वोटिंग प्रतिशत कैसे मिसमैच हो जाते हैं? चुनाव आयोग ने साफ-साफ बता दिया
Delhi Assembly Election: CEC राजीव कुमार ने कहा कि मतदाता मतदान प्रतिशत को बदलना असंभव है. कुछ मतदान दल आधी रात या अगले दिन रिपोर्ट देते हैं. मतगणना से पहले फॉर्म 17 C का मिलान किया जाता है.
Delhi Assembly Election 2025: चुनाव आयोग ने दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है. आयोग ने बताया कि 5 फरवरी को वोटिंग होंगे और 8 फरवरी को नतीजे की घोषणा की जाएगी. इस दौरान चुनाव आयोग ने मतदान के दौरान धांधली के तमाम आरोपों का जवाब दिया है.
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि वोटिंग प्रतिशत को बदलना नामुमकिन है. कुछ मतदान दल आधी रात या अगले दिन रिपोर्ट देते हैं. काउंटिंग से पहले फॉर्म 17 C का मिलान किया जाता है. ऐसा कुछ भी नहीं है जो वीटीआर स्पष्ट न करे. यह पूरी तरह से स्पष्ट करता है.
मतदान के आंकड़े बढ़ने के आरोप पर दिया ये जवाब
राजीव कुमार ने कहा कि आरोप लगाया जाता है कि वोटों की गिनती में करोड़ों वोट बढ़ा दिए गए. उन्होंने कहा, "आयोग से कहा जाता है कि कहां लंबी कतारें थीं, वो सीसीटीवी दिखाइए, लेकिन यह प्रक्रिया की वजह से होता है और हर जगह से आंकड़े आने में समय लगता है, अगर ईवीएम में इंटरनेट नहीं होगा तो यह समय लगेगा."
वोट की गिनती में अंतर पर क्या बोले सीईसी?
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने उन आरोपों को भी सिरे से खारिज किया जिसमें आरोप लगते हैं कि वोटों की गिनती के दौरान जितने वोट डाले जाते हैं उससे ज्यादा वोट गिने जाते हैं. मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, "कुछ मशीनों में मॉक पोल का डेटा नहीं हटाया गया तो ऐसा होता है, लाख़ों मशीन में चार मशीनों में ऐसा हो सकता है. ऐसे मशीनों के वोट अलग रख लिए जाते हैं और गिनती खत्म होने के बाद अगर यह वोट जीत- हार के मार्जिन से कम होता है तो उम्मीदवार की जीत घोषित की जाती है."
चुनाव आयुक्त ने कहा, "चुनाव से पहले (ईवीएम में) नई बैटरी डाली जाती है. उसी दिन उसे सील की जाती है. जिस दिन पोलिंग डे होता है उस दिन सील पोलिंग एजेंट के सामने तोड़ी जाती है. मॉक पोल किया जाता है. पोलिंग एजेंट रिकॉर्ड रखते हैं, कौन आया कौन गया. किसमें कितने वोट पड़े इसकी संख्या उनको दी जाती है. काउंटिंग के दिन भी पूरी प्रक्रिया दोहराई जाती है. फॉर्म 17 सी से मिलान होता है. उसके बाद बाद पांच रेंडमली सिलेक्टेड वीवीपैट की गिनती भी की जाती है. सारी चीजों को बहुत बार चैलेंज किया गया है. माननीय हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ईवीएम रद्द नहीं किया जा सकता है. इसके खिलाफ कोई पुख्ता सबूत नहीं है."
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