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Delhi Election VIP Candidates LIVE UPDATES: मुस्तफाबाद में बीजेपी को लग सकता है झटका, पीछे हुए जगदीश प्रधान
Delhi Election VIP Candidates LIVE UPDATES: मुस्तफाबाद में बीजेपी को लग सकता है झटका, पीछे हुए जगदीश प्रधान
Delhi Election VIP Candidates: शुरुआती रुझानों में कई दिग्गज नेताओं के पीछे चलने की बात सामने आ रही है. पीछे रहने वालों में बीजेपी और कांग्रेस के नेता शुमार हैं.
एबीपी न्यूज़
Last Updated:
11 Feb 2020 04:02 PM
बीजेपी को मॉडल टाउन से हार का सामना करना पड़ा है. मॉडल टाउन सीट से आप उम्मीदवार अखिलेश त्रिपाठी ने कपिल मिश्रा को करीब 12 हजार वोट के अंतर से हरा दिया है. चुनाव प्रचार के दौरान कपिल अपने विवादित बयानों की वजह से काफी चर्चा में रहे.
आम आदमी पार्टी का कोई बड़ा चेहरा इस चुनाव में उलटफेर का शिकार होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है. हालांकि करावल नगर सीट पर केजरीवाल के करीबी और पहली बार चुनाव लड़ रहे दुर्गेश पाठक को हार का सामना करना पड़ सकता है. करावल नगर से बीजेपी उम्मीदवार ने 20 हजार से ज्यादा वोट की बढ़त बना रखी है.
रोहिणी से बीजेपी उम्मीदवार विजेंद्र गुप्ता की जीत लगभग तय हो चुकी है. काउटिंग अपने आखिरी दौर में है और विजेंद्र गुप्ता करीब 10 हजार वोट से आगे चल रहे हैं. विजेंद्र गुप्ता ने 2015 में भी इस सीट से जीत दर्ज की थी और वह विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष चुने गए थे.
मुस्तफाबाद से बीजेपी विधायक जगदीश प्रधान की हार अब पूरी तरह से तय हो गई है. आखिरी राउंड की काउटिंग से पहले जगदीश प्रधान अब 18 हजार वोट से पीछे चल रहे हैं. शुरुआत में जगदीश प्रधान के पास 30 हजार से ज्यादा वोट की बढ़त थी.
मुस्तफाबाद में बीजेपी को तगड़ा झटका लग सकता है. इस सीट पर एक समय बीजेपी उम्मीदवार और विधायक जगदीश प्रधान 30 हजार की बढ़त हासिल किए हुए थे, लेकिन अब वो 15 हजार के ज्यादा अंतर से पीछे चल रहे हैं. 2015 में जगदीश प्रधान में करीब पांच हजार के अंतर से जीत दर्ज की थी.
दिल्ली सरकार में डिप्टी सीएम का पद संभालने वाले मनीष सिसोदिया बड़े ही कांटे की टक्कर में तीन हजार वोट के अंतर से जीत दर्ज करने में कामयाब रहे हैं. शुरुआत में मनीष सिसोदिया पीछे चल रहे थे, लेकिन आखिरी तीन राउंड में उन्होंने वापसी करते हुए जीत दर्ज की.
आम आदमी पार्टी के राजेंद्र नगर से उम्मीदवार राघव चड्डा ने 20 हजार वोट से जीत दर्ज कर ली है. राजेंद्र नगर से शुरुआत से ही राघव चड्डा आगे चल रहे थे. राघव चड्डा आम आदमी पार्टी के युवा चेहरा हैं.
विश्वास नगर सीट एक बार फिर से बीजेपी के खाते में जाते हुए दिखाई दे रही है. इस सीट पर बीजेपी विधायक ओपी शर्मा सुबह से ही आगे चल रहे हैं. ओपी शर्मा दो बार विश्वास नगर सीट से जीत दर्ज कर चुके हैं.
नई दिल्ली विधानसभा सीट से अरविंद केजरीवाल 14 हजार वोट की बढ़त बनाए हुए हैं. इस सीट पर अरविंद केजरीवाल की जीत लगभग तय लग रही है. नई दिल्ली सीट से बीजेपी उम्मीदवार सुनील यादव अरविंद केजरीवाल को कोई चुनौती देते हुए दिखाई नहीं दे रहे हैं.
मनीष सिसोदिया ने अपनी जीत का दावा कर दिया है. मनीष सिसोदिया 3 हजार वोट से आगे चल रहे हैं. पटपड़गंजी विधानसभा सीट पर आखिरी दौर की काउटिंग चल रही है. मनीष सिसोदिया को शुरुआत में काफी कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ा.
आम आदमी पार्टी की कालकाजी से उम्मीदवार आतिशी अब 6 हजार वोट से बढ़त बनाने में कामयाब हो गई हैं. आतिशी सुबह से कांटे के मुकाबले का सामना कर रही थीं, लेकिन काउटिंग के अंतिम दौर में पहुंचने पर वह 6 हजार वोट की अच्छी खासी बढ़त हासिल करने में कामयाब हो गई हैं. वहीं राजेंद्र नगर से राघव चड्डा ने 20 हजार से ज्यादा वोट की बढ़त हासिल कर ली है. राघव चड्डा का चुनाव जीतना लगभग पूरी तरह से तय लग रहा है.
मुस्तफाबाद सीट पर बीजेपी को झटका लग सकता है. मुस्तफाबाद सीट पर बीजेपी विधायक जगदीश प्रधान के पास एक वक्त 30 हजार से ज्यादा वोटों की बढ़त थी, लेकिन जैसे जैसे काउटिंग अंतिम दौर में पहुंच रही है, बीजेपी की बढ़त सिर्फ एक हजार वोट की रह गई है.
मनीष सिसोदिया को राहत मिली है. सिसोदिया अब 2100 वोट से आगे हो गए हैं. सुबह से ही मनीष सिसोदिया बीजेपी उम्मीदवार रवि नेगी से पीछे चल रहे थे. मनीष सिसोदिया आम आदमी पार्टी के दूसरे नंबर के नेता हैं और अगर वह इस लहर में चुनाव हारते हैं तो यह पार्टी के लिए बड़ा झटका साबित हो सकते है.
मनीष सिसोदिया को पटपड़गंज सीट से राहत मिलती नहीं दिख रही है. मनीष सिसोदिया अभी भी करीब 1200 वोट से बीजेपी उम्मीदवार रवि नेगी से पीछे चल रहे हैं. हालांकि इस सीट पर अभी भी 6 राउंड की काउटिंग होना बाकी है. ऐसे में ये सीट किसी भी पार्टी के खाते में जा सकती है.
आम आदमी पार्टी की चांदनी चौक से उम्मीदवार अलका लांबा ने अपनी हार स्वीकार कर ली है. चांदनी चौक से 2015 में आप के टिकट पर विधायक चुनी गई अलका लांबा का तीसरे नंबर पर चल रही हैं और उनका जमानत बचाना भी मुश्किल दिख रहा है.
बादली सीट पर कांग्रेस के लिए राहत की बात सामने आई है. यह अकेली सीट है जहां कांग्रेस का उम्मीदवार दूसरे नंबर पर है. बादली सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार देवेंद्र यादव आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अजेश यादव से 3665 वोट से पीछे चल रहे हैं. इस सीट पर बीजेपी तीसरे नंबर पर आ गई है.
रोहिणी सीट पर आखिरकार लगातार पिछड़ने के बाद विजेंद्र गुप्ता ने 2024 वोट की बढ़त बना ली है. नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता को आम आदमी पार्टी से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा रहा है. विजेंद्र गुप्ता 2015 में इस सीट से जीत दर्ज करने में कामयाब हुए थे.
आम आदमी पार्टी ने विधानसभा चुनाव में शिक्षा के क्षेत्र में किए गए सुधारों को बड़ा मुद्दा बनाया. लेकिन चुनावी नतीजों में शिक्षा सुधारों का चेहरा बने मनीष सिसोदिया और आतिशी दोनों ही पिछड़ते हुए नज़र आ रहे हैं. मनीष सिसोदिया जहां करीब तीन हजार वोट से पीछे चल रहे हैं, वहीं आतिशी 25 वोट से पीछे चल रही है. आप के दोनों ही बड़े चेहरों को बीजेपी उम्मीदवारों से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा रहा है.
दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की मुश्किलें कम होती दिखाई नहीं दे रही हैं. मनीष सिसोदिया बीजेपी उम्मीदवार रवि नेगी के मुकाबले 2182 वोट से पीछे चल रहे हैं. अगर मनीष सिसोदिया अपनी पटपड़गंज सीट बचाने में कामयाब नहीं होते हैं तो यह आम आदमी पार्टी के लिए बहुत बड़ा झटका साबित होगा.
ओखला सीट से आम आदमी पार्टी के अमानतुल्लाह खान बड़ी जीत की ओर बढ़ रहे हैं. अमानतुल्लाह खान का दावा है कि 13 राउंड के बाद उन्होंने करीब 71 हजार वोट से बढ़त बना ली है. पिछले चुनाव में अमानतुल्लाह खान ने इस सीट पर करीब 64 हजार वोट से जीत दर्ज की थी.
हरि नगर सीट से बीजेपी के उम्मीदवार तेजेंद्र पाल बग्गा पीछे चल रहे हैं. इस सीट आप उम्मीदवार राजकुमारी ढिल्लो ने 822 वोट की बढ़त बना रखी है. राजकुमारी ढिल्लो इस इलाके से दो बार पार्षद रही हैं, जबकि चुनाव की घोषणा होने के बाद वह कांग्रेस छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल हुईं.
कालकाजी सीट से आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार आतिशी सिर्फ 6 वोट से आगे चल रही हैं. आतिशी और बीजेपी उम्मीदवार धर्मवीर सिंह के बीच कांटे की टक्कर बनी हुई है. कालकाजी सीट से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष गुप्ता की बेटी शिवानी गुप्ता भी चुनाव लड़ रही हैं, लेकिन उन्हें अब तक सिर्फ 1600 वोट ही मिले हैं.
रोहिणी से बीजेपी उम्मीदवार और नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता करीब 500 वोट से पीछे चल रहे हैं. शुरुआत में विजेंद्र गुप्ता करीब पांच हजार वोट से पीछे चल रहे थे, लेकिन अब वो वापसी करने में कामयाब होते दिख रहे हैं. विजेंद्र गुप्ता 2015 में बीजेपी के जीत दर्ज करने वाले तीन विधायकों में से एक हैं.
मॉडल टाउन से बीजेपी उम्मीदवार कपिल मिश्रा करीब 8 हजार वोट से पीछे चल रहे हैं. 2015 में करावल नगर से आप के टिकट पर जीत दर्ज करने वाले कपिल मिश्रा अब AAP उम्मीदवार अखिलेश त्रिपाठी से पीछे चल रहे हैं.
नई दिल्ली सीट से केजरीवाल ने करीब 7 हजार वोट की बढ़त बना रखी है. दूसरे नंबर पर बीजेपी के सुनील यादव हैं. केजरीवाल तीसरी बार विधायक बनने के लिए नई दिल्ली सीट से किस्मत आजमा रहे हैं. 2013 और 2015 के विधानसभा चुनाव में केजरीवाल इसी सीट से जीतकर सीएम बनने में कामयाब हुए हैं.
मनीष सिसोदिया पटपड़गंज सीट पर वापसी करते हुए दिख रहे हैं. अब बीजेपी उम्मीदवार रवि नेगी की बढ़त सिर्फ 700 वोट की रह गई है. दो राउंड के बाद रवि नेगी करीब 2 हजार वोट से आगे हो गए थे. मनीष सिसोदिया अगर हारते हैं तो यह आम आदमी पार्टी के लिए बहुत बड़ा झटका साबित हो सकता है.
मुस्तफाबाद सीट पर बीजेपी उम्मीदवार जगदीश प्रधान ने करीब 30 हजार वोट से बढ़त बना रखी है. बीजेपी उम्मीदवार को अब तक 45 हजार वोट मिल चुके हैं, जबकि आप उम्मीदवार 15 हजार वोट के साथ दूसरे नंबर पर है. 2015 में बीजेपी के जगदीश प्रधान ने इस सीट पर करीब पांच हजार वोट से जीत दर्ज की थी.
ओखला सीट से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अमानतुल्लाह खान का दावा है कि 11 राउंड की काउटिंग के बाद वह 65,546 वोट से आगे चल रहे हैं. अमानतुल्लाह खान ने पिछले चुनाव में भी ओखला सीट से बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी. बता दें कि शाहीन बाग में सीएए के खिलाफ चल रहे आंदोलन की वजह से ओखला सीट काफी अहम है. शाहीन बाग इलाके के पांचों पोलिंग बूथ इसी सीट में आते हैं.
11 राउंड पूरे होने के बाद 65546 वोट से आगे हूँ।— Amanatullah Khan AAP (@KhanAmanatullah) February 11, 2020
कांग्रेस के सभी दिग्गज नेता अब पूरी तरह से जीत की रेस से बाहर हो चुके हैं. दिल्ली की 70 में से एक भी सीट ऐसी नहीं है जहां कांग्रेस दूसरे नंबर पर हो. अरविंदर सिंह लवली, हारून यूसुफ, परवेज हाशमी, मतीन अहमद, अलका लांबा समेत कांग्रेस के तामाम बड़े चेहरे अब अपनी जमानत बचाने की लड़ाई लड़ते हुए दिख रहे हैं.
बाबरपुर आम आदमी पार्टी के लिए अच्छी खबर है. दिल्ली सरकार में मंत्री और दिल्ली की आप यूनिट के संयोजक गोपाल राय बाबरपुर से 9 हजार वोट की बढ़त बनाए हुए हैं. गोपाल राय को इस सीट से 2013 में हार का सामना करना पड़ा था, जबकि 2015 में वो जीत दर्ज करने में कामयाब रहे थे.
पटपड़गंज सीट से आम आदमी पार्टी के लिए अच्छी खबर नहीं है. तीन राउंड की काउटिंग के बाद मनीष सिसोदिया 1100 वोट से पीछे चल रहे हैं. मनीष सिसोदिया ना सिर्फ दिल्ली सरकार में डिप्टी सीएम हैं, बल्कि आम आदमी पार्टी के नंबर दो के नेता भी हैं. उनका पीछे होना आम आदमी पार्टी के काम के नाम पर चुनाव लड़ने के नारे पर भी चोट साबित हो सकता है.
चांदनी चौक सीट से प्रहलाद सिंह 12 हजार वोट से आगे चल रहे हैं. प्रहलाद सिंह के शुरुआत में ही इतनी बड़ी बढ़त बना लेने से ये लगभग तय हो गया है कि कांग्रेस उम्मीदवार और पूर्व विधायक अलका लांबा इस सीट पर मुकाबले से बाहर हो चुकी है. अलका लांबा को प्रहलाद सीट के मुकाबले 1000 वोट भी नहीं मिले हैं.
मुस्तफाबाद सीट से बीजेपी उम्मीदवार जगदीश प्रधान बड़ी जीत की ओर बढ़ रहे हैं. जगदीश प्रधान 20 हजार वोट से आगे चल रहे हैं. 2015 के विधानसभा चुनाव में जगदीश प्रधान सिर्फ 6 हजार वोट से जीत दर्ज करने में कामयाब रहे थे.
चुनाव आयोग के मुताबिक सभी 70 सीटों के रुझान सामने आ गए हैं. रुझानों में आम आदमी पार्टी 52 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि बीजेपी ने 18 सीटों पर बढ़त बना रखी है. कांग्रेस का खाता खुलता हुआ भी दिखाई नहीं दे रहा है. इतना ही नहीं कांग्रेस पार्टी किसी भी सीट पर दूसरे नंबर पर भी नहीं है.
कालकाजी सीट पर बीजेपी उम्मीदवार धर्मवीर सिंह आगे चल रहे हैं. हालांकि आतिशी के मुकाबले उनकी बढ़त अब सिर्फ 11 वोट की रह गई है. लेकिन धर्मवीर सिंह लगातार इस सीट से बढ़त बनाए हुए हैं.
इस चुनाव में भी कांग्रेस के खाता खुलने के कोई आसार नज़र आ रहे हैं. दिल्ली की 70 में से एक भी सीट ऐसी नहीं है जहां कांग्रेस उम्मीदवार दूसरे नंबर पर हो. कांग्रेस के सभी बड़े चेहरे अरविंदर सिंह लवली, मतीन अहमद, अलका लांबा, हारून यूसुफ तीसरे नंबर पर चल रहे हैं और ये सभी नेता अब लगभग जीत की रेस से बाहर दिखाई दे रहे हैं.
चांदनी चौक सीट से अलका लांबा की हार लगभग तय लग रही है. प्रहलाद सिंह ने शुरुआत में ही 6 हजार वोट की बढ़त हासिल कर ली है. उनके मुकाबले में अलका लांबा को अब तक सिर्फ 152 वोट मिले हैं. इन रुझानों से साफ है कि मुस्लिमानों ने चांदनी चौक सीट पर आम आदमी की तरफ वोटिंग की है, क्योंकि जिन बूथों के रुझान सामने आ रहे हैं वहां मुस्लिम आबादी करीब 90 फीसदी है.
हरि नगर सीट से अब बीजेपी उम्मीदवार तेजेंद्र पाल बग्गा 50 वोट से पीछे चल रहे हैं. बग्गा के सामने आम आदमी पार्टी ने राज कुमारी ढिल्लो को उम्मीदवार बनाया है. राज कुमारी ढिल्लो हरि नगर से दो बार की पूर्व पार्षद हैं और पूर्व कांग्रेस नेता रही है. ढिल्लो ने 25 दिन पहले ही आम आदमी पार्टी ज्वाइन की.
मुस्तफाबाद सीट से बीजेपी उम्मीदवार जगदीश प्रधान बड़ी जीत की ओर बढ़ रहे हैं. जगदीश प्रधान 11 हजार वोट से आगे चल रहे हैं. 2015 के विधानसभा चुनाव में जगदीश प्रधान सिर्फ 6 हजार वोट से जीत दर्ज करने में कामयाब रहे थे.
चुनाव आयोग के मुताबिक पटपड़गंज से मनीष सिसोदिया की बढ़त घटकर सिर्फ 74 पर आ गई है. मनीष सिसोदिया आम आदमी पार्टी के दूसरे सबसे बड़े नेता है. दिल्ली में शिक्षा सुधार का चेहरा मनीष सिसोदिया को ही बताया जाता है. ऐसे में सिसोदिया का सिर्फ 74 वोट से आगे होना आम आदमी पार्टी की चिंता बढ़ा सकता है.
शकूरबस्ती से सतेंद्र जैन बीजेपी उम्मीदवार के मुकाबले करीब 100 वोट से पीछे चल रहे हैं. बीजेपी ने इस सीट पर एस सी वत्स को उम्मीदवार बनाया है. एस सी वत्स इस सीट से कांग्रेस के टिकट पर दो बार विधायक रहे हैं. हालांकि इस बार वो बीजेपी के टिकट पर किस्मत आजमा रहे हैं.
नई दिल्ली सीट से केजरीवाल अपनी सबसे बड़ी जीत दर्ज कर सकते हैं. रुझानों में केजरीवाल ने चार हजार वोट से बढ़त बना रखी है. राघव चड्डा भी राजेंद्र नगर से 3500 से ज्यादा वोट से आगे चल रहे हैं. राघव चड्डा लगातार अपनी बढ़त बढ़ा रहे हैं.
बल्लीमारान सीट से आप नेता और दिल्ली सरकार के मंत्री इमरान हुसैन ने करीब 1100 वोट की बढ़त बना ली है. अब बल्लीमारान सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता हारून यूसुफ बाहर होते हुए दिखाई दे रहे हैं. बीजेपी उम्मीदवार लत्ता सोढ़ी दूसरे नंबर पर चल रही हैं.
अलका लांबा चांदनी चौक सीट से पांच हजार वोट से पीछे चल रही हैं. आप उम्मीदवार प्रहलाद लगातार इस सीट से बढ़त बनाए हुए हैं. प्रहलाद सिंह इस सीट पर पांच बार के पूर्व विधायक रहे हैं. हाल ही में प्रहलाद कांग्रेस का साथ छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल हुए थे.
पटपड़गंज सीट से मनीष सिसोदिया 112 वोट से आगे चल रहे हैं. मनीष सिसोदिया को टक्कर देने के लिए बीजेपी के रवि नेगी मैदान में हैं. मनीष सिसोदिया 2013 और 2015 में इस सीट से जीत दर्ज करने में कामयाब रहे हैं. शुरुआती रुझानों में मनीष सिसोदिया के कद को देखते हुए यह बढ़त काफी कम नज़र आ रही है.
बल्लीमारान सीट पर कांग्रेस को बड़ा झटका लगता हुआ दिखाई दे रहा है. कांग्रेस के दिग्गज नेता हारून यूसुफ तीसरे नंबर पर चल रहे हैं. शुरुआत में हारून यूसुफ बढ़त बनाए हुए थे. अभी बीजेपी उम्मीदवार लत्ता सोढ़ी 600 वोट से आगे चल रही है, जबकि आप उम्मीदवार इमरान हुसैन दूसरे नंबर पर हैं.
कालकाजी सीट आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार आतिशी करीब 300 वोट से एक बार फिर पीछे चली गई है. आतिशी को बीजेपी उम्मीदवार धर्मवीर सिंह से कड़ी चुनौती मिल रही है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष गुप्ता की बेटी शिवानी गुप्ता भी इसी सीट से चुनाव मैदान में हैं.
मुस्तफाबाद सीट से बीजेपी उम्मीदवार जगदीश प्रधान करीब 7 हजार वोट के अंतर से आगे चल रहे हैं. इस सीट से आप उम्मीदवार हाजी यूसुफ पीछे चल रहे हैं. 2015 में जगदीश प्रधान बीजेपी के तीन जीतने वाले उम्मीदवारों में से एक थे. हालांकि जगदीश प्रधान ने 2015 में बेहद ही कड़े मुकाबले में जीत दर्ज की थी.
राजेंद्र नगर सीट से आप उम्मीदवार राघव चड्डा 2300 वोट से बढ़त बनाए हुए हैं. राघव चड्डा को आप अपने युवा चेहरे के तौर पर पेश करती है. चुनाव प्रचार के दौरान भी राघव चड्डा काफी चर्चा में थे. ऐसे में राघव चड्डा का शुरुआती रुझानों में ही इतने बड़े अंतर से आगे चलना आप के लिए काफी अच्छी खबर है.
मंगोलपुरी सीट से आम आदमी पार्टी की युवा नेता राखी बिड़लान दो हजार वोट से आगे चल रही है. 2013 तक यह सीट कांग्रेस का गढ़ रही है, लेकिन 2013 में राखी बिड़लान ने कांग्रेस के गढ़ में दिग्गज नेता राज कुमार चौहान को हराकर सेंध लगा दी. राखी बिड़लान दो बार सीट से उम्मीदवार जीत चुकी है. कांग्रेस ने राजेश लिलोटिया को इस सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है.
करावल नगर सीट पर बीजेपी लगातार बढ़त बनाए हुए है. बीजेपी उम्मीदवार मोहन कुमार बिष्ट इस सीट से 700 वोटों से अंतर से बढ़त बनाए हुए. आम आदमी पार्टी ने इस सीट पर केजरीवाल के करीबी नेताओं में से एक दुर्गुेश पाठक को उम्मीदवार बनाया है. 2015 में करावल नगर से आप के टिकट पर कपिल मिश्रा ने जीत दर्ज की थी.
बल्लीमारान सीट पर अब दिल्ली सरकार के मंत्री इमरान हुसैन आगे हो गए हैं. शुरुआत में पिछड़ने के बाद इमरान हुसैन मजबूत वापसी करते हुए दिख रहे हैं. इमरान को कांग्रेस के दिग्गज नेता हारून यूसुफ और बीजेपी की लत्ता सोढ़ी से टक्कर मिल रही है.
बीजेपी को रोहिणी से बड़ा झटका लगता हुआ दिख रहा है. रोहिणी से बीजेपी के दिग्गज नेता और नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता 5 हजार वोट से पीछे चल रहे हैं. रोहिणी सीट बीजेपी का गढ़ माना जाता है. लेकिन इस बार विजेंद्र गुप्ता का जादू चलता नहीं दिख रहा है. हालांकि मॉडल टाउन से बीजेपी उम्मीदवाल कपिल मिश्रा आगे चल रहे हैं. कपिल मिश्रा ने आप से बीजेपी में पाला बदला है.
नई दिल्ली सीट से केजरीवाल करीब 2000 वोट के अंतर से आगे चल रहे हैं. शुरुआती रुझानों की बढ़त से लग रहा है कि नई दिल्ली सीट से केजरीवाल अपनी सबसे बड़ी जीत दर्ज कर सकते हैं. 2013 में केजरीवाल करीब 25 हजार वोट से और 2015 में करीब 34 हजार वोट से जीत दर्ज करने में कामयाब हुए थे.
बल्लीमारान सीट से बीजेपी उम्मीदवार लता सोढ़ी आगे चल रही है. लता सोढ़ी को दो मजबूत उम्मीदवारों की टक्कर का फायदा मिलता दिख रहा है. इस सीट कांग्रेस के दिग्गज नेता हारून यूसुफ और आप सरकार के मंत्री इमरान हुसैन भी मैदान में हैं.
मटिया महल सीट से आप उम्मीदवार शोएब इकबाल आगे चल रहे हैं. शोएब इकबाल इस सीट से पांच बार के विधायक रहे हैं. चुनाव की घोषणा होने के बाद शोएब इकबाल कांग्रेस छोड़कर आप में शामिल हुए. शोएब इकबाल पिछले चुनाव में चुनाव के टिकट पर मैदान में उतरे थे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
कालकाजी सीट से आप उम्मीदवार आतिशी करीब 200 वोट से पीछे चल रही है. कालकाजी सीट से आतिशी का पीछे होना आप के लिए बड़ा झटका है, क्योंकि आतिशी पार्टी के सबसे उभरते हुए चेहरों में से एक हैं. इसके अलावा नजफगढ़ सीट से कैलाश गहलोत का लगातार पीछे रहना भी आप के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है. कैलाश गहलोत केजरीवाल के करीबी नेताओं में से एक हैं.
ग्रेटर कैलाश से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार सौरव भारद्वाज आगे चल रहे हैं. सौरव भारद्वाज इस सीट पर दो बार जीत दर्ज कर चुके हैं. 2013 में सौरव पहली बार और 2015 में दूसरी बार इस सीट से जीत दर्ज की थी.
नई दिल्ली सीट से केजरीवाल लगातार बढ़त बनाए हुए हैं. केजरीवाल इस सीट से तीसरी बार किस्मत आजमा रहे हैं. केजरीवाल ने 2013 में दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित को हराकर इस सीट से जीत दर्ज की थी. 2015 में केजरीवाल इस सीट को बचाने में कामयाब रहे. हालांकि रुझानों में उनकी पार्टी का प्रदर्शन पिछले चुनाव के मुकाबले ज्यादा अच्छा नहीं कहा जा सकता, क्योंकि 67 सीटें जीतने वाली आम आदमी पार्टी 53 सीटों पर ही आगे चल रही है.
ओखला सीट से आम आदमी पार्टी के अमानतुल्लाह आगे चल रहे हैं. ओखला सीट पर शाहीन बाग में सीएए के खिलाफ चल रहे आंदोलन का प्रभाव देखने को मिल सकता है. शाहीन बाग इलाके के सभी पांचों पोलिंग बूथ ओखला सीट में ही आते हैं. शाहीन बाग में भारी मतदान भी देखने को मिला था.
जनकपुरी सीट से बीजेपी के आशीष सूद आगे चल रहे हैं. शुरुआती रुझानों में एग्जिट पोल सही साबित होते हुए दिखाई दे रहे हैं. एग्जिट पोल में अनुमान लगाया जा रहा था कि बीजेपी के आशीष सूद आम आदमी पार्टी से यह सीट छीन सकते हैं.
बल्लीमारन सीट से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार इमरान हुसैन का पीछे होना बड़ा झटका साबित हो सकता है. इमरान हुसैन दिल्ली सरकार में मंत्री हैं और कहीं ना कहीं आम आदमी पार्टी उन्हें अपने मुस्लिम चेहरे के तौर पर पेश करती है. बल्लीमारन सीट से पांच बार के विधायक रहे हारून यूसुफ का आगे होना कांग्रेस के लिए राहत की बात है. हारून यूसुफ इस सीट से पांच बार के विधायक हैं.
शुरुआती रुझानों में आम आदमी पार्टी काफी आगे निकल चुकी है. आम आदमी पार्टी 53 सीटों पर आगे चल रही है. बीजेपी के प्रदर्शन में पहले की तुलना में सुधार होता हुआ दिखाई दे रहा है. इस बार बीजेपी 16 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि कांग्रेस भी खाता खोलते हुए एक सीट पर बढ़त बनाए हुए है. पिछले चुनाव में आप को 67 और बीजेपी को तीन सीट पर जीत मिली थी.
हरि नगर सीट से बीजेपी उम्मीदवार तेजेंद्र पाल बग्गा अब आगे चल रहे हैं. इस सीट पर सिख वोटर्स बड़ी तादाद में हैं. पहले यह सीट बीजेपी की सहयोगी शिरोमणि अकाली दल के खाते में जाती थी, लेकिन इस बार पार्टी के चुनाव नहीं लड़ने से बीजेपी ने आखिरी वक्त में तेजेंद्र पाल बग्गा को यहां से उम्मीदवार बनाने का फैसला किया.
कांग्रेस को राहत मिली है. बल्लीमारन सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता हारून यूसुफ आगे चल रहे हैं. हारून यूसुफ इस सीट से पांच बार के विधायक रहे हैं. हारून यूसुफ के सामने दिल्ली सरकार में मंत्री इमरान हुसैन की चुनौती है.
बाबरपुर से आम आदमी पार्टी के दिग्गज नेता गोपाल राय आगे चल रहे हैं. 2015 में गोपाल राय पहली बार इस सीट से चुनाव जीतने में कामयाब हुए थे. गोपाल राय दिल्ली यूनिट के संयोजक होने के अलावा आप सरकार में मंत्री भी हैं. आम आदमी पार्टी सरकार के एक और मंत्री सतेंद्र जैन भी शकूरबस्ती से आगे चल रहे हैं. एग्जिट पोल में सतेंद्र जैन को बीजेपी से मजबूत चुनौती मिलने का अनुमान लगाया जा रहा था.
रुझानों में आम आदमी पार्टी काफी आगे निकल चुकी है. आम आदमी पार्टी 56 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि बीजेपी सिर्फ 14 सीटों पर आगे है. हालांकि बीजेपी के लिए अच्छी खबर है कि रोहिणी से उसके उम्मीदवार और नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता आगे चल रहे हैं.
नई दिल्ली सीट से सीएम केजरीवाल आगे चल रहे हैं. केजरीवाल के सामने बीजेपी ने सुनील यादव को उम्मीदवार बनाया है. कांग्रेस ने इस सीट से रोमेश सभरवाल को टिकट दिया है. लेकिन केजरीवाल के राजनीतिक कद के सामने इन दोनों नेताओं का कद काफी छोटा है. केजरीवाल ने 2013 में शीला दीक्षित को हराकर इस सीट से जीत दर्ज की थी.
आम आदमी पार्टी ने राजेंद्र नगर सीट से राघव चड्डा को उम्मीदवार बनाया है. राघव चड्डा पोस्टल बैलेट की गिनती में आगे चल रहे हैं. राघव चड्डा को लोकसभा चुनाव में साउथ दिल्ली सीट से हार का सामना करना पड़ा था.
दिल्ली सरकार में डिप्टी मंत्री का पद संभालने वाले मनीष सिसोदिया आगे चल रहे हैं. मनीष सिसोदिया पटपड़गंज सीट 2013 और 2015 में चुनाव जीतने में कामयाब रहे हैं. मनीष सिसोदिया के सामने बीजेपी और कांग्रेस कोई मजबूत कैंडिडेट खड़ा कर पाने में कामयाब नहीं हो पाई.
कालकाजी से आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार आतिशी आगे चल रही हैं. लोकसभा चुनाव में हार का सामना करने के बाद आतिशी का कालकाजी सीट से आगे चलना पार्टी के लिए राहत की बात हो सकती है. आतिशी को आम आदमी पार्टी शिक्षा सुधार का चेहरा बनाकर पेश करती रही है.
सीलमपुर सीट से आम आदमी पार्टी के मतीन अहमद पीछे चल रहे हैं. पोस्टल बैलेट की गिनती में कांग्रेस उम्मीदवार मतीन अहमद का पीछे रहना पार्टी के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है. मतीन अहमद 2015 में भी यह सीट नहीं बचा पाए थे. 2015 से पहले तक यह सीट लंबे समय तक कांग्रेस का गढ़ रही है.
करावल नगर सीट पर आम आदमी पार्टी को झटका लग सकता है. आम आदमी पार्टी ने करावल नगर सीट से दुर्गुश पाठक को उम्मीदवार बनाया है. लेकिन यहां से बीजेपी उम्मीदवार मोहन सिंह बिष्ट आगे चल रहे हैं. पिछले चुनाव में कपिल मिश्रा यहां से विधायक चुने गए थे.
बीजेपी नेता और विश्वास नगर से उम्मीदवार ओपी शर्मा आगे चल रहे हैं. पिछले चुनाव में बीजेपी के सिर्फ तीन विधायक चुन गए थे और ओपी शर्मा उनमें से एक हैं. ओपी शर्मा 2013 और 2015 में विश्वास नगर सीट से जीत दर्ज कर चुके हैं.
कांग्रेस के लिए 2020 के विधानसभा चुनाव बड़ा झटका साबित हो सकते हैं. कांग्रेस के सभी बड़े उम्मीदवार अरविंदर सिंह लवली, हारुन युसुफ, अलका लांबा, मतीन अहमद सभी अपनी-अपनी सीट से पीछे चल रहे हैं. दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री अशोक वालिया ने भी कृष्णा नगर से चुनाव लड़ने का फैसला किया, लेकिन वहां से भी वो पीछे चल रहे हैं.
आम आदमी पार्टी को नजफगढ़ सीट पर बड़ा झटका लग सकता है. दिल्ली सरकार में मंत्री कैलाश गहलोत पीछे चल रहे हैं. हालांकि अभी पोस्टल बैलेट की गिनती हो रही है. इससे पहले सामने आए एग्जिट पोल्स में भी नजफगढ़ सीट पर कड़ी टक्कर होने के अनुमान लगाए जा रहे हैं.
दिल्ली विधानसभा स्पीकर रामनिवास गोयल अपनी सीट शाहदरा से आगे चल रहे हैं. पिछले चुनाव में रानविनास गोयल इसी सीट से चुनाव जीतकर विधानसभा स्पीकर बनने में कामयाब रहे थे. जो एग्जिट पोल सामने आए थे उनमें अनुमान लगाया जा रहा था कि रामनिवास गोयल इस सीट को बचाने में कामयाब हो जाएंगे.
आम आदमी पार्टी के तिमारपुर से उम्मीदवार दिलीप पांडे पीछे चल रहे हैं. दिलीप पांडे पहली बार विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमा रहे हैं. हालांकि पिछले साल लोकसभा चुनाव में भी दिलीप पांडे को हार का सामना करना पड़ा था. दिलीप पांडे पूर्व में दिल्ली यूनिट के संयोजक भी रह चुके हैं.
बीजेपी उम्मीदवार तेजेंद्र पाल बग्गा हरि नगर से पीछे चल रहे हैं. शुरुआती रुझानों में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार की आगे चलने की खबर है. चुनाव प्रचार के दौरान बग्गा काफी चर्चा में रहे थे. ऐसे में उनका पीछे रहना बीजेपी के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है.
बैकग्राउंड
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020: दिल्ली की सभी 70 विधानसभा सीटों के नतीजों सामने आने शुरू हो गए हैं. नतीजों के साथ ना सिर्फ नई सरकार की तस्वीर साफ होगी, बल्कि आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस के दिग्गज चेहरों के भविष्य का फैसला भी होगा. आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली से तीसरी बार किस्मत आजमा रहे हैं. वहीं बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता की किस्मत रोहिणी सीट से दांव पर लगी है. कांग्रेस के अरविंदर सिंह लवली भी गांधी नगर सीट से मैदान में है.
इन दिग्गज नेताओं के अलावा आम आदमी पार्टी के युवा चेहरे आतिशी और राघव चड्डा भी मैदान में है. वहीं आम आदमी पार्टी से कांग्रेस में शामिल होने वाली अलका लांबा की किस्मत भी तय होगी. दिल्ली सरकार में मंत्री रहे सतेंद्र जैन, गोपाल राय, इमरान हुसैन जैसे दिग्गज नेताओं की किस्मत भी दिल्ली चुनाव में दांव पर लगी है.