Fact Check: लोकसभा चुनाव के दौरान कानपुर में गोद में बच्चा लिए शख्स पर लाठीचार्ज, जानिए क्या है वीडियो का सच
Fact Check News: कानपुर देहात के एक वीडियो को शेयर किया जा रहा है, जिसमें कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के बीच गोद में बच्चे लिए एक शख्स की पुलिसकर्मियों ने पिटाई की है.
Police Lathicharge Fact Check: उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात का एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, जिसमें एक पुलिसकर्मी को एक शख्स को बुरी तरह पीटते हुए देखा गया. पिटने वाले शख्स के हाथ में एक बच्चा भी है, जो जोर-जोर से चिल्ला रहा है. इस वीडियो में शख्स को ये कहते हुए भी सुना जा सकता है कि साहब, मत मारिये, बच्चे को लग जाएगी. वीडियो को कानपुर में हुए लोकसभा चुनाव के लिए वोटिंग से जोड़कर शेयर किया जा रहा है.
वायरल वीडियो को फेसबुक पर शेयर किया गया है. इसे शेयर करते हुए पवन कुमार सिंह नाम के यूजर ने कैप्शन में लिखा है- 'कानपुर, साहेब बच्चे को लग जाएगी, बच्चे को लग जाएगी साहब. पुलिस की मार खाता ये व्यक्ति चीखता रहा लेकिन खाकी के नशे में चूर इन पुलिस वालों ने एक ना सुनी। अगर बच्चे को कुछ हो जाता तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेता। लोकसभा चुनाव 2024।' यहां क्लिक कर वायरल वीडियो को देखा जा सकता है.
फैक्ट चेक में क्या सामने आया है?
फैक्ट क्रेसेंडो ने जब वायरल वीडियो की पड़ताल की तो एनडीटीवी की वेबसाइट पर एक रिपोर्ट मिली. इसमें वायरल वीडियो के स्क्रीनशॉट का यूज किया गया था. इस रिपोर्ट को 10 दिसंबर, 2021 को पब्लिश किया गया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि ये घटना उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात की है. अकबरपुर में सरकारी अस्पताल में कर्मचारियों की हड़ताल थी, जिसे खत्म करवाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया था.
लाठीचार्ज के वायरल हो रहे वीडियो में पिटने वाले शख्स का नाम पुनीत शुक्ला है, जो हड़ताल का नेतृत्व करने वाले शख्स रजनीश शुक्ला का भाई है. पुनीत की गोद में रजनीश की तीन साल की बेटी थी. जिस वक्त पुलिस ने रजनीश को हिरासत में लिया, उसी समय कुछ पुलिसकर्मियों ने पुनीत पर भी लाठियां बरसाना शुरू कर दिया. खबर को यहां क्लिक कर पढ़ा जा सकता है.
फैक्ट चेक में आगे पता चला कि कानपुर जोन के एडीजी भानु भास्कर ने भी इस संबंध में अपना बयान दिया था. उन्होंने बताया था कि लाठीचार्ज करने वाले पुलिस इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया गया.
#Kanpurdehatpolice थाना अकबरपुर क्षेत्र के जिला अस्पताल में हुई घटना के सम्बंध में घनश्याम चौरसिया अपर पुलिस अधीक्षक कानपुर देहात द्वारा दी गई बाईट। pic.twitter.com/uY5X5t4L8D
— Kanpur Dehat Police (@kanpurdehatpol) December 9, 2021
कानपुर देहात पुलिस के जरिए पोस्ट किए एक अन्य वीडियो में एडीजी ने बताया था कि अकबरपुर क्षेत्र के जिला अस्पताल में काम करने वाले चौथी श्रेणी के कर्मचारी रजनीश शुक्ला ने 100-150 लोगों के साथ अस्पताल में अराजकता फैलाई थी. वहां पहुंची पुलिस ने बल प्रयोग के जरिए उपद्रवियों पर एक्शन लिया था.
थाना अकबरपुर क्षेत्र के जिला अस्पताल में हुई घटना के सम्बंध में पुलिस अधीक्षक कानपुर देहात द्वारा थाना प्रभारी को निलम्बित कर दिया गया है,के सम्बन्ध में केशव कुमार चौधरी द्वारा दी गयी बाईट। pic.twitter.com/sYQ24cOU61
— Kanpur Dehat Police (@kanpurdehatpol) December 10, 2021
फैक्ट चेक के बाद क्या निष्कर्ष निकला?
फैक्ट चेक के बाद सामने आया कि पुलिसकर्मियों के जरिए किए गए लाठीचार्ज के इस वीडियो का लोकसभा चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है. ये वीडियो तीन साल पुराना है और 2021 से जुड़ा हुआ है. वीडियो अस्पताल के बाहर प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस एक्शन से जुड़ा हुआ है. इसे चुनाव के संदर्भ में जोड़कर गलत तरीके से वायरल किया जा रहा है.
Disclaimer: This story was originally published by Fact Crescendo, and translated by ABP Live as part of the Shakti Collective.
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