Exit Poll 2024: शनिवार को सामने आए एग्जिट पोल के मुताबिक केंद्र में एनडीए की एक बार फिर वापसी होती नजर आ रही है. विशेषज्ञों की मानें तो उत्तर प्रदेश में बीजेपी का प्रदर्शन अच्छा रह सकता है. बीजेपी को यूपी में कहीं दिक्कत आ सकती है तो वो है पूर्वांचल. पूर्वांचल के गाजीपुर में भी बीजेपी और सपा के बीच कड़ी टक्कर होने की उम्मीद है.
इंडिया टुडे- एक्सिस माय इंडिया के एग्जिट पोल के मुताबिक गाजीपुर में मुकाबला सपा के अफजाल अंसारी और बीजेपी के पारस नाथ राय के बीच है. इस सीट पर अंतिम चरण में वोट डाले गए थे. मुख्तार की मौत के बाद गाजीपुर में पहली बार लोकसभा का चुनाव हो रहा है. मुख्तार के बड़े भाई अफजाल अंसारी ने 2019 में बसपा के टिकट पर गाजीपुर से लोकसभा का चुनाव जीता था. गाजीपुर के साथ-साथ पड़ोस के बलिया, मऊ, आजमगढ़ और वाराणसी जैसे जिले में भी अंसारी परिवार का प्रभाव माना जाता है.
अफजाल अंसारी चुनाव से पहले ही बसपा छोड़ सपा में शामिल हुए थे. सपा ने गाजीपुर से उनके उम्मीदवारी की घोषणा भी बहुत पहले ही कर दी थी. उत्तर प्रदेश में सरकार चला रही बीजेपी ने अफजाल के सामने पारस नाथ राय को उतारा है. उन्हें जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का करीबी माना जाता है. अबतक हुए चुनावों में मनोज सिन्हा के चुनाव की जिम्मेदारी राय ही उठाते रहे हैं.इस बार वो खुद ही चुनाव मैदान में हैं. वो विद्यार्थी परिषद से होते हुए बीजेपी में आए हैं.वहीं डॉक्टर उमेश कुमार सिंह बसपा के उम्मीदवार हैं.
अफजाल में 2019 के चुनाव में सिन्हा को मात दी थी. अफजाल अंसारी को पांच लाख 66 हजार 82 वोट और मनोज सिंन्हा को चार लाख 46 हजार 690 वोट मिले थे. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के रामजी को 33 हजार 877 और कांग्रेस के अजीत प्रताप कुशवाहा को 19 हजार 834 वोट मिले थे.इस बार के चुनाव में सुभासपा बीजेपी की सहयोगी है तो कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी से हाथ मिलाया है.मनोज सिन्हा 1996, 1999 और 2014 में गाजीपुर से चुनाव जीत चुके हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी माने जाने वाले मनोज सिन्हा को पीएम मोदी की पहली सरकार में रेल राज्य मंत्री बनाया गया था. वहीं अफजाल अंसारी ने 2004 का चुनाव गाजीपुर से सपा के टिकट पर जीता था.