हें बीजेपी की सरकार लगातार नजरअंदाज कर रही है.


I.N.D.I.A गठबंधन पर भी हुई बात


बता दें कि सीडब्ल्यूसी की एक विस्तारित बैठक आज (17 सितंबर 2023) को होगी जिसमें सभी राज्यों के पार्टी प्रमुख और कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता भाग लेंगे. इस बैठक में आगामी चुनावों की रणनीति बनाने के लिए संसदीय दल के पदाधिकारियों और केंद्रीय चुनाव समिति के सदस्यों को भी आमंत्रित किया गया है. इससे पहले शनिवार को सीडब्ल्यूसी ने भी पूरे दिल से इंडिया गठबंधन के निरंतर एकीकरण का स्वागत किया और दावा किया कि इसने पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी को परेशान कर दिया है.


प्रस्ताव में रखा बढ़ती महंगाई का मुद्दा


सीडब्ल्यूसी ने बैठक में 14-सूत्रीय प्रस्ताव भी रखा. अपने प्रस्ताव में सीडब्ल्यूसी ने बढ़ती बेरोजगारी और विशेष रूप से आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में लगातार होती बढ़ोतरी पर गंभीर चिंता व्यक्त की. प्रस्ताव में मणिपुर में संवैधानिक मशीनरी के पूरी तरह से ध्वस्त हो जाने और जारी हिंसा पर गहरा दुख व्यक्त किया गया.


मणिपुर मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरा


सीडब्ल्यूसी ने आरोप लगाया कि "चार महीने से अधिक समय के बाद मणिपुर भाजपा के ध्रुवीकरण एजेंडे के कारण बुरी तरह विभाजित हो गया है. प्रधानमंत्री की चुप्पी और उपेक्षा, गृह मंत्री की विफलता और मुख्यमंत्री (एन बीरेन सिंह) की हठधर्मिता ने एक अभूतपूर्व स्थिति पैदा कर दी है जहां सुरक्षा बलों के बीच बार-बार झड़पें हो रही हैं. मणिपुर से निकली चिंगारी अब व्यापक पूर्वोत्तर क्षेत्र में फैलने का खतरा है."


राष्ट्रपति शासन लगाने की रखी मांग


सीडब्ल्यूसी ने इस दौरान सीएम एन. बीरेन सिंह को तत्काल हटाने और राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग फिर दोहराई. इसके अलावा लूटे गए हथियारों और गोला-बारूद को बरामद करने, सार्वजनिक व्यवस्था बहाल करने, हजारों घिरे हुए लोगों और आंतरिक शरणार्थियों को प्रभावित करने वाले मानवीय संकट को कम करने और लोगों के विभिन्न समूहों के बीच बातचीत के लिए एक रूपरेखा स्थापित करने के लिए हर संभव कदम उठाने का भी आह्वान किया गया.


चीन और अडानी का मामला भी उठाया 


वर्किंग कमिटी ने चीनी घुसपैठ और केंद्र सरकार के ढुलमुल रवैये को भी उठाया. इस दौरान सरकार से चीन के साथ सीमा विवाद पर सफाई देने और भारत की क्षेत्रीय अखंडता के लिए किसी भी चुनौती के खिलाफ दृढ़ रुख अपनाने का भी आह्वान किया. सीडब्ल्यूसी ने अडानी मामले में संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की पार्टी की मांग भी दोहराई. सीडब्ल्यूसी ने अपने प्रस्ताव में कहा कि मोदी सरकार ने एमएसपी और अन्य मांगों के मुद्दे पर किसानों और किसान संगठनों से प्रतिबद्धता जताई थी, लेकिन उन पर बढ़ते कर्ज का बोझ है. कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था गहरे संकट में है. नोटबंदी के झटके और सरकार से समर्थन की कमी के कारण एमएसएमई सुस्त पड़ गए हैं.


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