Lok Sabha Elections: अगले साल लोकसभा चुनाव 2024 होने वाले हैं. इसको लेकर बीजेपी और समाजवादी पार्टी (सपा) के सहयोगी दलों ने जोर लगाना शुरू कर दिया है. लोकसभा सीटों को लेकर बीजेपी की सहयोगी निषाद पार्टी पहले ही दावा पेश कर चुकी है. वहीं, अनुप्रिया पटेल के नेतृत्व वाली बीजेपी की एक अन्य सहयोगी अपना दल (एस) भी लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बड़ी सीटों में हिस्सेदारी की मांग कर सकती है. उधर, शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में प्रभावशाली प्रदर्शन के बाद सपा की सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) भी बड़ी हिस्सेदारी के लिए जोर दे रही है.
वरिष्ठ नेताओं ने किया इनकार
अपना दल के वरिष्ठ नेताओं ने ऐसी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि कई वरिष्ठ संगठनात्मक नेता इस संबंध में बीजेपी के साथ बातचीत शुरू करने की मांग उठा रहे हैं, जोकि समय के साथ इसकी काफी बढ़ी हुई राजनीतिक ताकत का हवाला दे रही है. बता दें कि अपना दल ने साल 2014 में मिर्जापुर और प्रतापगढ़ से और साल 2019 के लोकसभा चुनाव में मिर्जापुर और रॉबर्टगंज से चुनाव लड़ा था. दोनों ही बार पार्टी ने जीत हासिल की थी.
चुनाव आयोग ने अपना दल को किया प्रमोट
इस वर्ष की शुरुआत में अपना दल को चुनाव आयोग की तरफ से एक पंजीकृत राजनीतिक संगठन से एक राज्य पार्टी में प्रमोट किया गया था. साल 2017 में पार्टी ने नौ सीटें जीती थी. वहीं, साल 2022 के यूपी चुनावों में अपना दल ने 12 सीटों पर अपनी बढ़त बनाई. इतना ही नहीं, हाल ही में स्वार विधानसभा उपचुनाव जीतकर पार्टी ने एक और सीट जोड़ी. अपना दल के एक वरिष्ठ नेता ने टीओआई को बताया कि पार्टी नेतृत्व से उचित समय पर बीजेपी के साथ इस मुद्दे को उठाने की उम्मीद है.
केंद्रीय मंत्री हैं अनुप्रिया पटेल
लोकसभा में मिर्जापुर का प्रतिनिधित्व करने वाली अनुप्रिया पटेल केंद्रीय मंत्री भी हैं. उनके पति आशीष पटेल एमएलसी हैं और योगी सरकार में मंत्री हैं. इन दोनों के अलावा कोई अन्य अपना दल का नेता केंद्र या राज्य सरकारों में मंत्री नहीं है.
27 लोकसभा सीटों की मांग
बीजेपी की सहयोगी निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद ने पहले ही 27 लोकसभा सीटों के लिए दावा पेश कर दिया है. इन सीटों पर मछुआरा समुदाय की एक बड़ी आबादी है, जो अति पिछड़ा वर्ग है. साल 2017 के विधानसभा चुनावों में निषाद पार्टी ने केवल एक सीट जीती, जो भदोही के ज्ञानपुर से विजय मिश्रा जीते थे. साल 2022 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी के साथ गठबंधन करते हुए पार्टी ने अपनी संख्या छह तक बढ़ा दी. वहीं, संजय को योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री बना दिया गया. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में संजय के बेटे प्रवीण निषाद ने संत कबीर नगर से बीजेपी के टिकट पर जीत हासिल की थी.
रालोद ने पेश की दावेदारी
समाजवादी पार्टी की सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल भी साल 2022 के चुनावों और हाल ही में संपन्न शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में बेहतर प्रदर्शन के बाद अपनी दावेदारी पेश कर रही है. रालोद ने मुख्य रूप से पश्चिम यूपी के अपने गढ़ में निकाय चुनावों में अधिक सीटों की मांग की थी. रालोद सूत्रों ने कहा कि पार्टी प्रमुख जयंत चौधरी ने बरेली और मथुरा से पार्टी उम्मीदवारों के लिए मेयर का टिकट भी मांगा था, लेकिन सपा ने इस मांग को ठुकरा दिया.
सपा-रालोद में मतभेद
कांग्रेस के कर्नाटक विधानसभा चुनाव जीतने के बाद सपा और रालोद के बीच मतभेद और अधिक स्पष्ट हो गए. यहां तक कि जहां कांग्रेस मजबूत है, वहां पर अखिलेश ने समर्थन देने पर विचार किया. लेकिन, जयंत ने यह कहते हुए असहमति जताई कि विपक्ष औपचारिक रूप से बाद में कांग्रेस को समर्थन देने पर विचार करेगा. इसके अलावा, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के शपथ ग्रहण समारोह में अखिलेश यादव शामिल नहीं हुए थे. लेकिन, जयंत इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बेंगलुरु गए थे.
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