ABP Cvoter Survey 2024: CM शिंदे से PM मोदी तक को महाराष्ट्र दे सकता है टेंशन, चौंका रहे हैं इंडिया गठबंधन से जुड़े आंकड़े, जानें क्या कह रहा है सर्वे
ABP Cvoter Survey: महाराष्ट्र के 35 फीसदी लोग केंद्र सरकार के कामकाज से खुश नहीं हैं. वहीं, 37 फीसदी लोग राज्य सरकार के कामकाज से भी नाखुश हैं. एनडीए गठबंधन के लिए यह चिंता की बात है.
Desh Ka Mood: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए मतदान शुरू होने में सिर्फ 2 सप्ताह का समय रह गया है. इस बीच एबीपी सीवोटर के सर्वे में सत्ताधारी एनडीए गठबंधन के लिए चिंताजनक आंकड़े सामने आए हैं. महाराष्ट्र की जनता राज्य और केंद्र दोनों सरकार के कामकाज से खुश नहीं है. इससे साफ है कि आगामी चुनाव में महाराष्ट्र में सियासी तस्वीर बदल सकती है. सर्वे में यहां एनडीए और I.N.D.I.A. दोनों गठबंधन को 41 फीसदी वोट मिले हैं, लेकिन प्रधानमंत्री पद की पहली पसंद पीएम मोदी ही हैं.
महाराष्ट्र के 43 फीसदी लोग पीएम मोदी के कामकाज से खुश हैं. 27 फीसदी लोग कम संतुष्ट हैं, 2 फीसदी लोग कुछ तय नहीं कर पाए और 28 फीसदी लोग उनके काम से खुश नहीं हैं. हालांकि, राज्य के 61 फीसदी लोग उन्हें फिर से प्रधानमंत्री बनते देखना चाहते हैं. 29 फीसदी लोग राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाना चाहते हैं. 6 फीसदी लोग ऐसे हैं, जो किसी तीसरे विकल्प को पसंद करते हैं. वहीं, 4 फीसदी लोगों की राय स्पष्ट नहीं है.
केंद्र सरकार के कामकाज से कितना संतुष्ट ?
महाराष्ट्र में 31 फीसदी लोग केंद्र सरकार के काम से खुश हैं. वहीं, 30 फीसदी लोग सरकार के कामकाज से कम खुश हैं. 35 फीसदी लोग असंतुष्ट हैं और 4 फीसदी कुछ तय करने की स्थिति में नहीं थे. राज्य सरकार के काम से सिर्फ 23 फीसदी लोग ही खुश हैं. 34 फीसदी लोग कम खुश हैं और 37 फीसदी लोग सरकार के कामकाज से नाराज हैं. 6 फीसदी लोग कुछ तय नहीं कर पाए.
शिंदे के प्रति नाराजगी
महाराष्ट्र के 35 फीसदी लोग अपने मुख्यमंत्री के कामकाज से खुश नहीं हैं. 28 फीसदी लोग ऐसे हैं, जो कम खुश हैं और महज 30 फीसदी लोग ऐसे हैं, जो अपने मुख्यमंत्री के काम से खुश हैं. 7 फीसदी लोग कुछ कहने की स्थिति में नहीं हैं. वोट शेयर की बात करें तो एनडीए और विपक्षी दलों के I.N.D.I.A. दोनों गठबंधन को 41 फीसदी वोट मिल सकते हैं. वहीं, 18 फीसदी वोट अन्य के खाते में जाने की संभावना है. मार्च से तुलना करें तो एनडीए गठबंधन का वोट शेयर 2 फीसदी कम हुआ है. I.N.D.I.A. गठबंधन का वोट शेयर भी 1 फीसदी कम हुआ है. वहीं, अन्य का वोट शेयर 3 फीसदी बढ़ा है.