Election Results: तारीख- 11 दिसंबर 2018, वक्त- शाम 6.39 मिनट. कांग्रेस के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया गया- आरंभ है प्रचंड. इस वीडियो में राहुल गांधी को ''जीत के नायक'' के रूप में दिखाया गया. ये होना भी था क्योंकि कांग्रेस ने मैदान में वापसी कर ली है. छत्तीसगढ़ और राजस्थान में स्पष्ट रूप से कांग्रेस जीत रही है जबकि एमपी में भी सत्ता उसके पाले में जा सकती है. अब हम आपको बताएंगे कि कैसे राहुल गांधी इस जीत के नायक बन कर उभरे हैं. उससे पहले आप दो मिनट का ये वीडियो देख लीजिए-





लगातार उड़ाया गया राहुल का मजाक


अभी तक बीजेपी के नेता लगातार राहुल गांधी का मजाक बनाते रहे हैं. बीजेपी के द्वितीय और तृतीय पंक्ति के नेता भी आसानी से राहुल को निशाने पर ले लेते हैं. कभी बांहे चढाने को लेकर तो कभी खेती-किसानी के उनके ज्ञान को लेकर राहुल को निशाने पर लिया जाता रहा है. गांधी परिवार और राहुल गांधी पर लगातार सियासी हमले किए गए. भाषणों में हुई गलतियों को पकड़ कर वायरल किया गया. लेकिन चुनाव नतीजों से लगता है जैसे राहुल जनता की नब्ज पकड़ने में कामयाब रहे हैं.



मीम्स और जोक्स बनाए गए


राहुल गांधी ने संसद में पीएम मोदी को गले लगाया और उसके बाद आंख मारते दिखाई दिए तो जैसे इंटरनेट की दुनिया में यही एक टॉपिक छा गया था. राहुल पर जोक्स और मीम्स बनाए जा रहे थे. बीजेपी के नेता भी राहुल गांधी की इस हरकत के लिए सवाल उठा रहे थे. ऐसा पहली बार नहीं हुआ था. राहुल गांधी को लेकर खूब जोक बने और शेयर किए गए. 2014 से भी पहले से यह काम लगातार किया जा रहा था. लेकिन अब लगता है जैसे राहुल गांधी ने इस आवरण को तोड़ दिया है.



मंदिर जाने पर भी उठाए गए सवाल


राहुल गांधी के मंदिर जाने पर भी सवाल उठाए गए. उन्होंने एक पूजा के दौरान अपना गोत्र बताया तो उस पर भी सवाल खड़े कर दिए गए. कहा तो यहां तक गया कि आरएसएस और बीजेपी के कारण कांग्रेस को हिन्दुत्व के रास्ते पर आना पड़ा है. हालांकि अब साफ हो गया है कि जनता ने धर्म के फैक्टर को महत्व नहीं दिया. बल्कि अब बीजेपी को भी सोचना होगा कि 'राम मंदिर' के चिराग से सत्ता तक पहुंचाने वाला जिन्न निकलेगा या नहीं. क्योंकि अयोध्या और दिल्ली में हुईं धर्मसभाएं भी खासी असरदार नहीं रही थीं.



2019 के लिए बढ़ा राहुल का कद


अभी तक कहा जाता रहा है- मोदी नहीं तो कौन? राहुल गांधी शायद इसका जवाब बन कर उभरे हैं. थोड़े दिन पहले तक यह भी माना जा रहा था कि अकेले कांग्रेस, बीजेपी का सामना नहीं कर पाएगी. बीएसपी और एसपी के साथ जब कांग्रेस ने गठबंधन नहीं किया था तब भी राहुल गांधी पर सवाल उठाए गए थे. लेकिन अब इस जीत से कांग्रेस को ताकत मिलेगी और 2019 में बीजेपी के खिलाफ बनने वाले मोर्चे का नेतृत्व कांग्रेस करेगी. यही नहीं राहुल गांधी की पीएम उम्मीदवारी को भी अब गंभीरता से लिया जाएगा.



कांग्रेस के झंडे तले जमा होंगे क्षत्रप?


चुनाव से पहले बीएसपी और एसपी के साथ कांग्रेस की गठबंधन की बातें चल रही थीं लेकिन दोनों ही पार्टी जितनी सीटें मांग रही थीं कांग्रेस उतनी सीटें देना नहीं चाह रही थी. आखिरकार गठबंधन हो नहीं पाया. 2019 में भी सीटों के लिए पार्टियां कांग्रेस पर अधिक दबाव नहीं बना पाएंगी. साथ ही पीएम पद को लेकर भी राहुल को गंभीरता से लिया जाएगा.


राहुल ने कहीं ये गंभीर बातें


चुनाव नतीजों की शाम राहुल गांधी ने एक प्रेस कांफ्रेंस की जिसमें उन्होंने साफ तौर पर कहा कि हमने बीजेपी को आज हराया है और 2019 में भी हराएंगे क्योंकि जनता के मन में पीएम मोदी के लिए गुस्सा है. ईवीएम के मुद्दे पर राहुल गांधी ने कहा कि ये सवाल वाजिब था, यह सवाल अब भी बना हुआ है.


राहुल ने कहा कि पीएम मोदी ने देश को जो सपना दिखाया था वो पूरा नहीं किया. उनके पास मौका था लेकिन उन्होंने इसे खो दिया और इसके लिए मुझे अफसोस है. हम बीजेपी को हराएंगे तो सही लेकिन देश से हटाएंगे नहीं. प्रधानमंत्री को देश के युवाओं ने, किसानों ने काम करने के लिए चुना लेकिन अब जनता के दिमाग में है कि पीएम भ्रष्ट हैं.