नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वीवीपैट की पर्चियों की गणना का वर्तमान तरीका सबसे अधिक उपयुक्त है. आयोग ने प्रति विधानसभा क्षेत्र के एक मतदान केन्द्र से औचक तरीके से वीवीपैट की पर्चियों की गणना की प्रणाली को सही ठहराया. साथ ही कहा कि 50 फीसद VVPAT की पर्चियों का मिलान किया गया तो नतीजों में 6 से 9 दिनों की देरी होगी.


निर्वाचन आयोग ने 21 विपक्षी नेताओं की याचिका खारिज करने का अनुरोध करते हुये कहा कि वे वीवीपैट की पर्चियों की अचानक गणना संबंधी मौजूदा व्यवस्था में बदलाव के लिये एक भी ठोस आधार बताने में असमर्थ रहे हैं.


विपक्षी दलों की क्या है मांग?
विपक्षी नेता चाहते हैं कि अगले महीने होने वाले लोकसभा चुनाव में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में वोटिंग मशीनों की कम से कम 50 फीसदी वीवीपैट पर्चियों की गणना की जाये. जिसपर आयोग ने कहा कि सत्यापन के आकार में किसी भी तरह की वृद्धि से विश्वास स्तर पर बहुत ही मामूली फर्क पड़ेगा. विश्वास का वर्तमान स्तर 99.9936 प्रतिशत से अधिक है.


चुनाव आयोग की बड़ी बात-
50 फीसदी VVPAT पर्चियों के EVM से मिलान की मांग को अव्यवहारिक बताते हुए चुनाव आयोग ने कहा-
* अभी हर विधानसभा क्षेत्र के किसी एक बूथ में VVPAT-EVM मिलान की व्यवस्था सही है.
* इसमें अब तक कोई कमी नहीं पाई गई. याचिकाकर्ता भी कमी नहीं बता पा रहे.
* पहले भी इस तरह की याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ठुकरा चुका है.
* 50 फीसदी मिलान से चुनाव परिणाम घोषित करने में 6 से 9 दिन का वक्त लग सकता है.
* आयोग सुझावों का स्वागत करेगा, भविष्य में उन पर अमल की कोशिश करेगा.
* चुनाव प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, अब मिलान की प्रक्रिया बढ़ाना मुश्किल होगा. चुनाव कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने से लेकर ट्रेनिंग जैसे कई कदम उठाने होंगे.


शीर्ष अदालत के 25 मार्च के सवाल के उत्तर में निर्वाचन आयोग ने एक हलफनामा दाखिल किया है. न्यायालय जानना चाहता था कि क्या एक विधानसभा क्षेत्र के एक मतदान केन्द्र से अकस्मात तरीके से लिये जाने वाले नमूना सर्वेक्षण की संख्या बढ़ाई जा सकती है?


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आयोग ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चन्द्रबाबू नायडू के नेतृत्व में 21 विपक्षी दलों के नेताओं की याचिका का जिक्र करते हुये कहा कि इसमें इस समय वर्तमान प्रणाली में बदलाव के लिये कोई वजह नहीं बताई गयी है.


क्या है मौजूदा प्रावधान?
निर्वाचन आयोग ने इस समय विधानसभा चुनाव के लिये एक निर्वाचन क्षेत्र से एक मतदान केन्द्र और लोकसभा चुनाव के मामले में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के एक-एक मतदान केन्द्र की वीवीपैट पर्चियों की गणना की प्रणाली अपनायी है.


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