AAP, बीजेपी या कांग्रेस, कौन जीतेगा दिल्ली का दंगल? CVoter के सर्वे में खुला बड़ा राज
Delhi Elections 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में किसकी सरकार बनेगी ये तो 8 फरवरी को पता चलेगा लेकिन एक सर्वे सामने आया है जिसमें सरकार बनने का अनुमान लगाया गया.
Delhi Assembly Elections 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए अगले महीने (5 फरवरी, 2025) वोटिंग होनी है और इसके नतीजे 8 फरवरी, 2025 को आएंगे. इस बार सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप), भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस के बीच मुकाबला होगा. हालांकि पिछली बार की तरह इस बार आप के लिए राह आसान नहीं दिख रही है. इन सब के बीच एक सर्वे सामने आया है, जिसमें अनुमान लगाया गया है कि दिल्ली में किस पार्टी की सरकार बन सकती है.
सी-वोटर के सर्वे के मुताबिक, इस बार फिर से आम आदमी पार्टी की सरकार रिपीट हो सकती है. दरअसल सी-वोटर ने 6 जनवरी तक के आंकड़े पेश किए हैं, जिसके मुताबिक, 49 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि वो अरविंद केजरीवाल की पार्टी आप की सरकार बदलना नहीं चाहते. वहीं, 46 प्रतिशत लोगों का मानना है कि मौजूदा सरकार को बदलना चाहते हैं. इस सर्वे की अगर मानें तो दिल्ली में फिर से आप की सरकार बन सकती है.
कैसा होगा दिल्ली विधानसभा चुनाव?
सी-वोट के फाउंडर यशंवत देशमुख ने न्यूज तक यूट्यूब चैनल से बातचीत के दौरान कहा, “दिल्ली में जो वोटर कह रहा है कि हम सरकार नहीं बदलना चाहते उसका तो साफतौर पर है कि वो सरकार के पक्ष में ही वोट करेगा लेकिन जो सरकार बदलना चाहते हैं वो ऐसे में सवाल ये है कि अगर विपक्ष में सिर्फ एक पार्टी है तो सत्ता विरोधी वोट उस पार्टी को चला जाएगा लेकिन अगर ऑप्शन एक से ज्यादा हों तो बंटवारा होता है, भले ही वो कम या ज्यादा हो लेकिन होता है.”
कितनी आसान है अरविंद केजरीवाल की पार्टी की जीत?
उन्होंने अपनी बात आगे जारी रखते हुए कहा, “यही आंकड़े पांच साल पहले कुछ और थे आम आदमी पार्टी के पक्ष में 56 से 57 प्रतिशत लोग थे लेकिन इन पांच सालों में आंकड़ा घटा है. जो लोग सरकार बदलना चाहते हैं उसके प्रतिशत में लगभग 10 पर्सेंट का इजाफा हुआ है. इसका इस तरह आंकलन कर सकते हैं कि आम आदमी पार्टी जो पिछले चुनाव में 16, 17, 18 प्रतिशत के गैप पर जीत रही थी वो गैप अब उतना नहीं रहेगा.”
यशवंत देशमुख ने आगे कहा, “जो लोग आम आदमी पार्टी की सरकार बनाए रखना चाहते हैं और वो लोग बहुतायत में वोट डालने जाते हैं तो शायद अरविंद केजरीवाल का काम आसान होगा, उतना कठिन नहीं होगा और अगर ये वोट बहुतायत में नहीं पड़ता है तो केजरीवाल के लिए ये राह आसान नहीं होगी. एक तरफा जीत तो नहीं होगी इन आंकड़ों के हिसाब से लेकिन अपर हैंड अरविंद केजरीवाल के पक्ष में है.”
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