Army Proxy Voting Viral Video Fact Check: लोकसभा चुनाव 2024 के तीसरे चरण का मतदान मंगलवार (7 मई) को हुआ. वोटिंग के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. इसमें दावा किया जा रहा है कि बूथ संख्या 146 के अंदर सेना के जवानों ने प्रॉक्सी वोटिंग की और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पक्ष में वोटों को प्रभावित किया. करीब दो मिनट लंबे फुटेज में लोगों को एक वाहन के पास खड़े वर्दीधारी कर्मियों से भिड़ते और धक्का-मुक्की करते हुए देखा जा सकता है.
एक्स पर एक यूजर ने शेयर करते हुए लिखा, "मोदी और उनके संघी गिरोह की ओर से भारतीय सेना को कलंकित किया गया है. #भाजपा की ओर से सेना का इस्तेमाल फर्जी वोट डालने के लिए किया जा रहा है. #भारतीयसेना को भाजपा के लिए अवैध और धोखाधड़ी वाले काम करने का काम सौंपा गया है. चुनाव बूथ के अंदर रंगे हाथ पकड़ा गया" #भाजपा के लिए फर्जी वोट डालने के लिए मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए. #लोकसभाचुनाव2024 #थर्डफेजवोटिंग #INDIAAlliance,''
(सौजन्य: X/@tanmoyofc)
एक अन्य यूजर ने एक्स पर वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, ''भाजपा फर्जी वोट डालने के लिए सेना का इस्तेमाल कर रही है. भारतीय सेना को भाजपा के लिए अवैध और धोखाधड़ीपूर्ण काम करने का काम सौंपा गया है. भाजपा को फर्जी वोट देने के लिए मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए चुनाव बूथ के अंदर रंगे हाथ पकड़ा गया.''
फैक्ट चेक में क्या निकला?
न्यूजमीटर ने जब इस वीडियो की पड़ताल की तो पता चला कि यह वीडियो 2019 का है. वीडियो के कीफ्रेम रिवर्स इमेज सर्च करने पर टीम के सामने मई 2019 का एक फेसबुक, यूट्यूब और लिंक्डइन पोस्ट मिला.
टीम ने रेलिवेंट कीवर्ड्स सर्च किया तो सामने एएनआई की 2 मई, 2019 की एक रिपोर्ट आई. इसकी हेडिंग थी, “एमपी: सेना के अधिकारियों का दावा है कि उपद्रवियों ने उन्हें वोट डालने से रोका, शिकायत दर्ज कराई.”
रिपोर्ट के मुताबिक, 29 अप्रैल 2019 को ग्रेनेडियर्स रेजिमेंटल सेंटर के सैनिक और उनके पति-पत्नी संसदीय चुनाव के लिए बूथ नंबर 146, स्वामी विवेकानंद हायर सेकेंडरी स्कूल, कटंगा, जबलपुर में वोट देने गए थे. वे परिवहन के लिए अधिकृत सेना वाहन का उपयोग कर रहे थे. हालांकि, कुछ व्यक्तियों ने उनसे संपर्क किया, जबरन उनके मतदाता पहचान पत्र छीन लिए और उन्हें वोट डालने से रोकने का प्रयास किया. उन्होंने सेना की छवि खराब करने के लिए वीडियो भी प्रसारित किए. रिपोर्ट में बताया गया है कि सेना के अधिकारियों ने पुलिस से उपद्रवियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और उनके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध किया था.
टाइम्स ऑफ इंडिया ने 3 मई, 2019 को इस घटना की रिपोर्ट दी, जिसमें कहा गया कि वीडियो 29 अप्रैल, 2019 को मतदान के दौरान रिकॉर्ड किया गया था. फुटेज में सैनिकों को उकसावे से बचने की कोशिश करते देखा जा सकता है क्योंकि कुछ लोग उनका पीछा कर रहे हैं जो उन पर आरोप लगाते हैं किसी खास पार्टी का पक्ष लेना. इसमें यह भी उल्लेख किया गया है कि जबलपुर एसपी निमिष अग्रवाल को सेना की शिकायत में कहा गया है कि वीडियो में दिखाए गए सैनिकों को इसलिए निशाना बनाया गया क्योंकि उन्होंने इसमें शामिल व्यक्तियों से अपने मतदाता पहचान पत्र सफलतापूर्वक प्राप्त कर लिए थे.
क्या निकला निष्कर्ष?
इस तरह तमाम फैक्ट को देखने के बाद टीम इस निष्कर्ष पर पहुंची कि सेना के जवानों पर 2019 से प्रॉक्सी वोटिंग का आरोप लगाने वाले वीडियो को 2024 के लोकसभा चुनावों से गलत तरीके से जोड़ा जा रहा है.
क्लेम रिव्यू | सेना के जवान आगामी लोकसभा चुनावों में प्रॉक्सी वोटिंग और बीजेपी के पक्ष में वोटों को प्रभावित करने में लगे हुए हैं. |
किसकी ओर से दावा किया गया | कुछ एक्स यूजर्स की ओर से |
क्लेम का रिव्यू किसने किया | न्यूजमीटर ने |
क्लेम का सोर्स | एक्स |
क्लेम फैक्ट चेक क्या निकला | गलत |
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Disclaimer: This story was originally published by newsmeter and republished by ABP Live Hindi as part of the Shakti Collective.