दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020: 2015 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की लहर में दिल्ली बीजेपी के तमाम बड़े नेताओं को हार का सामना करना पड़ा था. लेकिन बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता रोहिणी सीट से जीत दर्ज करने में कामयाब हुए थे. दिल्ली बीजेपी के दिग्गज नेता विजेंद्र गुप्ता को इस जीत का फायदा मिला और वह विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद हासिल करने में भी कामयाब रहे. 2020 में बीजेपी ने अपने सीएम के चेहरे के एलान तो नहीं किया है, लेकिन बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले 67 उम्मीदवारों में विजेंद्र गुप्ता का कद सबसे बड़ा है.


छात्र राजनीति से हुई शुरुआत


विजेंद्र गुप्ता का जन्म 14 अगस्त 1963 को हुआ था. विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्रीराम कॉलेज के एमकॉम की पढ़ाई की है. 1983 में विजेंद्र गुप्ता दिल्ली यूनिवर्सिटी के उपाध्यक्ष का चुनाव जीतने में कामयाब हुए थे. छात्र राजनीति से आगाज करने वाले विजेंद्र गुप्ता ने 1997 में पहली बार काउंसलर के चुनाव में जीत दर्ज की. इसके बाद विजेंद्र गुप्ता लगातार दो बार और काउंसलर बनने में कामयाब हुए.


2013 में बढ़ा कद


2013 के विधानसभा चुनाव में विजेंद्र गुप्ता को दिल्ली चुनाव की सबसे वीआईपी सीट नई दिल्ली से बीजेपी ने चुनाव मैदान में उतारा. इस सीट पर दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित और सीएम अरविंद का मुकाबला करने के लिए बीजेंद्र गुप्ता को टिकट दिया गया था. इस चुनाव में विजेंद्र गुप्ता कोई बड़ा कमाल तो नहीं कर पाए. लेकिन उन्हें शीला दीक्षित के लगभग बराबर वोट हासिल हुए. नई दिल्ली सीट पर केजरीवाल को 44 हजार वोट मिले थे, जबकि 18,405 वोट के साथ शीला दीक्षित दूसरे और 17,952 वोट के साथ विजेंद्र गुप्ता तीसरे नंबर पर रहे.


विजेंद्र गुप्ता को अपनी सबसे बड़ी जीत 2015 में मिली. 2015 में आम आदमी पार्टी ने 70 में से 67 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि बीजेपी के महज तीन उम्मीदवार ही जीत हासिल करने में कामयाब हुए. केजरीवाल की लहर में विजेंद्र गुप्ता ने आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार को करीब पांच हजार वोट से मात दी थी. 2019 में एक बार फिर से विजेंद्र गुप्ता इस सीट से किस्मत आजमा रहे हैं.


इन कमेटियों का रह चुके हैं हिस्सा


विजेंद्र गुप्ता 1997-98 में एमसीडी की लॉ एंड जनरल कमेटी का हिस्सा थे. 1998 से 2010 तक विजेंद्र गुप्ता स्टैडिंग कमेटी के मेंबर रहे. 2007 से 2009 के बीच विजेंद्र गुप्ता स्टैडिंग कमेटी के चैयरमैन बने.