Election 2022: कोई 50 तो कोई 203 वोट, 5 राज्यों की वो 5 दर्जन सीटें जहां 1000 से कम वोटों से तय हुई हार-जीत
पांच राज्यों की 690 विधानसभा सीटों में से करीब पांच दर्जन सीटों पर हार और जीत का फैसला महज 1000 वोटों के अंतर से हुआ. इनमें से 21 सीटों पर BJP के उम्मीदवारों ने कांटे के इस मुकाबले में जीत दर्ज की.
पांच राज्यों की 690 विधानसभा सीटों में से करीब पांच दर्जन सीटों पर हार और जीत का फैसला महज 1000 वोटों के अंतर से हुआ. इनमें से 21 सीटों पर BJP के उम्मीदवारों ने कांटे के इस मुकाबले में जीत दर्ज की. पांच राज्यों की काउंटिंग के बाद बीजेपी ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में फिर से सत्ता में वापसी की.
उत्तर प्रदेश में 15 ऐसी सीटें रहीं, जहां पर हजार से कम मतों के अंतर ने जीत और हार तय की. मणिपुर में 22 उम्मीदवारों की जीत हार का फैसला हजार मतों के अंतर से हुआ. वहीं गोवा में ऐसे 10 उम्मीदवार थे, जिन्होंने एक हजार के मतों के अंतर से जीत दर्ज की. उत्तराखंड में पांच उम्मीदवारों की चुनावी किस्मत का फैसला हजार मतों के अंतर ने तय किया जबकि पंजाब में सिर्फ दो ही सीट ऐसी रहीं, जहां हार जीत का फैसला हजार मतों के अंतर से हुआ.
इस सीट पर 50 वोटों से हुआ फैसला
सबसे कांटे का मुकाबला मणिपुर की वाबगई सीट पर रहा जहां जीत और हार का फैसला महज 50 मतों के अंतर हुआ. इस सीट पर बीजेपी के उषम देबेन सिंह ने कांग्रेस के फजुर रहीम को सिर्फ 50 वोटों से हराया. उत्तर प्रदेश में करीब एक दर्जन सीटों पर बीजेपी और समाजवादी पार्टी (सपा) की अगुवाई वाले गठबंधनों के बीच बेहद कांटे का मुकाबला हुआ और जीत व हार का फैसला 500 से भी कम मतों के अंतर से हुआ.
चुनावी नतीजों के विश्लेषण से पता चलता है कि 11 सीटों पर जीत और हार का अंतर 500 मतों का रहा जबकि डेढ़ दर्जन सीटें ऐसी रहीं जहां हार और जीत का फैसला एक हजार के करीब मतों के अंतर से हुआ. बीजेपी गठबंधन के उम्मीदवारों ने सात सीटों पर सपा गठबंधन के प्रत्याशियों को 500 से भी कम मतों के अंतर से शिकस्त दी. वहीं सपा गठबंधन के उम्मीदवारों ने इसी तरह चार सीटों पर बीजेपी गठबंधन के उम्मीदवारों को हराया.
वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में आठ सीटों पर जीत और हार का फासला एक हजार से कम वोटों का था. इनमें से पांच सीटों पर बीजेपी के उम्मीदवारों को जबकि दो सीटों पर बहुजन समाज पार्टी और एक सीट पर सपा के उम्मीदवार को जीत मिली थी. पिछले चुनाव में सबसे कांटे का मुकाबला डुमरियागंज सीट पर हुआ था. यहां बीजेपी के राघवेंद्र प्रताप सिंह ने सपा की सैयदा खातून को 171 मतों से पराजित किया था.
बिजनौर-बाराबंकी की सीटों पर कांटे का मुकाबला
इस बार के चुनाव में सबसे कांटे का मुकाबला बिजनौर जिले की तीन और बाराबंकी की दो विधानसभा सीटों पर हुआ. बिजनौर जिले की धामपुर विधानसभा सीट पर जबरदस्त टक्कर हुई. बेहद करीबी मुकाबले में यहां बीजेपी के अशोक कुमार राणा ने सपा के नईम उल हसन को सिर्फ 203 मतों से पराजित किया.
बिजनौर की चांदपुर सीट पर भी जबरदस्त मुकाबला देखने को मिला लेकिन जीत सपा के स्वामी ओमवेश को मिली. उन्होंने बीजेपी के कमलेश सैनी को 234 मतों से हराया. इसी जिले की नहटौर सीट पर दिलचस्प मुकाबला हुआ और कई दौर की उठापटक के बाद आखिरकार बीजेपी के ओमकुमार ने रालोद के मुंशीराम को 258 मतों से हराया.
बाराबंकी जिले की कुर्सी विधानसभा सीट पर भी बेहद कांटे का मुकाबला हुआ. बीजेपी के सकेंद्र प्रताप ने यहां सपा के राकेश कुमार वर्मा को 217 मतों से पराजित किया. बाराबंकी जिले की रामनगर सीट पर सपा के फरीद किदवई ने बीजेपी के शदकुमार अवस्थी को 261 मतों से पराजित किया.
269 वोटों से जीता बीजेपी प्रत्याशी
सुल्तानपुर जिले की इसौली विधानसभा सीट पर भी कांटे का मुकाबला हुआ. यहां से सपा के ताहीर खान ने बीजेपी के ओम प्रकाश पांडे को 269 मतों से हराया. रामपुर जिले की बिलासपुर विधानसभा सीट पर भी दिलचस्प मुकाबला देखने को मिला. यहां हुई कांटे की टक्कर के बाद बीजेपी के बलदेव सिंह औलाख को जीत मिली. उन्होंने सपा के अमरजीत सिंह को 307 मतों से शिकस्त दी.
बागपत जिले की बड़ौत सीट पर भी मुकाबला कड़ा हुआ और जीत बीजेपी के कृष्णपाल मलिक की हुई. उन्होंने रालोद के उम्मीदवार जयवीर को 315 मतों से हराया.
सहारनपुर जिले की नकुड़ विधानसभा में भी बीजेपी और सपा के बीच जबरदस्त टक्कर हुई. यहां से बीजेपी के मुकेश चौधरी ने सपा के धरम सिंह सैनी को 315 मतों से पराजित किया. सैनी मुख्यमंत्री योगी की सरकार में मंत्री थे और चुनाव से ठीक पहले बीजेपी छोड़कर वह समाजवादी पार्टी में शामिल हुए थे.
गोंडा जिले की कटरा विधानसभा सीट पर भी कांटे की टक्कर हुई. यहां बीजेपी के वीर विक्रम सिंह ने सपा के राजेश यादव को 357 मतों से मात दी वहीं औरैया जिले की दिबियापुर सीट पर सपा के प्रदीप कुमार यादव ने बीजेपी के लखन सिंह राजपूत को 473 मतों से हराया.
जौनपुर जिले की शाहगंज सीट पर निषाद पार्टी के रमेश निर्बल ने सपा के विधायक और कद्दावर नेता शैलेंद्र यादव ललाई को 719 मतों से हराया जबकि सिद्धार्थनगर जिले की डुमरियागंज सीट पर सपा की सैयदा खातून ने बाजी मारी. कांटे के मुकाबले में उन्होंने बीजेपी के राघवेंद्र प्रताप सिंह को 771 मतों से हराया.
मुरादाबाद जिले की मुरादाबाद नगर सीट से बीजेपी के रितेश कुमार गुप्ता ने सपा के युसूफ अंसारी को 782 वोटों से हराया जबकि फिरोजाबाद जिले की जसराणा सीट पर हुई जबरदस्त टक्कर में जीत सपा के सचिन यादव के खाते में गई. उन्होंने बीजेपी के मानवेंद्र सिंह को 836 मतों से हराया.
गोवा में 10 सीटों पर कांटे का मुकाबला
गोवा की 40 सदस्यीय विधानसभा सीटों में से 10 पर कांटे का मुकाबला हुआ. इनमें से छह पर बीजेपी को जीत मिली और शेष पर विपक्षी दलों की विजय हुई
मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत खुद सैंक्वेलिम से महज 666 मतों के अंतर से जीतने में सफल रहे. कई दौर तक पिछड़े रहने के बाद उन्होंने आखिरकार कांग्रेस के धर्मेश सगलानी को पराजित किया.
इसी प्रकार गोवा के बिचोलिम से निर्दलीय उम्मीदवार चंद्रकांत शेत्ये ने महाराष्ट्र गोमंतक पार्टी (एमजीपी) के उम्मीदवार नरेश सवल को 318 मतों से पराजित किया. कर्चोरेम से बीजेपी के नीलेश काबराल ने कांग्रेस के उम्मीदवार अमित पाटकर को 672 मतों से हराया.
मेंड्रिम से एमजीपी के जीत विनायक बारोलकर ने बीजेपी के उम्मीदवार दयानंद सोप्ते को 715 मतों से पराजित किया वहीं नवेलिम से बीजेपी के उल्हास तुएनकर ने तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार वलांका नताशा अलेमाओ को 430 वोटों से हराया.
पणजी से बीजेपी के अतानासियो मोंसेराटे ने निर्दलीय उम्मीवार और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के पुत्र उत्पल पर्रिकर को 716 मतों से हराया. पोंडा विधानसभा से बीजेपी के रवि नाइक ने एमजीपी के केतन प्रभु भाटीकर को महज 77 वोटों से हराया. प्रिओल से बीजेपी के गोविंद शेपु गौड़े ने एमजीपी के दीक धवलीकर को 213 मतों से हराया.
सेंट आंद्रे से रिवोल्यूशनरी गोवा पार्टी के विरेश मुकेश बोरकर ने बीजेपी के फ्रांसिस्को सिलवीरा को 76 मतों से हराया. वेलिम से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार क्रुज सिल्वा ने कांग्रेस के डिसिल्वा सेवियो को 169 मतों से पराजित किया.
पंजाब में दो सीटों पर कांटे की टक्कर हुई
पंजाब में सिर्फ दो ही सीटें ऐसी रही जहां जीत और हार का फासला 500 से भी कम मतों का रहा. डेरा बाबा नानक से कांग्रेस के सुखजिंदर सिंह रंधावा ने शिरामणि अकाली दल के रविकरण सिंह कहलों को 466 मतों से पराजित किया. जालंधर सेंट्रल से आम आदमी पार्टी के रमन अरोड़ा ने कांग्रेस के राजिंदर बेरी को 247 मतों से पराजित किया.
मणिपुर की 22 सीटों पर जीत और हार एक हजार मतों के अंतर से तय हुई. चूड़ाचांदपुर से जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के एम एम खौते ने बीजेपी के वी हंगखनलियान को 624 मतों से हराया. हेइरोक से बीजेपी के थोकचोम राधेश्याम सिंह ने कांग्रेस के एम ओकेंद्रो को 403 मतों से हराया.
जिरिबाम से जदयू के मोहम्मद अचबुद्दीन ने बीजेपी के एन बुद्धचंद्र सिंह को 416 मतों से पराजित किया. कीसामथोंग से निर्दलीय उम्मीदवार सपम निशिकांत सिंह ने रिपब्लिकन पार्टी के महेश्वर थौनावजम को 187 मतों के अंतर से हराया.
खेत्रीगांव से नेशनल पीपुल्स पार्टी के शेख नूरूल हसन ने बीजेपी के एन इंद्रजीत सिंह को 742 मतों से हराया जबकि खुंद्राकपम से कांग्रेस के थोकचोम लोकेश्वर सिंह ने बीजेपी के टी मोहेंद्रो सिंह को 215 वोटों से पराजित किया. कोंथउजम से बीजेपी के सपम रंजन सिंह ने एनपीपी के शरत सिंह को 394 मतों से पराजित किया.
लिलोंग सीट से जदयू के उम्मीदवार मोहम्मद अब्दुल नसीर ने बीजेपी के वाई अंतस खान को 570 मतों से हराया. फुंग्यार से नगा पीपुल्स फ्रंट के उम्मीदवार लेशियो किशिंग ने बीजेपी के ए एस होपिंगसन को 779 वोटों से हराया. थानलोन से बीजेपी के वुंगजागिन वाल्ते ने नेशनल पीपुल्स पार्टी के उम्मीदवार खानथांग तोनसिंग को 751 मतों से हराया. उखरूल से नगा पीपुल्स पार्टी के राम मूइवाह ने कांग्रेस के अल्फ्रेड कनगम एस आर्थर को 942 वोटों से पराजित किया.
उरीपोक से बीजेपी के के रघुमणि सिंह ने नेशनल पीपुल्स पार्टी के उम्मीदवार वाई जोयकुमार सिंह को 909 मतों से हराया. वाबगई से बीजेपी के उषम देबेन सिंह ने कांग्रेस के फजुर रहीम को सिर्फ 50 वोटों से हराया. बीजेपी के थोकचोम सत्यव्रत सिंह ने यैसकुल विधानसभा सीट से नेशनल पीपुल्स पार्टी के उम्मीदवार हुइड्रोम विक्रमजीत सिंह को 632 मतों से हराया.
उत्तराखंड की पांच सीटों पर जीत का अंतर 1000 से कम
उत्तराखंड की पांच सीटों पर बेहद कांटे का मुकाबला हुआ और हार व जीत का अंतर 1000 मतों से कम का रहा. उत्तराखंड में सबसे कांटे का मुकाबला मंगलौर सीट पर रहा, जहां बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार सरवत करीम अंसारी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी और कांग्रेस के उम्मीदवार काजी मोहम्मद निजामुद्दीन को 661 मतों से शिकस्त दी.
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