नई दिल्ली: बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने तीनों राज्यों में (छत्तीसगढ़, राजस्थान और एमपी) पार्टी की हार स्वीकार करते हुए कहा कि इस हार कारण जनता का गुस्सा नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर गुस्सा होता तो जितनी सीटें मिली हैं इतनी भी नहीं मिलतीं. आपको बता दें कि छत्तीगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकारें थीं. जहां छत्तीसगढ़ और राजस्थान में साफ तौर पर कांग्रेस सरकार बनाने जा रही है वहीं एमपी में भी कांग्रेस बढ़त बनाए हुए है.

मध्य प्रदेश- मध्य प्रदेश में विधानसभा की 230 सीटें हैं. 113 सीटों पर कांग्रेस बढ़त बनाए हुए है जबकि बीजेपी 106 पर आगे चल रही है. 11 सीटों पर अन्य की बढ़त है. एमपी में बहुमत के लिए 116 सीटों की जरूरत है. 2013 में बीजेपी ने 165 सीट जीती थीं जबकि कांग्रेस 58 सीटों पर सिमट गई थी. यहां यह बताना भी जरूरी है कि लगातार तीन बार से बीजेपी एमपी में जीत दर्ज करा रही थी और शिवराज सिंह चौहान लगातार तीन बार सीएम बने थे.

राजस्थान- राजस्थान में विधानसभा की 200 सीटें हैं जिनमें से 199 सीटों पर वोट डाले गए थे. 103 सीटों पर कांग्रेस+ बढ़त बनाए हुए है. 71 सीटों पर बीजेपी आगे चल रही है जबकि 25 सीटों पर अन्य आगे हैं. राजस्थान में बहुमत के लिए 100 सीटों की जरूरत है जिसे कांग्रेस स्पष्ट तौर से हासिल करती दिखाई दे रही है. अब कांग्रेस के सामने परेशानी ये होगी कि सीएम किसे बनाया जाए. सचिन पायलट और अशोक गहलोत के नाम सीएम पद की रेस में हैं.

छत्तीसगढ़- छत्तीसगढ़ में स्पष्ट तौर पर कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है. अभी तक की गणना के बाद कांग्रेस के खाते में 69 सीटें दिख रही हैं जबकि बीजेपी के पास 11 सीटें दिखाई दे रही हैं. अजीत जोगी गठबंधन के पास 9 सीटें जबकि अन्य के पास एक सीट दिखाई दे रही है. छत्तीसगढ़ के कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच जश्न का माहौल है जबकि बीजेपी ऑफिस पर सन्नाटा पसरा हुआ है. लगातार तीन बार से बीजेपी यहां सरकार बनाने में कामयाब हो रही थी लेकिन इस बार बाजी कांग्रेस के पास आ गई है.

बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने स्वीकार की हार

बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने तीनों राज्यों में हार तो स्वीकार की है लेकिन साथ ही ये भी कहा है कि इस हार का कारण जनता का गुस्सा नहीं है. अपने अंदाज के विपरीत संबित काफी विनम्र दिखे तो कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि ये विनम्रता थोड़ा पहले दिखानी चाहिए थी.