सीएम फडणवीस का गृह नगर नागपुर अब महाराष्ट्र का 'अपराध नगर'- शरद पवार
फडणवीस नागपुर से ही हैं और राज्य के गृह विभाग का प्रभार भी उनके पास है. पवार ने यह भी आरोप लगाया कि फडणवीस सरकार राज्य में फैक्टरियों में नौकरियां जाने से परेशान नहीं है.
वर्धा: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधते हुए कहा कि नागपुर अब प्रदेश के 'अपराध नगर' के रूप में जाना जाता है. प्रदेश की अब तक ऐसी बदनामी नहीं हुई थी. फडणवीस नागपुर से ही हैं और राज्य के गृह विभाग का प्रभार भी उनके पास है. वह नागपुर की एक विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. वर्धा जिले में एक चुनाव रैली को संबोधित करते हुए पवार ने कृषि संकट और नौकरियां जाने को लेकर केंद्र और राज्य की बीजेपी नीत सरकारों पर प्रहार किया.
एनसीपी प्रमुख ने कहा, ''कानून व्यवस्था सुनिश्चित करना, आम आदमी को न्याय प्रदान करना सरकार की जिम्मेदारी है. नागपुर महाराष्ट्र की दूसरी राजधानी है. नागपुर देश में राज्य के अपराध नगर के रूप में जाना जाता है.'' पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ''मुख्यमंत्री नागपुर से आते हैं. इस राज्य में नागपुर या विदर्भ की इस तरह की बदनामी कभी नहीं हुई थी.'' पवार ने आरोप लगाया कि फडणवीस सरकार के तहत राज्य का कर्ज बढ़ कर चार लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है.
पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री ने दावा किया कि बीजेपी-शिवसेना सरकार ने कृषि रिण माफी का फायदा राज्य में सिर्फ 30 फीसदी किसानों को पहुंचाया है. पवार ने यह भी आरोप लगाया कि फडणवीस सरकार राज्य में फैक्टरियों में नौकरियां जाने से परेशान नहीं है. कर्ज में फंसे जेट एयरवेज के बंद होने के उदाहरण का जिक्र करते हुए पवार ने कहा कि यदि सरकार सतर्क रहती तो वह निजी विमानन कंपनी के 20,000 कर्मचारियों की नौकरी किसी न किसी तरह से बचा लेती. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र राज्य सरकारी बैंक के संचालन मंडल में शामिल नहीं रहने के बावजूद बैंक से जुड़े घोटाले में उन्हें नामजद कर दिया गया.
एनसीपी प्रमुख ने कहा कि पिछले महीने उनके खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद उन्होंने खुद ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का रुख करने का फैसला किया. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ''चुनाव नजदीक होने को लेकर मुझे मुंबई के बाहर चुनाव प्रचार करने की जरूरत है. वे कह सकते थे कि मैं फरार हूं. इसलिए मैंने ईडी से संपर्क करने का फैसला किया.''
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