Assembly Election: चुनावों में रैलियों और रोड शो के लिए मिलेगी छूट या फिर बढ़ेगी पाबंदी? आज EC की बैठक में होगा अहम फैसला
Ban on Physical Rallies: 8 जनवरी को चुनाव आयोग ने रैलियों, जनसभाओं और रोड-शो पर प्रतिबंध लगा दिया था. पहले यह रोक 15 जनवरी तक था और फिर इसे 31 जनवरी तक बढ़ा दिया गया था.
Election Commission Review Meeting: देश के 5 चुनावी राज्यों में प्रचार प्रसार चरम पर है. लेकिन आयोग ने पांचों राज्यों में कोरोना महामारी (CoronaVirus) के कारण फिजिकल रैली (Physical Rallies) और रोड शो (Road Show) पर प्रतिबंध लगा रखा है. आज केंद्रीय चुनाव आयोग रैलियों और रोड शो के ऊपर प्रतिबंध के मसले पर वर्चुअली समीक्षा बैठक करेगा. ये बैठक मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा (CEC Sushil Chandra) के नेतृत्व में होगी. स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव आयोग को रिपोर्ट देंगे.
निर्वाचन आयोग की बैठक में यह तय किया जाएगा कि फिजिकल रैली पर प्रतिबंध जारी रखा जाए या नहीं. आयोग यह भी तय कर सकता है कि क्या राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को फिजिकल प्रचार कार्यक्रम आयोजित करने में नई राहत दी जा सकती है.
अभी घर-घर जाकर प्रचार करने की छूट
कोविड मामलों में बढ़ोतरी का हवाला देते हुए, चुनाव आयोग ने आठ जनवरी को उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर के लिए मतदान कार्यक्रम की घोषणा के दौरान फिजिकल रैली और रोड शो पर प्रतिबंध लगा दिया था. बीते 22 जनवरी को हुई पिछली बैठक के दौरान आयोग ने पांचों राज्यों में प्रत्यक्ष रैली और रोड शो पर जारी प्रतिबंध को 31 जनवरी तक के लिए बढ़ा दिया था. लेकिन जिन विधानसभा क्षेत्रों में पहले दो चरणों में मतदान होने हैं, वहां अधिकतम 500 लोगों की उपस्थिति में जनसभा करने की अनुमति दी थी, साथ ही घर-घर जाकर प्रचार के नियमों में छूट दी थी.
राजनीतिक दलों को चुनाव आयोग से पाबंदियां हटाने की उम्मीद
उत्तर प्रदेश में तमाम राजनीतिक दलों को उम्मीद है कि चुनाव आयोग (Election Commission) 31 जनवरी के बाद प्रतिबंधों के साथ जनसभाओं की अनुमति देगा. राजनीतिक दलों को वर्चुअली मतदाताओं से जुड़ना मुश्किल हो रहा है, खासकर ग्रामीण इलाकों में जहां डिजिटल पैठ अभी भी पर्याप्त नहीं है. बीजेपी 21 जनवरी से पहले कई शीर्ष पार्टी नेताओं द्वारा घर-घर प्रचार के साथ सड़कों पर उतरी. अन्य दलों के शीर्ष नेता अब अपने अभियान को फिर से शुरू करने की योजना बना रहे हैं.
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