नई दिल्ली: चुनावी मौसम में कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने अपने 'नीच आदमी' वाले विवादित बयान को करीब दो साल बाद फिर से सही ठहराया है. उन्होंने एक लेख में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया बयान का जिक्र करते हुए कहा कि क्या आपको याद है कि मैंने 7 दिसंबर 2017 को क्या कहा था, क्या मेरी भविष्यवाणी सही नहीं थी?


अय्यर के बयान पर फिर से सियासी तूफान शुरू हो गया है. बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने कड़े शब्दों में इसकी निंदा की है. गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कांग्रेस को इसपर सफाई देनी चाहिए. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जब नाश मनुष्य का आता है, पहले विवेक मर जाता है.


उन्होंने कहा, ''2014 में भी ऊपर वाले ने शायद मणिशंकर अय्यर को प्रेरणा दी थी कि तुम नीच बोलो और देख लो आज 44 सीटों पर आ गई कांग्रेस और अब जो कहा उससे दहाई की संख्या भी प्राप्त करना बहुत मुश्किल है.'' बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि गाली गैंग और मोदी विरोधियों की जुबान 'शुगर फ्री' हो गई है. उसमें मिठास नहीं बची है.


मणिशंकर अय्यर के विवादित बयान के फायदे का अंदाजा बीजेपी को पहले से हैं. अय्यर ने गुजरात विधानसभा चुनाव के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए 'नीच आदमी' शब्द का प्रयोग किया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसपर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी और लोगों की भावनाओं से जोड़ा था. इसका फायदा सीधे तौर पर बीजेपी को मिला.


तब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने खुद ट्वीट कर मणिशंकर अय्यर से माफी मांगने की अपील की थी. यही नहीं कांग्रेस ने अय्यर को पार्टी से निलंबित कर दिया. हालांकि कुछ समय बाद अय्यर की फिर से कांग्रेस में वापसी हो गई.


साल 2014 के चुनाव में भी मणिशंकर ने नरेंद्र मोदी के लिए 'चायवाला' शब्द का इस्तेमाल किया था और अय्यर के इस बयान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी अभियान का हिस्सा बनाया था.


विवाद क्यों शुरू हुआ?
कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने राइजिंग कश्मीर अखबार में एक लेख लिखा है. इस लेख में उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की शैक्षणिक योग्यता, इंटरव्यू में रडार और बादल वाले बयान का जिक्र किया है. उन्होंने कहा, ''क्या प्रधानमंत्री मोदी जीतेंगे. 23 मई को देश की जनता उन्हें सत्ता से बाहर कर देगी. क्या आपको याद है कि मैंने 7 दिसंबर 2017 को क्या कहा था, क्या मेरी भविष्यवाणी सही नहीं थी?''


अय्यर ने लेख में कहा, ''नरेंद्र मोदी, जवाहर लाल नेहरू से बहुत नफरत करते हैं. नेहरू ने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से नेचुरल साइंस में डिग्री हासिल की थी. जिस कारण उन्हें भारत और भारतीयों को अंधविश्वास से बाहर निकालने की कोशिश की. जबकि पीएम मोदी 'उड़नखटोला' और 'प्लास्टिक सर्जरी' जैसी पौराणिक बातों पर विश्वास करते हैं.''


अय्यर के बयान पर ताजा विवाद के बाद उन्होंने कहा कि पूरे लेख में से सिर्फ एक लाइन को उठाया गया है और अब इस पर बात करने के लिए कहा जा रहा है. मैं इस पूरे मामले में फिर से शामिल होने के लिए तैयार नहीं हूं- मैं उल्लू हूं, लेकिन इतना बड़ा उल्लू नहीं हूं.


वरिष्ठ नेता के बयान को कांग्रेस ने निजी बयान बताया है. कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने कहा, ''मणिशंकर अय्यर के जिस आलेख का ज़िक्र किया जा रहा है उसके नीचे ही लिखा है कि वो लेखक के निजी विचार हैं. लेकिन उनकी बातें शर्मनाक नहीं हैं. शर्मनाक है कि देश को ऐसा प्रधानमंत्री मिला है जिसने इस पद की गरिमा को गिराया है अपनी भाषा और काम से.''