चुनावी राज्यों में क्या रैलियों, बड़ी जनसभाओं और रोड शो को इजाजत दी जाए या नहीं, इसे लेकर चुनाव आयोग ने शनिवार को बैठक की. बताया जा रहा है कि रैलियों और बड़ी जनसभाओं पर प्रतिबंध एक और हफ्ते के लिए जारी रखा जा सकता है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, राजनीतिक दलों को चुनाव प्रचार के लिए थोड़ी रियायत और दी जा सकती है.
लेकिन इस बीच राजनीतिक दलों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि केंद्रीय चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों का पूरी तरह से पालन हो. इसके अलावा बैठक में कोविड नियमों के उल्लंघन मामलों पर भी चर्चा हुई है. चुनाव आयोग ने पहले 15 जनवरी तक रैलियों और बड़ी जनसभाओं के आयोजन पर रोक लगाई थी, जिसे देश में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए 22 जनवरी तक बढ़ा दिया गया था.
चुनाव आयोग की आज केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव, राज्यों के मुख्य सचिवों और स्वास्थ्य सचिवों के साथ बैठक चल रही है, जिसमें स्थिति को देखते हुए कदम उठाए जाएंगे. उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव होने हैं.
इससे पहले उत्तर प्रदेश के लखनऊ में अपने कार्यालय परिसर में कोविड-19 मानदंडों का उल्लंघन करने के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) को नोटिस जारी करने के कुछ दिनों बाद चुनाव आयोग ने मंगलवार को उसे स्वास्थ्य दिशानिर्देशों का उल्लंघन नहीं करने और भविष्य में सतर्क रहने की सलाह दी थी.
आयोग ने यह देखते हुए कि यह सपा की ओर से मौजूदा दौर के चुनावों के दौरान पहली बार उल्लंघन की सूचना है, उसे भविष्य में सतर्क रहने और सभी मौजूदा दिशानिर्देशों का पालन करने की सलाह दी. आयोग ने पार्टी से अपने सदस्यों को चुनाव की अवधि के दौरान कोविड-19 दिशानिर्देशों का पालन करने का निर्देश देने के लिए कहा था.
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