'प्यार और राजनीति में सब जायज है', नितिन गडकरी ने शरद पवार की ओर इशारा कर क्यों कहा ऐसा?
Maharashtra Elections: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि शरद पवार महाराष्ट्र में बहुत सम्मानित नेता हैं, लेकिन एक समय में उन्होंने ऐसे कदम उठाए थे, जिनका असर हर पार्टी पर पड़ा था.
Maharashtra Assembly Election: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आज (10 नवंबर, 2024) उन आरोपों को खारिज कर दिया, जिसमें ये कहा गया था कि भाजपा अन्य दलों में फूट डालने की राजनीति करती है. शरद पवार पर निशाना साधते हुए गडकरी ने कहा कि पवार ने अपने समय में ऐसा ही किया था. उन्होंने ये भी कहा कि प्यार और राजनीति में सब जायज है.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले एनडीटीवी को दिए एक इंटरव्यू में नितिन गडकरी कहा, "प्यार और राजनीति में सब जायज है. कभी-कभी, यह लोगों के लिए कारगर होता है तो कभी-कभी प्रतिक्रियाएं होती हैं.” गडकरी से उस जनधारणा के बारे में पूछा गया, जिसकी वजह से भाजपा को लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा. इसके जवाब में वह बोले, “शरद पवार महाराष्ट्र में बहुत सम्मानित नेता हैं, लेकिन एक समय में उन्होंने ऐसे कदम उठाए थे, जिनका असर हर पार्टी पर पड़ा था. शरद पवार के नेतृत्व में एनसीपी ने सभी दलों को तोड़ दिया था.
प्यार और राजनीति में सब जायज
नितिन गडकरी ने कहा कि पवार ने शिवसेना को तोड़ दिया, छगन भुजबल और अन्य नेता को बाहर निकाल दिया था, लेकिन राजनीति में यह काफी आम बात है. यह सही है या गलत, यह अलग बात है… एक कहावत है - प्यार और राजनीति में सब कुछ जायज है."
लोकसभा चुनाव में 48 में से 30 सीटें जीती थी MVA
इस साल हुए लोकसभा चुनाव में विपक्षी महा विकास अघाड़ी ने राज्य की 48 सीटों में से 30 सीटें जीती थीं. सत्तारूढ़ गठबंधन ने 17 सीटें जीती थीं. वहीं एक सीट निर्दलीय उम्मीदवार के खाते में गई थी. इन नतीजों को राज्य में राजनीतिक उथल-पुथल, शिवसेना में विभाजन, एमवीए सरकार का पतन और सत्ता की बागडोर भाजपा और शिवसेना के विद्रोही शिंदे गुट के हाथों में जाने के बाद में जनता की नाराजगी के तौर पर देखा गया. इसके बाद शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में विभाजन हुआ और अजीत पवार के नेतृत्व वाला विद्रोही गुट सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल हो गया.
कांग्रेस को मिली थी सबसे ज्यादा सीटें
विपक्षी महा विकास अघाड़ी ने राज्य की 48 लोकसभा सीटों में से 30 पर जीत हासिल की थी, जबकि सत्तारूढ़ गठबंधन ने 17 सीटें जीती थीं। शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट ने नौ सीटें जीतीं, जबकि शिंदे गुट ने सात सीटें जीतीं, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) ने आठ सीटें जीतीं, जबकि अजित पवार की पार्टी ने एक सीट जीती, सबसे बड़ी जीत कांग्रेस की हुई, जो एक सीट से बढ़कर 13 पर पहुंच गई.
भाजपा को मिली थी 9 सीटें
लोकसभा चुनावों में भाजपा को भी नुकसान उठाना पड़ा, जो 2019 में जीती गई 23 सीटों से घटकर नौ पर आ गई. 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा के लिए मतदान 20 नवंबर को एक ही चरण में होगा और मतों की गिनती 23 नवंबर को होगी.
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