Elections 2022: घटते कोरोना मामलों के बीच प्रचार में पार्टियों को राहत, चुनाव आयोग ने जारी की नई गाइडलाइंस
Elections 2022: पहले रात में 8 बजे से सुबह 8 बजे तक चुनाव प्रचार नहीं हो सकता था लेकिन अब रात में 10 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक चुनाव प्रचार पर रोक रहेगी.
Election Commission Guidelines: कोरोना के कम होते मामलों के मद्देनजर केंद्रीय चुनाव आयोग (Election Commission) ने प्रचार के लिए कुछ और रियायतें दी हैं. पहले रात में 8 बजे से सुबह 8 बजे तक चुनाव प्रचार नहीं हो सकता था लेकिन अब रात में 10 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक चुनाव प्रचार पर रोक रहेगी. मैदान या रैली स्थल की अधिकतम क्षमता के 50 फीसदी संख्या के साथ सभा की जा सकेगी. पद यात्राओं को भी अनुमति मिली है लेकिन सीमित संख्या के लोगों के साथ ही पदयात्राएं की जा सकेंगी.
केंद्रीय चुनाव आयोग ने कोरोना के लगातार कम होते मामलों को देखते हुए ये राहत दी है क्योंकि 21 जनवरी को जहां करीब 3.5 लाख मामले सामने आ रहे थे तो वहीं आज की तारीख में यह संख्या गिरकर 50,000 तक पहुंच गई है.
आगामी विधानसभा चुनावों के लिए तीन राज्यों में 14 फरवरी को वोटिंग होनी है, जिसके लिए आज शाम 6 बजे से प्रचार का शोर थम गया है. गोवा और उत्तराखंड में 14 फरवरी को एक ही चरण में चुनाव है, ऐसे में अब यहां चुनावी ढोल पर थाप सुनाई नहीं देगी. वहीं यूपी के दूसरे चरण का प्रचार भी थम गया है. यूपी में दूसरे चरण में नौ जिलों-सहारनपुर, बिजनौर, मुरादाबाद, सम्भल, रामपुर, अमरोहा, बदायूं, बरेली तथा शाहजहांपुर की 55 विधानसभा सीटों के लिए 14 फरवरी को मतदान होगा.
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को यूपी के कन्नौज में एक चुनावी रैली को संबोधित किया. उन्होंने उत्तर प्रदेश की तुलना गुजरात से करते हुए कहा कि एक समय गुजरात में भी दंगे हुआ करते थे मगर भाजपा के सत्ता में आने पर गुजरात की ही तरह उत्तर प्रदेश में भी फसाद की घटनाएं बंद हो गयीं.
मोदी ने यहां एक चुनावी सभा में विपक्षी दलों पर दंगाइयों को प्रश्रय देने का आरोप लगाते हुए कहा, "मुझे याद है. एक समय था जब गुजरात में भी ऐसी ही स्थिति थी. कांग्रेस के वर्षों के शासन में वहां ऐसी स्थितियां बना दी गई थीं कि न तो व्यापार फलता-फूलता था और न लोग सुरक्षित महसूस करते थे. हर साल अनेक दंगे होते थे. वहां पर छोटी-छोटी बातों को लेकर दंगा हो जाया करता था. इसी तरह के दुष्चक्र में गुजरात लंबे अरसे तक फंसा हुआ था. गुजरात के लोगों ने जब भाजपा को मौका दिया तो स्थितियां बदलना शुरू हो गईं."