जसवंत नगर से विधायक और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के मुखिया शिवपाल सिंह यादव का मानना है कि सपा गठबंधन को अपनी हार की समीक्षा करनी चाहिए. शिवपाल के मुताबिक वह नेता प्रतिपक्ष या संगठन दोनों का काम करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि संगठन को मजबूत करने की जरूरत है. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के नतीजों के बाद 'एबीपी न्यूज़' ने शिवपाल यादव से बात की और कई अहम सवाल पूछे.
1. उत्तर प्रदेश की राजनीति में इस बार जिस तरह से जनादेश आया है, उसको देखकर क्या कहेंगे?
वैसे तो माहौल अखिलेश यादव के नेतृत्व में जो गठबंधन बना था उसका था, लेकिन बीजेपी को बहुमत मिला है. कहीं ना कहीं हमारी कमियां रही हैं, जिसकी वजह से हम जीत हासिल नहीं कर पाए. हमें कमियों की समीक्षा करनी होगी और चिंतन करना पड़ेगा.
2. क्या सपा गठबंधन को अति आत्मविश्वास हो गया था या गलतियां ज्यादा हो गईं?
देखिए ख़ामियां भी थीं और कार्यकर्ता अति आत्मविश्वास में थे. जो चालाकियां भारतीय जनता पार्टी कर रही थी, उसका हमारा संगठन मुक़ाबला नही कर सका. हमारा संगठन प्रशिक्षित होना चाहिए था लेकिन हम संगठन को प्रशिक्षित नही कर पाए.
3. कौन सी चालाकियां बीजेपी ने कीं और आप उसको समझ नहीं पाए?
बीजेपी ने चुनाव के लिए खूब पैसे बांटे. इसके अलावा जो मैंने अभी तक समीक्षा की है, जो ग़रीबों को राशन बांटा गया और जो किसानों को एक साल में 6000 रुपये दिए गए, उसकी वजह से भी बीजेपी को वोट ज़्यादा मिला है. हम लोगों की कुछ भूल भी रहीं, कुछ ख़ामियां भी रहीं और हम लोगों को जीत नहीं मिली.
4. आप पर परिवारवाद का आरोप लगा. क्या ये समाजवादी पार्टी के नेतृत्व की विफलता दिखता है?
देखिए कहीं ना कहीं जो भारतीय जनता पार्टी की चालाकियां थीं, उसमें नही पड़ना चाहिए था. सीधे सीधे तरीक़े से हम लोग काम करते हैं. किसी की चिंता नही करते कौन क्या बोल रहा है. अपने जो मुद्दे होते हैं हम थे तो डटना था और डट कर भारतीय जनता पार्टी की जितनी गलत नीतियां थीं, उनका मुक़ाबला डटकर करेंगे.
5. आपकी बात क्या पार्टी में आपने रखी थी? सुनी गयी या नहीं सुनी गयी?
देखिए इतना मौक़ा भी नहीं मिला. मैंने इशारा किया था लेकिन ज़्यादा मौक़ा बातचीत करने का नहीं मिला और बहुत कम समय था जब हमारी पार्टी और अखिलेश यादव दोनों मिलकर एक हुए थे. तो उसकी वजह से ज़्यादा बातचीत नही हो पायी.
6. क्या आपके संगठन ने काम किया या फिर शांत रहा?
हमारे संगठन ने काम किया है, लेकिन हमारे संगठन से जो भी ज़िले में प्रत्याशी थे, उन्होंने सहयोग नहीं लिया. फिर भी हमारे निर्देश थे कि आपको अखिलेश यादव के नेतृत्व में जो गठबंधन बना है, उसको ही सहयोग करना है. हमारे पूरे संगठन ने सहयोग किया है.
7. बीजेपी के मुसलमानों को लेकर लगाए गए आरोपों पर क्या कहेंगे?
देखिए हमारी पार्टी में वैसे धर्मनिरपेक्ष लोग हैं और हमारे पार्टी में सभी वर्ग के लोगों को चाहे वो हिंदू हो, मुसलमान हो, किसी भी वर्ग के लोग हैं, सबको टिकट मिला है. यादव भी जीत गए, एससी भी जीत गए और मुसलमान भी जीते हैं. इससे ज़्यादा 2012 में जीते थे और हमेशा जीते हैं. जब नेताजी मुख्यमंत्री बने तब भी मुसलमानो की संख्या ज़्यादा रही, यादवों की भी ज़्यादा रही. हमारे मंत्रीमंडल में तो 10-10 ब्राह्मण मंत्री भी बने हैं. हमने कभी जाति, धर्म को नहीं देखा है हमारी पार्टी धर्मनिरपेक्ष है.
8. ये कहा जा रहा है कि महिला आपकी रैलियों में महिलाएं नहीं आती थीं. क्या महिलाओं ने समाजवादी पार्टी को पीछे रखा है?
देखिए वैसे तो संगठन की कमी थी. संगठन में महिलाओं को रखना चाहिए था. रेलियों में भी ज़्यादातर लाना चाहिए था, लेकिन हमने जब कई जगह अपना रथ निकाला था, तो गोरखपुर में एक जगह महिलाएं पुरुषों से ज्यादा थीं. लेकिन ये संगठन के लोगों को ये काम करना चाहिए.
9. ये बताइए नेता प्रतिपक्ष में आपका नाम सबसे आगे है. क्या कहेंगे?
देखिए जो भी हमें ज़िम्मेदारी मिलेगी, वो बखूबी निभाएंगे. संगठन की मिलेगी तो वो हम निभाने का काम करेंगे.
10. योगी आदित्यनाथ को आपका क्या संदेश है?
देखिए मुख्यमंत्री शपथ लेने के बाद किसी दल का नेता नहीं रहता. पूरे उत्तर प्रदेश की जनता का नेता होता है. हम चाहेंगे कि वह निष्पक्ष होकर उत्तर प्रदेश की भलाई के लिए काम करें.
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