(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Exclusive: आदित्य ठाकरे के सामने 'बलि का बकरा' बने मिलिंद देवड़ा? खुद दिया ये जवाब
Maharashtra Assembly Elections: एकनाथ शिंदे की शिवसेना से उम्मीदवार मिलिंद देवड़ा ने कहा है कि उन्होंने और उनके स्वर्गीय पिता ने मुंबई की सेवा की है और आगे भी वह ऐसा ही करना चाहते हैं.
Maharashtra Assembly Elections: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अब ज्यादा दिन नहीं बचे हैं. ऐसे में महायुति गठबंधन प्रदेश में जोरदार प्रचार कर रही है. इसी बीच शिवसेना (शिंदे गुट) के उम्मीदवार मिलिंद देवड़ा ने एबीपी न्यूज को एक्सक्लूसिव इंटरव्यू दिया है. मिलिंद देवड़ा ने कहा, “शिंदे साहब ने तय कर लिया था और मुझे कहा इसलिए मैं लड़ रहा हूं. मैं और मेरे स्वर्गीय पिता ने मुंबई की सेवा की है और आगे भी करना चाहता हूं.”
आदित्य ठाकरे के सामने मिलिंद देवड़ा को ‘बलि का बकरा’ बनाया गया वाली बात पर मिलिंद देवड़ा ने कहा, “जिसको जो कहना है कहे. मेरा इरादा सिर्फ लोगों की सेवा करना है. आदित्य ठाकरे को जवाब देना चाहिए कि इतने सालों में उन्होंने अपनी कांस्टीट्यूएंसी के लिए क्या किया. आदित्य ठाकरे तो वर्ली से बाहर आकर वर्ली से चुनाव लड़ते हैं.” वहीं आदित्य ठाकरे के महायुति की औद्योगिकी नीति के कारण बेरोजगारी बढ़ी है वाले बयान को लेकर देवड़ा ने कहा कि आदित्य ठाकरे ने महायुति के हर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट का विरोध किया है.
लोगों की सेवा करने पर फोकस
‘बंटोगे तो कटोगे’ पर देवड़ा का कहना था, “मैं यह बयान या ऐसे पोस्टर्स नहीं देखे. मेरा फोकस लोगों की सेवा करने पर है चाहे एक सांसद रहकर हो या फिर एक विधायक बनकर.
इंडिया महागठबंधन अवसरवादी है
महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन से अजित पवार क्या अलग हो सकते हैं. इस सवाल के जवाब में देवड़ा ने कहा कि महायुति एक नेचुरल अलायंस है और मैं दावे के साथ कहता हूं कि यह गठबंधन नहीं टूटेगा. बल्कि इंडिया महागठबंधन अवसरवादी गठबंधन है और वह टूट सकता है.
उद्धव ठाकरे को लेकर कही ये बात
बड़ा दावा करते हुए देवड़ा बोले, “उद्धव ठाकरे बार-बार कह रहे थे कि मुझे मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर दिया जाए, लेकिन महागठबंधन ने उनके नाम का ऐलान नहीं किया. इससे साफ है कि यह अवसरवादी गठबंधन है और अननेचुरल अलायंस है.
बाबा सिद्दीकी की हत्या पर उद्धव ठाकरे को घेरा
वहीं बाबा सिद्दीकी की हत्या और लॉ एंड ऑर्डर को लेकर मिलिंद देवड़ा ने कहा कि उद्धव ठाकरे जब मुख्यमंत्री थे और एक बड़ा पुलिस अधिकारी बड़े उद्योगपतियों के घर के बाहर जिलेटिन लगवा रहा था और एक्सटॉर्शन कर रहा था… तो वह क्या था? उस समय नोएडा के न्यूज चैनलों ने डिबेट क्यों नहीं किया? बाबा सिद्दीकी के साथ जो घटना घटी वह बेहद दुखद है और उस पर एक्शन हो रहा है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि लॉ और आर्डर का कोई इशू है.
फ्रीबीस और डायरेक्ट बेनिफिट में फर्क होता है
महाराष्ट्र में फ्रीबीस और राजकोष पर पढ़ रहे प्रभाव को लेकर देवड़ा ने कहा, “फ्रीबीस और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर करने में बहुत फर्क होता है और हम फ्रीबीस की राजनीति नहीं करते. हां, लेकिन मेरा मानना है कि सभी राजनीतिक दलों को इस पर बैठकर कंसेंसस बनाना चाहिए.”
जातीय जनगणना पर राहुल गांधी को घेरा
राहुल गांधी की संविधान और जातीय जनगणना वाले मुद्दे को लेकर देवड़ा ने कहा, “जैसे हरियाणा ने संविधान के नाम पर बहकने और जाति धर्म के नाम पर डिवाइड करने की राजनीति को रिजेक्ट किया वैसे ही महाराष्ट्र भी इनको रिजेक्ट करेगा. उनकी पार्टी के नेता खुद इस बार इसे दुखी है कि गांधी-नेहरू की जो पार्टी कभी जाति धर्म की राजनीति नहीं करती थी वह आज समाज को विभाजित करने का काम कर रही है.
अपने ही सिद्धांतों को छोड़ चुकी है कांग्रेस
अकबरुद्दीन के वह वाले बयान, जिसमें कहा गया था कि काटने की बात वही करते हैं, जो बांटते हैं पर देवड़ा ने कहा कि लोग मुझे सालों से जानते हैं मैं ऐसी राजनीति में विश्वास नहीं करता. किसी को ऐसी राजनीति नहीं करनी चाहिए और कांग्रेस भी जानबूझकर आज पोलराइज्ड करने के लिए अपने ही सिद्धांतों को छोड़कर समाज को धर्म और जाति के नाम पर विभाजित कर रही है.
फिर बनेगी शिंदे सरकार
मिलिंद देवड़ा से यह भी पूछा गया कि चुनाव में महायुति के कितनी सीटें जीतने की उम्मीदें हैं. इसपर देवड़ा ने कहा नंबर में नहीं पड़ना चाहता, लेकिन शिंदे साहब के काम के दम पर महाराष्ट्र की जनता फिर से हमारी सरकार बनवाएगी.
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