दिल्ली चुनाव: दिल्ली की सभी 70 विधानसभा पर 8 फरवरी को सुबह 7 बजे से मतदान की प्रक्रिया शुरू होगी. दिल्ली में विधानसभा चुनाव में 1,47,86,382 मैदान में मौजूद 672 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे. चुनाव आयोग सभी वोटर्स को मतदाता पहचान पत्र जारी करता है. चुनाव आयोग द्वारा जारी किए जाने वाले वोटर आईडी कार्ड का इस्तेमाल वोटिंग के दौरान किया जाता है. हालांकि अगर आप दिल्ली के वोटर हैं और आपके पास वोटर आईडी कार्ड नहीं है तो अभी आपको वोट डालने के लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है. वोटर आईडी के अलावा 11 ऐसी सरकारी आईडी होती हैं जिनके जरिए वोटर अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकती है.


अपनी पहचान को साबित करने के लिए मतदाता सरकार द्वारा जारी किए जाने वाली आईडी आधार कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, केंद्र का राज्य सरकार की नौकरी का आईडी कार्ड, बैंक या पोस्ट ऑफिस की पासबुक का इस्तेमाल कर सकते हैं. इनके अलावा मनरेगा योजना का कार्ड, पेंशन डॉक्यूमेंट या फिर हेल्थ इंश्योरेंस कार्ड भी वोट डालने के लिए पहचान के तौर पर काम आ सकता है.


हालांकि आपके पास चुनाव आयोग द्वारा जारी की जाने वाली फोटो लगी हुई मतदाता स्लिप होनी जरूरी है. हर पोलिंग स्टेशन पर उस क्षेत्र के मतदाताओं की एक लिस्ट होती है. अगर आपका नाम इस लिस्ट से गायब है तो आप वोट डालने के अपने अधिकार का प्रयोग नहीं कर सकते. अगर किसी नागरिक को चुनाव आयोग से वोटर स्लिप मिलती है तो यह तय हो जाता है कि उसका नाम वोटर लिस्ट में है. यह पर्ची, किसी भी मान्य आईडी के साथ मिलकर वोटर कार्ड का काम करती है. अगर आपका नाम वोटर लिस्ट में है तो आप वोट डाल सकते हैं.


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बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे 11 फरवरी को घोषित किए जाएंगे.