Tripura  Meghalaya and Nagaland Polls: चुनाव आयोग ने त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय के विधानसभा चुनावों का ऐलान करते वक्त निष्पक्ष चुनाव कराने का वादा किया था. अब निर्वाचन आयोग अपने वादे पर खरा उतरने की कोशिश कर रहा है और काफी सख्ती कर रखी है. चुनाव आयोग ने तीनों चुनावी राज्यों से मतदाताओं को लालच देने में संभावित तौर पर इस्तेमाल होने वाली 147 करोड़ रुपये की शराब, मादक पदार्थ और नकदी जब्त की है.


निर्वाचन आयोग ने गुरुवार (16 फरवरी) को यह जानकारी दी. चुनाव आयोग के मुताबिक इस बार की जब्ती, पिछले चुनाव की तुलना में 20 गुना अधिक है. बता दें कि त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हो रहा है जबकि मेघालय व नगालैंड के लिए 27 फरवरी को मतदान होगा.


निष्पक्ष चुनाव को लेकर EC सख्त


चुनाव आयोग ने त्रिपुरा में 19, मेघालय में 21 और नगालैंड में 24 व्यय पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं. आयोग के बयान में बरामदगी में बढ़ोतरी के लिए प्रवर्तन एजेंसियों के समन्वित प्रयासों, व्यापक निगरानी, खर्च के प्रति संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्रों की पहचान और पर्याप्त संख्या में फील्ड टीमों की तैनाती को जिम्मेदार ठहराया गया है. बता दें कि त्रिपुरा में आज यानी गुरुवार (16 फरवरी) को मतदान संपन्न हो चुका है. वहीं नगालैंड और मेघालय में 27 फरवरी को वोटिंग होगी. तीनों राज्यों में 2 मार्च को वोटों की गिनती होगी. 


कुल जब्ती में 60% नशीले पदार्थ


HT की रिपोर्ट के मुताबिक, तीनों राज्यों में कुल बरामदगी का लगभग 60% नशीले पदार्थों का है. जिसकी कीमत करीब 85.76 करोड़ रुपये है. आयोग के बयान में कहा गया है कि टीमों ने 34.39 करोड़ रुपये के मुफ्त सामान, 14.05 करोड़ रुपये नकद और 9.31 करोड़ रुपये की शराब भी जब्त की है. सबसे ज्यादा मेघालय से बरामदगी हुई है. यहां करीब 63.98 करोड़ रुपये की जब्ती की गई है. इसके बाद त्रिपुरा में 44.67 करोड़ रुपये और नगालैंड में ₹39.19 करोड़ की जब्ती हुई है.


बड़ी मात्रा में हेरोइन पकड़ी गई 


चुनाव आयोग ने बड़ी मात्रा में हेरोइन भी पकड़ी है. चुनाव आयोग ने बताया कि पुलिस ने त्रिपुरा के धलाई जिले में से 3.52 किलोग्राम हेरोइन की जब्त की. इसकी कीमत 10.58 करोड़ रुपये है. मेघालय के पूर्वी खासी हिल्स जिले से 2.447 किलोग्राम और नगालैंड के चुमौकेदिमा जिले से 2.27 किलोग्राम हेरोइन की जब्ती की भी सूचना मिली है. बयान में कहा गया है कि चूंकि ये तीन चुनावी राज्य राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को साझा करते हैं, इसलिए यहां ड्रग्स के अलावा, मतदाताओं को लुभाने के उद्देश्य से शराब भी बड़ी चिंता का विषय रहा है.


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