'मोदी लहर' में अपनी विरासत नहीं बचा पाए ये दिग्गज नेता और नेता पुत्र
'मोदी लहर' में कई सारे दिग्गज नेता चुनाव हार गए हैं. उन नेताओं में से कुछ नेता ऐसे भी हैं जिनके सामने विरासत बचाने की चुनौती थी.
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के नतीजों की तस्वीर लगभग साफ हो गई है. बीजेपी नीत एनडीए पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रहा है. 2014 की तरह 2019 में भी एक बार फिर 'मोदी लहर' का प्रभाव देखने को मिला है. 'मोदी लहर' में कई सारे दिग्गज नेता चुनाव हार गए हैं. उन नेताओं में से कुछ नेता ऐसे भी हैं जिनके सामने विरासत बचाने की चुनौती थी. ऐसे ही कुछ नेताओं के बारे में जानिए जो अपनी विरासत नहीं बचा पा रहे हैं.
ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्य प्रदेश में कांग्रेस के सबसे मजबूत और सुरक्षित लोकसभा क्षेत्रों में से एक गुना से मौजूदा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया चुनाव मैदान में थे. गुना संसदीय क्षेत्र पर सिंधिया राजघराने के सदस्यों का लंबे अरसे से कब्जा है. लेकिन इस बार के चुनाव में राजघराने के ज्योतिरादित्य सिंधिया, बीजेपी के के पी यादव (KP Yadav) से एक लाख से ज्यादा वोट से पीछे चल रहे हैं. आंकड़ों से साफ पता चल रहा है कि सिंधिया इस बार अपनी सीट बचाने में कामयाब नहीं हो पाएंगे.
इस संसदीय क्षेत्र से राजमाता विजयाराजे सिंधिया और बेटे माधवराव सिंधिया के बाद उनके पोते ज्योतिरादित्य सिंधिया चुनाव जीतते आए हैं. इस संसदीय क्षेत्र में अब तक हुए लोकसभा चुनावों में कांग्रेस नौ, बीजेपी चार और बहुत पहले जनसंघ की जीत हुई थी. बीजेपी ने इस सीट पर तभी जीत हासिल की है जब विजयाराजे सिंधिया बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ीं. लेकिन इस बार यह इतिहास बदल सकता है.
वैभव गहलोत राजस्थान में विधानसभा चुनाव में जीत के बाद भी कांग्रेस के हाथ खाली हैं. वोटर्स पर इस बार अशोक गहलोत का जादू नहीं चल पाया है. गहलोत के बेटे वैभव गहलोत खुद जोधपुर सीट से लोकसभा का चुनाव हार गए हैं. जोधपुर संसदीय सीट से बीजेपी प्रत्याशी गजेंद्र सिंह शेखावत ने वैभव गहलोत को दो लाख 70 हजार से ज्यादा वोटों से हराया है.
बीजेपी ने जोधपुर सीट से केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री और वर्तमान सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत को अपना उम्मीदवार बनाया था. राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिये जोधपुर उनका गढ़ माना जाता है. इस चुनाव में केंद्रीय मंत्री के खिलाफ उनके पुत्र का चुनाव जीतना प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गया था. इस चुनाव में वैभव गहलोत की हार अशोक गहलोत की हार मानी जा रही है.
अरुण यादव मध्य प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव लोकसभा चुनाव 2019 में खंडवा सीट से मैदान में थे. अरुण यादव मध्य प्रदेश के दिग्गज नेता रहे दिवंगत सुभाष यादव के बड़े बेटे हैं. उनके भाई सचिन यादव अभी कमलनाथ कैबिनेट में कृषि मंत्री हैं. लेकिन इस बार के नतीजे में बीजेपी के नंदकुमार सिंह चौहान ने कांग्रेस के अरुण यादव को 2 लाख 73 हजार से ज्यादा वोटों से हरा दिया है.
मीसा भारती बिहार की पाटलिपुत्र सीट से लालू यादव की बेटी मीसा भारती एक बार फिर मैदान में हैं. पिछले बार उन्हें बीजेपी के रामकृपाल यादव ने हरा दिया था लेकिन इस बार वे पूरे दमखम के साथ मैदान में उतरीं. उनके लिए तेजस्वी यादव से लेकर राहुल गांधी ने प्रचार किया. इसके बावजूद भी नतीजे मीसा भारती के पक्ष में नहीं हैं. रामकृपाल यादव एक बार फिर जीत दर्ज कर संसद पहुंच सकते हैं. इस सीट पर रामकृपाल 40 हजार से ज्यादा वोटों से आगे चल रहे हैं.
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