Deepfake in Elections: मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और 'डीपफेक' का इस्तेमाल करके चुनावों के बारे में फर्जी विमर्श फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है. सीईसी ने कहा कि आयोग नियंत्रण कक्षों से निरंतर निगरानी के जरिए लोकसभा चुनावों के दौरान इस मुद्दे से सफलतापूर्वक निपट चुका है.


चुनाव आयोग ने 15 अक्टूबर को महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों के अलावा 47 विधानसभा सीटों और वायनाड लोकसभा सीट पर उपचुनाव का ऐलान किया है. सीईसी ने एक सवाल पर कहा, "डीपफेक एक गंभीर मुद्दा है. यह दुनिया भर के सभी चुनावों को प्रभावित कर रहा है. किसी की तस्वीर को किसी और के साथ या किसी की आवाज को किसी और के साथ इस्तेमाल करना, हम ऐसी चीजों को कंट्रोल करने में सक्षम हैं. ये सभी चीजें संभव हैं, लेकिन नियंत्रण कक्षों के जरिए और जिलों में स्थापित की गई सोशल मीडिया टीम के जरिये हम इसे कंट्रोल कर सकते हैं."


'जिस दिन हदें पार होंगे इससे भी निपटेंगे'


सीईसी राजीव कुमार ने कहा, "पुलिस मुख्यालय में, किसी भी फर्जी तथ्यों की जांच करने और तुरंत सुधारात्मक कार्रवाई करने के लिए निरंतर निगरानी की जाती है. इसके कारण कुछ मामलों में पोस्ट हटा दिए गए और कुछ मामलों में आपराधिक कार्रवाई भी की गई. अभी भी ऐसे लोग हैं जो किसी न किसी तरह से फर्जी विमर्श फैला रहे हैं, जिस दिन हदें पार होंगी इससे भी निपटा जाएगा."


पीएम मोदी भी डीपफेक पर जता चुके हैं चिंता


पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी डिपफेक कंटेट को लेकर चिंता जताई थी. पीएम मोदी ने डीपफेक को भारतीय प्रणाली के सामने सबसे बड़े खतरों में से एक बताया था. पीएम ने कहा था कि डीपफेक समाज में अराजकता पैदा कर सकता है. लोगों को और मीडिया को डीपफेक से बेहद सतर्क रहने की जरूरत है. वह बोले थे, 'मैंने अपना एक एक वीडियो देखा जिसमें मैं गरबा कर रहा हूं और यह बहुत वास्तविक लग रहा था जबकि मैंने बचपन से गरबा नहीं खेला है.' (पीटीआई इनपुट्स के साथ)


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