दावा: कांग्रेस ने कहा कि अगर वह सत्ता में आई तो 'इन्हेरिटेंस टैक्स' या कहें विरासत टैक्स लागू करेगी.
फैक्ट: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने विरासत टैक्स लागू करने आरोप से इनकार किया है. पार्टी के मेनिफेस्टो में विरासत टैक्स का कोई जिक्र नहीं है. इसके अलावा अपने बयान से विवाद खड़ा करने वाले सैम पित्रोदा ने साफ कर दिया कि उन्होंने विरासत टैक्स का सिर्फ एक उदाहरण दिया था.
फैक्ट चेक: लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए मतदान की तैयारियों के बीच बीजेपी और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग बढ़ गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार (24 अप्रैल) को छत्तीसगढ़ में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर हमला बोला. उन्होंने कहा, "कांग्रेस कह रही है कि वह विरासत टैक्स लागू करेगी. वह आपके माता-पिता से मिली विरासत पर टैक्स लगाने की बात कर रही है." पीएम ने आगे कहा, "कांग्रेस का मंत्र है- कांग्रेस की लिट, जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी."
पीएम के बयान से जुड़ा हुआ ट्वीट यहां क्लिक कर देखा जा सकता है.
प्रधानमंत्री मोदी के बयान के बयान के बाद सोशल मीडिया पर इसकी चर्चा शुरू होने लगी. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कई यूजर्स ने कांग्रेस के कथित विरासत टैक्स लागू करने की योजना के बारे में बताते हुए पीएम मोदी के बयान का वीडियो शेयर किया.
पीएम के बयान से जुड़े पोस्ट को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है. (पोस्ट 1, पोस्ट 2, पोस्ट 3)
क्या है 'इन्हेरिटेंस टैक्स'?
'इन्हेरिटेंस टैक्स' या कहें विरासत टैक्स एक मृत व्यक्ति की संपत्ति पर लगाया जाने वाला टैक्स है. ये उस संपत्ति पर लगाया जाता है, जो मृत व्यक्ति के उत्तराधिकारियों के बीच बांटी जानी है. जापान, अमेरिका और फ्रांस जैसे कई देश इस तरह के टैक्स लगाते हैं.
फैक्ट चेक/वेरिफिकेशन
'इन्हेरिटेंस टैक्स' लागू करने के दावों की जांच के लिए जब Inheritance Tax और Congress लिखकर गूगल पर कीवर्ड सर्च किया गया. इस दौरान ऐसी कई रिपोर्ट्स मिलीं, जिनमें बताया गया कि ये बयान 'इंडियन ओवरसीज कांग्रेस' के चेयरमैन सैम पित्रोदा ने दिया है. उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई को अमेरिका से बैठकर दिए एक इंटरव्यू में 'इन्हेरिटेंस टैक्स' या कहें विरासत टैक्स को लेकर बयान दिया, जिसे लेकर भारत में राजनीतिक घमासान छिड़ गया.
कैसे हुई विवाद की शुरुआत?
न्यूज एजेंसी एएनआई ने 24 अप्रैल, 2024 को सैम पित्रोदा का इंटरव्यू लिया. इसका पूरा वीडियो एजेंसी के यूट्यूब चैनल पर "क्या कांग्रेस भारत में विरासत टैक्स की वकालत कर रही है? सैम पित्रोदा ने इंटरव्यू में दिए बड़े संकेत" टाइटल के साथ शेयर किया गया था.
एएनआई ने एक्स पर 24 अप्रैल, 2024 को ही पित्रोदा के इंटरव्यू का छोटा हिस्सा शेयर किया. इस वीडियो में इंटरव्यू लेने वाला शख्स कहता है, "लेकिन सर, एक बात है, जिस पर प्रधानमंत्री कांग्रेस नेता राहुल गांधी या पार्टी के घोषणापत्र में किए गए वादे की ओर इशारा कर रहे हैं. अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो पार्टी इस बात की जांच करने के लिए एक सर्वे कराएगी कि किसके पास देश में कितना धन है और फिर उसे लोगों के बीच बांटेगी."
(एएनआई के जरिए एक्स पर शेयर किए पोस्ट का स्क्रीनशॉट)
सैम पित्रोदा इस पर कहते हैं, "अमेरिका में इन्हेरिटेंस टैक्स है. इसलिए अगर कहें कि किसी के पास 100 मिलियन डॉलर की संपत्ति है और जब उसकी मौत होती है तो संपत्ति का सिर्फ 45% ही उसके बच्चों को मिलता है. 55% सरकार के पास चला जाता है. ये एक दिलचस्प कानून है. इसमें कहा गया है कि आपने अपनी पीढ़ी के दौरान संपत्ति बनाई. अब आपकी मौत हो गई, इसलिए अब आपको अपनी संपत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए. पूरी नहीं बल्कि आधी, जो मुझे उचित लगती है. भारत में ऐसा नहीं है. अगर कोई 10 अरब का मालिक है और वह मर जाता है तो उसके बच्चों को 10 अरब मिलते हैं, जनता को कुछ नहीं मिलता. कानून (इन्हेरिटेंस टैक्स) कहता है कि आपको इसका (संपत्ति) आधा हिस्सा मिलेगा, जबकि आधा हिस्सा जनता के पास जाएगा."
वह आगे कहते हैं, "तो ये ऐसे मुद्दे हैं जिन पर लोगों को बहस और चर्चा करनी होगी. मुझे नहीं पता कि अंत में निष्कर्ष क्या निकलेगा, लेकिन जब हम संपत्ति के बंटवारे के बारे में बात करते हैं तो हम नई नीतियों और नए कार्यक्रमों के बारे में बात कर रहे हैं. ये लोगों के हित में हैं, न कि सिर्फ सुपर-रिच (बहुत ज्यादा अमीर) लोगों के हित में." इस वीडियो बाइट से साफ होता है कि पित्रोदा अमेरिका में लागू टैक्स का उदाहरण दे रहे हैं. ठीक वैसे ही वह मोनोपॉली एक्ट की बात करते हैं और उस तरह के टैक्स को भारत में लागू करने का प्रस्ताव नहीं देते हैं.
अमेरिकी इन्हेरिटेंस टैक्स का बस उदाहरण दिया था: सैम पित्रोदा ने दी सफाई
भारत में जैसे ही इन्हेरिटेंस टैक्स को लेकर विवाद बढ़ता गया, वैसे ही सैम पित्रोदा ने सफाई देते हुए कहा कि उनके बयान को 'गोदी मीडिया' ने तोड़-मरोड़ कर पेश किया है. एक्स पर किए गए सिलसिलेवार पोस्ट में उन्होंने कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अमेरिका में इन्हेरिटेंस टैक्स पर मैंने जो कहा, उसे गोदी मीडिया ने तोड़-मरोड़ कर पेश किया है, ताकि प्रधानमंत्री कांग्रेस के घोषणापत्र के बारे में जो झूठ फैला रहे हैं, उससे ध्यान भटकाया जा सके. प्रधानमंत्री की मंगलसूत्र और सोना छीनने की टिप्पणी बिल्कुल सच नहीं है."
उन्होंने कहा, "मैंने टीवी पर अपनी सामान्य बातचीत में केवल एक उदाहरण के तौर पर अमेरिका में अमेरिकी इन्हेरिटेंस टैक्स का जिक्र किया था. क्या मैं फैक्ट्स का जिक्र नहीं कर सकता? मैंने कहा कि ये ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर लोगों को चर्चा और बहस करनी होगी. इसका कांग्रेस समेत किसी भी पार्टी की पॉलिसी से कोई लेना-देना नहीं है."
पित्रोदा ने आगे कहा, "किसने कहा कि 55% : छीन लिया जाएगा? किसने कहा कि भारत में ऐसा कुछ होना चाहिए? बीजेपी और मीडिया क्यों घबराई हुई है?"
'इन्हेरिटेंस टैक्स' का कांग्रेस के न्याय पत्र में नहीं है कहीं जिक्र
हमने लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के घोषणापत्र के 'टैक्सेशन और टैक्स रिफॉर्म्स' सेक्शन की जांच की. इसमें डायरेक्ट टैक्स कोड के अधिनियमन, एंजेल टैक्स को खत्म करने, व्यक्तियों और पार्टनरशिप फर्मों के स्वामित्व वाले एमएसएमई पर टैक्स के बोझ को कम करने और जीएसटी काउंसिल को फिर से डिजाइन करने का जिक्र है. हालांकि, हमें किसी इन्हेरिटेंस टैक्स या पैतृक संपत्ति पर ऐसे किसी टैक्स का कोई जिक्र नहीं मिला.
(कांग्रेस के घोषणापत्र का स्क्रीनशॉट)
पूरे न्याय यात्र में सिर्फ एक जगह इन्हेरिटेंस शब्द मिला है. महिला सशक्तिकरण सेक्शन के तहत पार्टी ने वादा किया है, "विवाह, उत्तराधिकार, विरासत (इन्हेरिटेंस), गोद लेने, संरक्षकता आदि के मामलों में महिलाओं और पुरुषों को समान अधिकार होना चाहिए. हम सभी कानूनों की समीक्षा करेंगे और पुरुषों और महिलाओं के बीच समानता सुनिश्चित करेंगे."
कांग्रेस और वरिष्ठ नेताओं के एक्स अकाउंट्स पर नहीं है इन्हेरिटेंस टैक्स का जिक्र
हमने इन्हेरिटेंस टैक्स के बारे में पता लगाने के लिए कांग्रेस के ऑफिशियल एक्स अकाउंट को भी खंगाला. हालांकि, हमने वहां पर इस बात का कहीं भी उल्लेख नहीं मिला कि पार्टी की सरकार बनने पर वह विरासत टैक्स लगाएगी. एक्स पर एडवांस सर्च करने पर भी हमें Inheritance Tax और पार्टी नेताओं के इस संबंध में ट्वीट करने की भी जानकारी नहीं मिली.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी और राहुल गांधी ने भी इन्हेरिटेंस टैक्स को लेकर कोई ट्वीट नहीं किया है.
सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि हालिया कोई भी पोस्ट नहीं मिली है, जिसमें किसी वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा है कि वह भारत में इन्हेरिटेंस टैक्स लागू करेंगे.
यहां गौर करने वाली बात ये है कि यूपीए 2.0 के कार्यकाल के दौरान कांग्रेस नेता और तत्कालीन केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने कथित तौर पर देश में लो टैक्स-जीडीपी अनुपात की वजह से इन्हेरिटेंस टैक्स लागू करने का आइडिया दिया था. उन्होंने कहा था, "हम वास्तव में संसाधन, खासतौर पर टैक्स संसाधन जुटाने की अपनी क्षमता को कम आंक रहे हैं. चूंकि गैर-योजना वाले खर्च को कंट्रोल करना मुश्किल होता है, इसलिए टैक्स-जीडीपी अनुपात को बढ़ाया जाना चाहिए. खासतौर पर विशिष्ट उपभोग पर टैक्स लगाकर और इन्हेरिटेंस टैक्स लगाकर." हालांकि, इन्हेरिटेंस टैक्स को कभी लागू नहीं किया गया.
राजीव गांधी सरकार के दौरान संपदा शुल्क अधिनियम, 1953 समाप्त किया गया
भारत में संपत्ति शुल्क अधिनियम 1953 के तहत विरासत पर टैक्स लगाया गया था. हालांकि, 1985 में राजीव गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने इसे समाप्त कर दिया था. उस समय देश के वित्त मंत्री रहे वीपी सिंह ने कथित तौर पर राय दी थी कि यह अधिनियम समाज में संतुलन लाने और धन अंतर को कम करने में फेल हुआ है.
जब बीजेपी नेताओं ने किया विरासत टैक्स का जिक्र
कई मौकों पर बीजेपी के नेता भी विरासत टैक्स या कहें इन्हेरिटेंस टैक्स की वकालत करते हुए नजर आए हैं. 2014 की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि बीजेपी के जयंत सिन्हा ने अमीरों लोगों की मौत के बाद उनकी संतानों को दी जाने वाली संपत्ति के लिए विरासत टैक्स जैसे नियम का समर्थन किया था.
(फर्स्टपोस्ट वेबसाइट का स्क्रीनशॉट)
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2018 में दिवंगत अरुण जेटली ने कहा था कि विदेशों में अस्पतालों, यूनिवर्सिटीज और अन्य संस्थानों को विरासत टैक्स की वजह से भारी पैसा मिल रहा है. हालांकि, भारत में ऐसा नहीं है.
2019 की कई रिपोट्स में बताया गया था कि मोदी सरकार विरासत टैक्स को फिर से लागू कर सकती है.
'इन्हेरिटेंस टैक्स लागू करने की कोई योजना नहीं, घोषणा पत्र में जिक्र नहीं': कांग्रेस नेताओं की सफाई
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने साफ किया है कि उनकी पार्टी का इन्हेरिटेंस टैक्स लागू करने का कोई इरादा नहीं है. खरगे ने केरल में एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा, "हमारे यहां संविधान है, हमारी कोई मंशा नहीं है. आप उनके विचार हमे क्यों बता रहे हैं? सिर्फ वोटों के लिए, वे लोग इस तरह का खेल खेल रहे हैं."
पार्टी की स्थिति स्पष्ट करते हुए कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा, ''कांग्रेस की विरासत टैक्स लागू करने की कोई योजना नहीं है. असल में प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने 1985 में संपदा शुल्क अधिनियम समाप्त किया था."
शशि थरूर ने कहा, ''इसमें (कांग्रेस घोषणापत्र) कहीं भी किसी का सोना लेने और महिलाओं का मंगलसूत्र छीनने की बात नहीं है. सैम पित्रोदा घोषणापत्र समिति में नहीं हैं. यह हमारे एजेंडे का हिस्सा नहीं है. यह उनकी निजी राय है. आप किसी की निजी राय को लेकर ये नहीं कह सकते कि ये कांग्रेस पार्टी का मकसद है.''
क्या निष्कर्ष निकलता है?
फैक्ट चेक में इस बात का कोई सबूत नहीं मिला है कि कांग्रेस ने कहा हो कि वह इन्हेरिटेंस टैक्स लागू करने की योजना बना रही है. सबसे पहले इस टैक्स का जिक्र कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने एक इंटरव्यू में किया था. हालांकि, फिर उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि वह अमेरिका के एक टैक्स का उदाहरण दे रहे थे. इसके अलावा, पार्टी अध्यक्ष खरगे और अन्य नेताओं ने इस दावे को खारिज कर दिया है. कांग्रेस के घोषणापत्र में ऐसे किसी टैक्स का जिक्र नहीं है.
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