दिल्ली चुनाव: कभी योगेंद्र-प्रशांत के खेमे से था आतिशी का संबंध, अब कालकाजी से आजमा रही हैं किस्मत
आतिशी 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान चर्चा में आई. 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान आतिशी को पार्टी का प्रवक्ता बनाया गया था और इसलिए वह टीवी चैनलों पर पार्टी का चेहरा बन गईं.
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020: आम आदमी पार्टी ने कालकाजी सीट से अपने युवा चेहरे आतिशी को उम्मीदवार बनाया है. कालकाजी सीट पर आप ने ईस्ट दिल्ली से लोकसभा चुनाव हारने वाली आतिशी को मौजूदा विधायक अवतार सिंह काल्का को टिकट दिया है. 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले आतिशी को पार्टी का प्रवक्ता बनाया गया. मनीष सिसोदिया ने शिक्षा मंत्री रहते हुए दिल्ली में जो बड़े बदलाव किए हैं उनमें आतिशी का अहम योगदान माना जाता है.
टीवी पर बनी पार्टी का चेहरा
38 साल की आतिशी पहली बार विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमा रही है. आतिशी ने अपनी पढ़ाई दिल्ली से की है. आतिशी ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के सबसे मशहूर कॉलेज सेंट स्टीफंस से इतिहास में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की. आतिशी दिल्ली यूनिवर्सिटी में अपने बैच की टॉपर भी रहीं. इसके बाद आतिशी ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से अपनी आगे की पढ़ाई की.
आतिशी 2011 में अन्ना आंदोलन के साथ जुड़ी थी. एक वक्त पर आतिशी को पार्टी में योगेंद्र-प्रशांत के कैंप का हिस्सा माना जाता था. 2013 में आतिशी को दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी की कैंपेन कमेटी में शामिल किया गया. इसके बाद आतिशी को पार्टी का प्रवक्ता भी बनाया गया. पार्टी प्रवक्ता बनने के बाद आतिशी न्यूज चैनलों पर नज़र आने लगी और जल्द ही युवा चेहरे के तौर पर अपनी पहचान बना ली. योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण के खेमे से होने के कारण आतिशी को 2015 के दिल्ली चुनाव के बाद प्रवक्ता के पद से हटाया दिया गया था. हालांकि बाद में उन्होंने योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया.
योग्रेंद्र यादव और प्रशांत भूषण के पार्टी से बाहर होने के बाद आतिशी को करीब एक साल तक कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं मिली. 2016 में आतिशी दिल्ली सरकार में शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया की सलाहकार नियुक्त हुईं. सलाहकार बनने के बाद आतिशी ने शिक्षा सुधार में अहम भूमिका निभाई. हालांकि 2018 में नियुक्ति को लेकर विवाद के चलते उन्हें सलाहकार के पद से इस्तीफा देना पड़ा. दिल्ली सरकार के मोहल्ला सभा प्रोजेक्ट में भी आतिशी ने अहम भूमिका निभाई है.
ईस्ट दिल्ली से मिली हार
शिक्षा के लिए किए गए काम को भुनाने के लिए आम आदमी पार्टी ने आतिशी को ईस्ट दिल्ली सीट से अपना चेहरा बनाकर मैदान में उतारा. अपने चुनाव कैंपेन के दौरान भी आतिशी ने एजुकेशन को लेकर किए गए अपने कामों को ही अहम मुद्दा बनाया. लेकिन ईस्ट दिल्ली सीट पर बीजेपी ने पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर को मैदान में उतारा, जबकि कांग्रेस ने दिग्गज नेता अरविंदर सिंह लवली को टिकट दिया. दोनों दिग्गजों के सामने आतिशी का कद कहीं ना कहीं छोटा पड़ा गया. आतिशी को ईस्ट दिल्ली सीट से 17 फीसदी वोट मिले और वह तीसरे नंबर पर रही. गौतम गंभीर ने 55 फीसदी वोट हासिल करके जीत दर्ज की.
2020 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने कालकाजी सीट से धर्मवीर सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि कांग्रेस ने शिवानी चोपड़ा को टिकट दिया है. शिवानी चोपड़ा दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा की बेटी हैं. शिवानी चोपड़ा के पिता सुभाष चोपड़ा 1998 से लेकर 2013 तक तीन बार कालकाजी सीट से विधायक रहे हैं.
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