पांच सालों में महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा बदलाव आया है. साल 2019 में जब विधानसभा चुनाव हुए थे, उससे आज की स्थिति बहुत अलग है. 2019 में एक शिवसेना और एक नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) मैदान में थी, लेकिन इस बार शिवसेना और एनसीपी के गुट एक दूसरे के खिलाफ खड़े हैं और महाराष्ट्र की राजनीति का सबसे बड़ा बदलाव यही है. अब सबकी नजरें इस पर हैं कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियों के इन गुटों में कौन किस पर भारी पड़ने वाला है.


एनसीपी का चाचा शरद पवार का गुट महाविकास अघाड़ी गठबंधन (MVA) के साथ चुनाव लड़ा और भतीजे अजित पवार का गुट महायुति गठबंधन के साथ मैदान में था. वहीं, शिवसेना का उद्धव ठाकरे गुट एमवीए के साथ है और एकनाथ शिंदे की शिवसेना महायुति गठबंधन के साथ मैदान में उतरी. अब देखना यह है कि शरद पवार बनाम अजित पवार और उद्धव ठाकरे बनाम एकनाथ शिंदे गुट की रेस में कौन आगे है.


मैट्राइज एग्जिट पोल ने शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट को उद्धव ठाकरे गुट पर भारी दिखाया है. एग्जिट पोल के अनुसार एकनाथ शिंदे गुट को 288 विधानसभा सीटों में से 37 से 45 सीटों पर जीत मिल सकती है. वहीं, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) को 21 से 29 सीटों पर जीत मिल सकती है.


एनसीपी की बात करें तो एग्जिट पोल के नतीजे कहते हैं कि शरद पवार गुट भतीजे अजित पवार गुट पर भारी पड़ सकता है. नतीजों के अनुसार शरद पवार गुट 35 से 43 सीटें जीत सकता है, जबकि अजित पवार गुट के हिस्से में 17 से 26 सीटें आ सकती हैं.


महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटों के लिए हुए चुनाव में बीजेपी, शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) और नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (अजित पवार गुट) का महायुति गठबंधन मैदान में था, जबकि शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट), कांग्रेस और एनसीपी (शरद पवार गुट) का महाविकास अघाड़ी गठबंधन चुनावी मैदान में है. महाराष्ट्र में जीत के लिए बहुमत का आंकड़ा 145 है. किसी भी पार्टी को सरकार बनाने के लिए 145 सीटें जीतनी जरूरी है. 


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