MCD Result 2022: दिल्ली की आम आदमी पार्टी ने एमसीडी में करिश्माई प्रदर्शन किया है. उसने दिल्ली नगर निगम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की 15 साल की बादशाहत खत्म कर दी है. एमसीडी की 250 वार्डों पर हुए निकाय चुनाव में चुनाव आयोग की वेबसाइट के मुताबिक आप ने 134 सीटों पर जीत दर्ज की है. वहीं दूसरे नंबर बीजेपी रही जिसने 104 सीटों पर जीत दर्ज की. कांग्रेस का हाल बेहाल हो गया है. वो 250 वार्डों में से सिर्फ 9 सीटें ही जीत पाई है. वहीं अन्य के खाते में 3 सीटें गई हैं.


15 साल की बादशाहत खत्म, किला ध्वस्त


बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव बेशक बीजेपी सालों से नहीं जीत पाई हो लेकिन एमसीडी में उसका राज कायम रहा है. बीजेपी 2007 से ही एमसीडी में बहुमत में थी. यानी एक दशक से भी ज्यादा समय बाद बीजेपी का किला ध्वस्त हुआ है. दिल्ली केंद्र शासित प्रदेश है. दिल्ली की सभी लोकसभा सीटों पर बीजेपी का कब्जा है. विधानसभा सीटों पर जीत हासिल करना बीजेपी और कांग्रेस के लिए असंभव बन गया है. यहां अरविंद केजरीवाल मैजिक चलता है. बीजेपी को उम्मीद थी कि कम से कम एमसीडी में उसकी बादशाहत बनी रहेगी लेकिन ऐसा नहीं हो पाया.


MCD में AAP की जीत का मतलब क्या है


दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार और एमसीडी की बीजेपी सरकार के बीच अधिकार और जिम्मेदारी को लेकर अक्सर खींचतान बनी रही है. अरविंद केजरीवाल अब इस मुकाबले को जीत चुके हैं. इससे AAP की ताकत राजधानी में बढ़ गई है. अब आम आदमी पार्टी कई फैसले खुद ले सकती है. आइए समझते हैं एमसीडी में AAP की सरकार बनने के क्या मायने हैं.


AAP के जीत के मायने


दिल्ली केंद्र शासित प्रदेश है. दिल्ली की सभी लोकसभा सीटों पर बीजेपी का कब्जा है. विधानसभा सीटों पर जीत हासिल करना बीजेपी और कांग्रेस के लिए असंभव बन गया था. यहां अरविंद केजरीवाल मैजिक चलता है. बीजेपी को उम्मीद थी कि कम से कम एमसीडी में उसकी बादशाहत बनी रहेगी लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. मोदी मैजिक का असर भी यहां शून्य रहा. बीजेपी चाहती थी कि देश के दिल दिल्ली के महत्वपूर्ण संरचना पर बीजेपी का कब्जा बरकरार रहे.


आम आदमी पार्टी जबसे सत्ता में आई है तब से ही शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर खूब बात करती है. इन दो मुद्दों पर पार्टी का एमसीडी में बीजेपी की सरकार होने की वजह से टकराऊ की स्थिति बनी रहती थी. दरअसल, एमसीडी प्राइमरी शिक्षा का संचालन करता है, वहीं दूसरे ग्रेड के स्कूलों का संचालन दिल्ली सरकार करती है. जब दिल्ली सरकार प्राइमरी स्कूलों में दखल देती थी तो एमसीडी के साथ टकराव सामने आते थे. अब ऐसा नहीं होगा. 


शिक्षा की तरह ही हेल्थ सैक्टर को लेकर भी आप और बीजेपी की एमसीडी सरकार आमने सामने होती थी. हेल्थ सेक्टर में दिल्ली सरकार बड़े अस्पतालों का संचालन करती है, वहीं बड़े अस्पातल पूरी तरह से दिल्ली सरकार पर निर्भर होते हैं. टैक्स कलेक्शन में भी एमसीडी और दिल्ली सरकार के काम बंटे हुए हैं. एमसीडी बॉर्ड एरिया में टोल टैक्स कलेक्ट करता है, लगान के अधिकार भी एमसीडी के पास हैं. दिल्ली सरकार एक्सेसाइज ड्यूटी, सर्विस और दूसरे विभागों से कर वसूलती है. 


इन सभी अधिकारों के बंटवारे की वजह से जो टकराहट की स्थिति पहले थी वो अब नहीं होगी और आम आदमी पार्टी सुचारू रूप से काम कर पाएगी.


संक्षिप्त में समझें


1- आप की जीत से MCD में BJP के 15 साल का वर्चस्व खत्म हो गया है.
2- इस जीत के साथ ही AAP के पास बहुत बड़ी जिम्मेदारी भी आ गई है. अब अरविंद केजरीवाल की पार्टी विधानसभा और MCD दोनों को नियंत्रित करेगी.
3-आम आदमी पार्टी सार्वजनिक जीवन के सभी पहलुओं - जन्म से मृत्यु तक (स्कूल, स्वास्थ्य, पानी, बिजली, सड़क, पार्क, आदि) की कमान संभालेगी.
4- अरविंद केजरीवाल का अब दिल्ली में कद और बढ़ेगा. विधानसभा में रिकॉर्ड जीत दर्ज करने वाली आप अब MCD की भी बादशाह है.


बीजेपी की बादशाहत खत्म


एमसीडी में बीजेपी लगातार 15 साल से काबिज रही है. 2007 से लगातार बीजेपी एमसीडी चुनाव जीत रही है. हालांकि इस दौरान बीजेपी कभी दिल्ली में सरकार नहीं बना पाई. दिल्ली सरकार और बीजेपी के बीच इसलिए भी


एमसीडी चुनाव में कांग्रेस का सूपड़ा साफ 


देश की राजनीति से गायब होती कांग्रेस के लिए एमसीडी चुनाव में भी निराशा ही हाथ लगी है. चुनाव में कांग्रेस का सफाया हो गया है. पिछली बार से भी कम सीटें पार्टी को मिली हैं. आइए देखें पिछली बार कांग्रेस को कितनी सीटें आई थी.


कांग्रेस 1998 से 2013 तक दिल्ली में सत्ता में थी, लेकिन 2007 और 2012 में एमसीडी का चुनाव हार गई थी. 2017 में कांग्रेस को सिर्फ 31 सीटों पर जीत मिली थी. 


2017- दिल्ली नगर निगम के नतीजे
उत्तरी दिल्ली


कुल सीट – 104
बहुमत – 53
बीजेपी – 64
आप – 21
कांग्रेस – 16
अन्य – 3

दक्षिणी दिल्ली


कुल सीट – 104
बहुमत – 53
बीजेपी – 70
आप – 16
कांग्रेस – 12
अन्य – 6



पूर्वी दिल्ली


कुल सीट – 64
बहुमत – 33
बीजेपी - 47
आप – 12
कांग्रेस – 3
अन्य – 2



2012- दिल्ली नगर निगम के नतीजे


उत्तरी दिल्ली


कुल सीट – 104
बहुमत – 53
बीजेपी – 59
कांग्रेस – 29
अन्य – 16

दक्षिण दिल्ली


कुल सीट – 104
बहुमत – 53
बीजेपी – 44
कांग्रेस – 29
अन्य – 31


पूर्वी दिल्ली


कुल सीट – 64
बहुमत – 33
बीजेपी - 35
कांग्रेस – 19
अन्य – 10