Punjab UP Election 2022: पंजाब की सभी 117 विधानसभा सीटों पर जबकि उत्तर प्रदेश की 59 सीटों पर रविवार को मतदान होगा. दोनों ही राज्यों में बहुकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है. वर्तमान में पंजाब में कांग्रेस की सरकार है जबकि उत्तर प्रदेश में बीजेपी सत्ता में है. आइए आपको पहले पंजाब का लेखा-जोखा बताते हैं.


1,304 उम्मीदवार आजमाएंगे किस्मत


पंजाब में सुबह आठ बजे से शाम छह बजे तक वोट डाले जाएंगे. पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए होने वाले मतदान की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और करीब 2.14 करोड़ मतदाता 117 सीटों पर किस्मत आजमा रहे 1,304 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे. प्रत्याशियों में 93 महिलाएं भी शामिल हैं.


कौन सी पार्टियां मैदान में


पंजाब में इस बार कांग्रेस, आप, शिरोमणि अकाली दल-बसपा गठबंधन, बीजेपी-पीएलसी-शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) और विभिन्न किसान संगठनों की राजनीतिक इकाई संयुक्त समाज मोर्चा के बीच बहुकोणीय मुकाबला है. अपनी सत्ता को कायम रखने की कोशिश कर रही सत्तारूढ़ कांग्रेस को विभिन्न मुद्दों को लेकर विभिन्न राजनीतिक विरोधियों के तीखे हमलों का सामना करना पड़ा है, जिनमें नशीले पदार्थ और भ्रष्टाचार का मुद्दा शामिल है.


वहीं, कांग्रेस इन हमलों का मुकाबला मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के 111 दिनों के कार्यकाल में बिजली की दरों और ईंधन की कीमत में कमी जैसे फैसलों से कर रही है. आम आदमी पार्टी (आप) जो सबसे प्रमुख प्रतिद्वंद्वी के तौर पर उभरी है, वह शासन के दिल्ली मॉडल को पेश कर सत्ता पर काबिज होने का प्रयास कर रही है.


शिरोमणि अकाली दल का भी बहुत कुछ दांव पर लगा है जो वर्ष 2020 में बीजेपी के साथ कृषि कानूनों के मुद्दों पर नाता तोड़ने के बाद बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ गठबंधन कर चुनाव मैदान में उतरा है.


शिरोमणि अकाली दल के साथ गठबंधन में छोटी सहयोगी रही बीजेपी इसबार के गठबंधन में बड़े भाई की भूमिका में है. बीजेपी ने इस चुनाव के लिए पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह नीत पंजाब लोक कांग्रेस और सुखदेव सिंह ढींढसा नीत शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) के साथ गठबंधन किया है. 


केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ हुए किसानों के आंदोलन में शामिल पंजाब के कई किसान संगठन भी ‘संयुक्त समाज मोर्चा’ बनाकर राज्य की विधानसभा चुनाव में उतरे हैं और उन्होंने इसके लिए हरियाणा भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) नेता गुरनाम सिंह चढूनी नीत संयुक्त संघर्ष पार्टी के साथ गठबंधन किया है.


कौन हैं पंजाब चुनाव में प्रमुख नेता


इस चुनाव में चर्चित चेहरे जिनकी चुनावी किस्मत दांव पर लगी है उनमें मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री पद का चेहरा भगवंत मान, कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू, पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और प्रकाश सिंह बादल, शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल प्रमुख हैं.


पूर्व मुख्यमंत्री राजिंदर कौर भट्टल, बीजेपी की पंजाब इकाई के अध्यक्ष अश्वनी शर्मा और पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय सांपला भी इस चुनाव में किस्मत आजमा रहे हैं.


पार्टियों ने क्या-क्या वादे किए हैं?


इस चुनाव में सभी प्रमुख पार्टियों ने मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए मुफ्त की सौगात देने के वादे किए हैं. ‘आप’ ने सभी महिलाओं को एक-एक हजार रुपये देने का वादा किया है जबकि कांग्रेस ने भी जरूरतमंद महिलाओं को एक-एक हजार रुपये प्रति माह देने का वादा किया है.


शिरोमणि-बसपा गठबंधन ने नीले कार्ड (गरीबी रेखा से नीचे) धारक परिवार की महिला मुखिया को प्रत्येक महीने दो हजार रुपये देने का वादा किया है, साथ ही राज्य की 75 प्रतिशत सरकारी और निजी नौकरियों को पंजाब के युवाओं के लिए आरक्षित करने का वादा किया है. बीजेपी गठबंधन ने भी इसी तरह का वादा किया है, लेकिन सरकारी नौकरियों के लिए.


2017 में क्या हाल था?


गौरतलब है कि वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 77, शिअद-बीजेपी गठबंधन को 18, आप को 20 सीटें मिली थीं जबकि दो सीटें लोक इंसाफ पार्टी के खाते में गई थीं.


अब जानिए यूपी का हाल


उधर, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में राज्य के 16 जिलों के 59 निर्वाचन क्षेत्रों में तीसरे चरण के लिए मतदान होगा. मतदान रविवार सुबह सात बजे से शुरू होकर शाम छह बजे तक चलेगा.


कितने मतदाता डालेंगे वोट?


तीसरे चरण में दो करोड़ 15 लाख से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे. इनमें एक करोड़ 16 लाख से अधिक पुरुष मतदाता और 99 लाख से ज्यादा महिला मतदाता हैं, जबकि एक हजार से अधिक किन्नर (थर्ड जेंडर) मतदाता शामिल हैं.


कौन हैं अहम उम्मीदवार?


तीसरे चरण में राज्‍य के 16 जिलों के 59 विधानसभा क्षेत्रों में मैनपुरी जिले की करहल विधानसभा सीट भी शामिल है, जहां सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी से केंद्रीय मंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल और मुख्‍य विपक्षी समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आमने-सामने हैं.


तीसरे चरण के कुल 627 उम्मीदवारों में राज्‍य सरकार के मंत्री सतीश महाना (महाराजपुर-कानपुर) व आबकारी मंत्री रामनरेश अग्निहोत्री (भोगांव-मैनपुरी) रामवीर उपाध्याय (हाथरस - सादाबाद) बीजेपी से चुनाव मैदान में हैं, जबकि पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद फर्रुखाबाद सदर से कांग्रेस की उम्मीदवार हैं.


 मैनपुरी जिले के साथ ही हाथरस, फिरोजाबाद, एटा, कासगंज, फर्रुखाबाद, कन्नौज, इटावा, औरैया, कानपुर देहात, कानपुर नगर, जालौन, झांसी, ललितपुर, हमीरपुर और महोबा जिलों के विधानसभा क्षेत्रों में वोटिंग होगी.


पहली बार विधायिकी लड़ रहे अखिलेश यादव


अखिलेश मैनपुरी जिले के करहल क्षेत्र से पहली बार विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमा रहे हैं. वर्ष 2017 में बीजेपी की लहर में भी सपा के सोबरन सिंह यादव ने इस सीट पर अपनी जीत बरकरार रखी थी. अखिलेश के मुकाबले केंद्रीय मंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल के बीजेपी उम्मीदवार के रूप में सामने आने से मुकाबला दिलचस्प हो गया है. अखिलेश के चाचा शिवपाल सिंह यादव अपनी पारंपरिक जसवंतनगर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं.


2017 में क्या था हाल?


वर्ष 2017 में बीजेपी ने तीसरे चरण की 59 सीटों में से कुल 49 सीटें जीती थीं जबकि सपा को सिर्फ नौ सीटों से संतोष करना पड़ा था. कांग्रेस को एक सीट मिली थी, जबकि बहुजन समाज पार्टी को एक भी सीट नहीं मिल सकी थी.


पहले चरण में 10 फरवरी को 58 और दूसरे चरण में 14 फरवरी को 55 सीटों पर मतदान संपन्न हो चुका है. राज्य में सात चरणों में हो रहे विधानसभा चुनाव के सातवें चरण का मतदान सात मार्च को होगा. परिणाम 10 मार्च को आएंगे.


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