नई दिल्लीः चुनाव आयोग भारतीय सांख्यकीय संस्थान (आईएसआई) की रिपोर्ट के आधार पर जल्द ही यह तय कर देगा कि वीवीपीएटी की कितनी पर्चियों का मतगणना में ईवीएम के मतों से मिलान किया जाये. आईएसआई ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट आयोग को सौंप दी. आयोग द्वारा जारी बयान के मुताबिक रिपोर्ट के सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद आयोग जल्द ही इस दिशा में फैसला करेगा.
उल्लेखनीय है कि मौजूदा व्यवस्था में मतगणना के दौरान प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में किसी एक मतदान केन्द्र की वीवीपीएटी मशीनों की पर्चियों का ईवीएम के मतों से मिलान किया जाता है. राजनीतिक दलों की मांग थी कि मतगणना में एक से अधिक संख्या में मतदान केन्द्रों की वीवीपीएटी मशीनों की पर्चियों का मिलान किया जाये.
राजनीतिक दलों की इस मांग पर अमल करने से पहले आयोग ने आईएसआई से इस दिशा में अध्ययन कराने का फैसला किया. ईवीएम से किये गये मतदान की पुष्टि वीवीपीएटी मशीन से निकली पर्ची के आधार पर किया जाता है.
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में आयोग से मतगणना में वीपीपीएटी की पर्चियों के मिलान में मतदान केन्द्रों की संख्या बढ़ाने की संभावनायें तलाशने को कहा था. इसके लिये आयोग आईएसआई से इस बारे में कराये गये अध्ययन की रिपोर्ट का आंकलन कर सुप्रीम कोर्ट के समक्ष 25 मार्च को मामले की सुनवाई के दौरान अपना पक्ष प्रस्तुत करेगा.
अदालत की अनुमति के बाद बदली हुयी व्यवस्था को 11 अप्रैल से शुरु हो रहे सात चरण वाले लोकसभा चुनाव सहित भविष्य में अन्य चुनावों में भी लागू किया जायेगा. आयोग द्वारा घोषित चुनाव कार्यकम के अनुसार लोकसभा चुनाव का परिणाम 19 मई को अंतिम चरण के मतदान के बाद 23 मई को मतगणना के आधार पर घोषित किया जायेगा.
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