साध्वी प्रज्ञा ठाकुर पर चला EC का डंडा, चुनाव प्रचार पर लगाया 72 घंटे का बैन
इलेक्शन कमीशन ने अयोध्या राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद पर विवादित बयान देने के मामले में भोपाल से बीजेपी उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के खिलाफ पिछले हफ्ते मामला दर्ज करने का निर्देश दिया था.
नई दिल्लीः भोपाल लोकसभा सीट से बीजेपी की उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के चुनाव प्रचार करने पर इलेक्शन कमीशन ने 72 घंटे यानी 3 दिन का बैन लगा दिया है. ये प्रतिबंध गुरुवार सुबह 6 बजे से लागू होगा. बाबरी मस्जिद पर दिए गए विवादास्पद बयान के बाद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ आईपीसी धारा 188 के तहत आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया था. इसके चलते आज साध्वी प्रज्ञा पर ये बैन लगाया गया है.
अब चुनाव आयोग के बैन पर साध्वी प्रज्ञा का बयान भी आ गया है और उन्होंने कहा है कि मैं चुनाव आयोग का सम्मान करती हूं. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि मैं चुप रहूंगी तो जन जन बोलेंगे.
निर्वाचन आयोग ने अयोध्या राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद पर विवादित बयान देने के मामले में भोपाल लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के खिलाफ पिछले हफ्ते मामला दर्ज करने का निर्देश दिया था. इसके बाद भोपाल जिला निर्वाचन अधिकारी सुदाम खाड़े की ओर से प्रज्ञा ठाकुर को नोटिस जारी किया गया था. अयोध्या मामले में टिप्पणी किये जाने को लेकर बीजेपी प्रत्याशी के खिलाफ टीटी नगर पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी.
प्रज्ञा ठाकुर ने क्या कहा था? दरअसल पिछले दिनों टीवी चैनल को दिए बयान में साध्वी प्रज्ञा ने बयान में कहा था 'राम मंदिर हम बनाएंगे एवं भव्य बनाएंगे, हम तोड़ने गए थे ढांचा, मैने चढ़कर तोड़ा था ढांचा, इस पर मुझे भयंकर गर्व है, मुझे ईश्वर ने शक्ति दी थी, हमने देश का कलंक मिटाया है.'
इस संबंध में निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव के लिए लगे आचार संहिता उल्लंघन को लेकर प्रज्ञा को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया था और उनसे जवाब मांगा था. संतोषजनक जवाब न दे पाने के चलते साध्वी प्रज्ञा पर ये बैन लगाया गया है.
भोपाल से कांग्रेस के उम्मीदवार दिग्विजय सिंह ने भी इसको लेकर टवीट किया और कहा कि चुनाव आयोग का यह निर्णय अभिनंदनीय है। भाजपा साम्प्रदायिक विद्वेष की राजनीति करने वालों तथा आतंकवाद के आरोपियों को जब उम्मीदवार बनाएगी तब ऐसा होना स्वाभाविक है। आदर्श लोकतान्त्रिक मूल्यों की स्थापना व संरक्षण हेतु इस प्रकार के प्रत्याशियों का नामांकन रद्द करना श्रेयस्कर होगा।
चुनाव आयोग का यह निर्णय अभिनंदनीय है । भाजपा साम्प्रदायिक विद्वेष की राजनीति करने वालों तथा आतंकवाद के आरोपियों को जब उम्मीदवार बनाएगी तब ऐसा होना स्वाभाविक है। आदर्श लोकतान्त्रिक मूल्यों की स्थापना व संरक्षण हेतु इस प्रकार के प्रत्याशियों का नामांकन रद्द करना श्रेयस्कर होगा । https://t.co/YsKgQppoha
— digvijaya singh (@digvijaya_28) May 1, 2019
बता दें कि इस बार चुनाव आयोग आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के मामले को लेकर काफी सख्त है. कल ही चुनाव आयोग ने आजम खान के चुनाव प्रचार पर 48 घंटे का बैन लगा दिया था. इसके अलावा गुजरात बीजेपी के अध्यक्ष जीतू वाघाणी पर भी आपत्तिजनक बयान को लेकर बैन लगाया. इससे पहले नवजोत सिंह सिदधू पर भी ईसी विवादास्पद बयान देने के चलते कड़ी कार्रवाई कर चुका है. वहीं इस सब की शुरुआत तब हुई जब इलेक्शन कमीशन ने उत्तर प्रदेश में आजम खान, मायावती, योगी आदित्यनाथ और मेनका बनर्जी के चुनाव प्रचार पर बैन लगाया था.
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