दिल्ली चुनाव: दिल्ली में आम आदमी पार्टी 62 सीटें जीतकर दोबारा से सत्ता वापसी में वापसी कर चुकी है. 2015 के चुनाव की तरह इस बार भी कांग्रेस पार्टी का दिल्ली विधानसभा चुनाव में खाता नहीं खुला. इतना ही नहीं पार्टी को चार फीसदी वोट ही मिला है. कांग्रेस पार्टी को सबसे ज्यादा उम्मीद अपने पुरानी दिल्ली के दिग्गज उम्मीदवारों से थी. लेकिन पुरानी दिल्ली की तीनों विधानसभा सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई.
बल्लीमारान से पूर्व मंत्री हारून यूसुफ, चांदनी चौक से अलका लांबा और मटिया महल से मिर्जा जावेद अली अपनी जमानत नहीं बचा सके. दिल्ली में कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेताओं में शुमार हारून यूसुफ बल्लीमारान सीट से महज 4.73 फीसदी वोट ही हासिल कर सके. जमानत बचाने कुल वोटिंग का 1/6 फीसदी वोट हासिल करना जरूरी है. हारून बल्लीमारान से चार बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं. शीला दीक्षित के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में लगातार खाद्य एवं आपूर्ति और उद्योग मंत्रालय संभालते आए थे.
सभी दिग्गज उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई
बल्लीमारान विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार इमरान हुसैन को 65,644 वोट मिले. यहां उनकी निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा की उम्मीदवार लता सोढ़ी रहीं. लता सोढी बल्लीमारान सीट से 29,472 वोट हासिल करने में कामयाब रहीं. हारून यूसुफ को इस बार महज 4802 वोट मिले हैं.
जामा मस्जिद से सटे मटियाला महल इलाके में कांग्रेस की हालत और ज्यादा खराब रही. मुस्लिम बहुल इलाका होने के बावजूद बीजेपी लगभग 20 प्रतिशत वोट हासिल करने में कामयाब रही वहीं कांग्रेस को महज 3.85 प्रतिशत वोट से संतोष करना पड़ा है. कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के कारण यहां भी उसकी जमानत जब्त हो गई.
कांग्रेस ने यहां अपने भरोसेमंद उम्मीदवार मिर्जा जावेद अली को मैदान में उतारा था. जावेद अली को सिर्फ 3409 मत हासिल हुए हैं. कांग्रेस से आम आदमी पार्टी में आए शोएब इकबाल यहां 67,282 वोट मिले हैं. वहीं भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार को मटियाला महल में 17,041 वोट मिले हैं.
चांदनी चौक विधानसभा से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार प्रह्लाद सिंह साहनी को अंतिम गिनती के मुताबिक 50,891 वोट हासिल हुए हैं. कांग्रेस उम्मीदवार अलका लांबा को 3881 वोट मिले हैं. भाजपा के सुमन कुमार गुप्ता को 21307 वोट हासिल हुए हैं. कांग्रेस पार्टी का प्रदर्शन यहां औसत से भी नीचे रहा है. कांग्रेस को यहां 5.03 प्रतिशत वोट मिले.
अलका लांबा ने पिछले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के टिकट पर चांदनी चौक से रिकॉर्ड जीत हासिल की थी. उन्होंने भाजपा के सुमन कुमार गुप्ता को 16 हजार से अधिक से अधिक वोटों से शिकस्त दी थी. लेकिन इस बार अलका लांबा अपनी जमानत भी नहीं बचा सकीं.
दिल्ली विधानसभा: 70 विधायकों की औसत सम्पत्ति 15 करोड़ रुपए, AAP के 71 फीसदी MLA करोड़पति