RPN Singh Joins BJP: उत्तर प्रदेश के चुनावों से ऐन पहले कांग्रेस को करारा झटका देते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह ने बीजेपी का दामन थाम लिया है. बीजेपी में शामिल होने के बाद आरपीएन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने राष्ट्रनिर्माण के लिए जो किया, उससे मैं बहुत प्रभावित हूं.
मंगलवार को आपीएन सिंह दिल्ली में यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या एवं दिनेश शर्मा, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, धर्मेंद्र प्रधान और अनिल बलूनी जैसे नेताओं की मौजूदगी में बीजेपी में शामिल हुए. इस दौरान कांग्रेस के यूपी प्रदेश के प्रवक्ता शशि वालिया और यूपी कांग्रेस के प्रदेश सचिव राजेन्द्र अवाना ने भी बीजेपी ज्वाइन की.
बीजेपी में आधिकारिक तौर पर एंट्री के बाद आरपीएन सिंह ने कांग्रेस को लेकर कहा, "32 सालों तक मैं एक पार्टी में रहा. पूरे लगन से मैन काम किया, लेकिन वो पार्टी अब वो रह नहीं गई, जिसमें मैंने काम किया." इस दौरान उन्होंने कहा, "अगर देश में राष्ट्र निर्माण करना है और देश को आगे बढ़ाना है तो मैं एक छोटे कार्यकर्ता की हैसियत से हमारा प्रधानमंत्री मोदी के सपनों को पूरा करने के लिए जो भी प्रयास होगा अवश्य करूंगा."
आरपीएन सिंह ने कहा, "जैसा कि मैंने ही कहा कि पीएम मोदी के राष्ट्रनिर्माण की सोच से प्रभावित होकर मैंने बीजेपी का दामन थामा है." उन्होंने कहा कि फिलहाल किसी पर आरोप लगाने से कोई फायदा नहीं, किसी पर व्यक्तिगत टिप्पणी भी नहीं करूंगा, लेकिन मैं बीजेपी के काम से काफी प्रभावित हूं. उन्होंने कहा कि बीजेपी जो भी काम देगी वो करूंगा.
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आरपीएन सिंह को भारतीय जनता पार्टी में शामिल कराने के बाद धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, "आरपीएन सिंह जी का मैं भारतीय जनता पार्टी परिवार में स्वागत करता हूं. उनके साथ 2 अन्य साथी भी बीजेपी में शामिल हुए हैं, मैं उनका भी पार्टी में स्वागत करता हूं.
कांग्रेस में कैसा रहा सिंह का सफर?
पूर्व केंद्रीय मंत्री सिंह अब तक कांग्रेस में राष्ट्रीय प्रवक्ता और झारखंड के प्रभारी की जिम्मेदारी निभा रहे थे. आरपीएन सिंह केंद्र में मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली यूपीए सरकार में गृह राज्य मंत्री रहे. वह 2009-2014 तक उत्तर प्रदेश की कुशीनगर लोकसभा सीट से सांसद रहे. इससे पहले वह कई वर्षों तक पडरौना विधानसभा क्षेत्र से विधायक भी रहे. साल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.