PM Modi Video Fact Check: लोकसभा चुनाव के सातवें चरण के लिए चुनाव प्रचार जोर-शोर से चल रहा है. इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जरिए किए गए चुनाव प्रचार का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि उन्होंने एक चुनावी कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए अपशब्द का प्रयोग किया. 


विश्वास न्यूज ने जब इस वीडियो की फैक्ट चेक की तो पता चला कि ये फेक वीडियो है. वीडियो को एडिट कर एक खास फ्रेम का लूप बना दिया गया है, जिससे सुनने में एक शब्द अपशब्द होने का भ्रम पैदा कर रहा है. पीएम का ये भाषण 21 अप्रैल, 2019 का है, जिसमें वह गुजरात के पाटन में पानी की समस्या और उसके समाधान को लेकर बात कर रहे हैं.


वायरल पोस्ट में क्या कहा गया?


पीएम मोदी की वीडियो को 'जनक्रांति हापुड़' नाम के एक सोशल मीडिया यूजर ने शेयर किया है. उसने कैप्शन में लिखा, "‘पर्पसफुली’ इतनी शालीन भाषा मंच से बोलता है, या ससुरा महज संयोग है? 🤦‍♂️🤣🤣🤣 #boycutt_bjp #Loksabhaelections2024 #अंधभक्तमुक्तभारत." वीडियो को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है, जबकि आर्काइव लिंक यहां मौजूद है. 




(सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो का स्क्रीनशॉट)


फैक्ट चेक में क्या सामने आया है? 


वीडियो की फैक्ट चेक करने पर पता चला कि ये कुछ सेकेंड का है, जिस पर न्यूज पोर्टल ‘द क्विंट’ का लोगो लगा है. जब क्लिप के की-फ्रेम को रिवर्स इमेज सर्च किया गया तो ‘द क्विंट’ के यूट्यूब चैनल पर भी यही वीडियो मिला. 



यूट्यूब पर मिले वीडियो से भी ये बात साफ हुई कि पीएम मोदी ने पाटन में 2019 में रैली की थी. वीडियो के 43.11/47.26 से 43.40/47.26 के फ्रेम में उस हिस्से को सुना जा सकता है, जिसे वायरल क्लिप में शामिल किया गया है. 


वहीं, की-वर्ड सर्च के जरिए जब और जांच की गई तो बीजेपी के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर भी पीएम मोदी का वीडियो मिला. इस वीडियो को 21 अप्रैल, 2019 को अपलोड किया गया था. वीडियो गुजरात के पाटन में हुई जनसभा से जुड़ा हुआ है. इस वीडियो क्लिप में 48.43/53.58 से 49.26/53.58 के बीच उस शब्द को सुना जा सकता है, जिसे अपशब्द बताया गया है.



यहां गौर करने वाली बात ये है कि पीएम मोदी ने पाटन की रैली गुजराती में संबोधित की थी. विश्वास न्यूज ने गुजराती जागरण से भाषण के अंश का गुजराती और हिंदी टेक्स्ट हासिल किया, जो कुछ ऐसा है: 


"મોદીએ કહ્યું હતું કે આ વખતે અમારી નવી સરકાર બનશે 23મી તારીખે સાંજે 23મી મે ચૂંટણીના પરિણામ આવશે. સરકાર બનશે પાણીની અલગ મંત્રાલય હશે અને આખા દેશમાં લોકો એમ કહેશે ભવિષ્યમાં લડાઈઓ પાણીની થશે એલાભાઈ બધા કહો છો પાણીની લડાઈ થવાની છે તો અમે અત્યારથી પાણી પહેલા પાળ કેમ ન બાંધીએ. અમારે તો ગુજરાત વાળાઓને શિખવાડ્યું છે કે પાણી પહેલા પાળ બાંધો."


"पीएम मोदी ने कहा कि इस बार हमारी नई सरकार 23 मई की शाम को बनेगी और चुनाव के नतीजे आएंगे. सरकार बनेगी, अलग जल मंत्रालय होगा और देशभर में लोग कहते हैं कि भविष्य में पानी को लेकर युद्ध होंगे…अरे भाई सब कह रहे हैं की पानी को लेकर युद्ध होगा तो हम अबसे पानी से पहले बांध क्यूं न बांधे….हमने गुजरात के लोगों को पानी से पहले बांध बनाना सिखाया है."


पीएम मोदी के भाषण का वीडियो बीजेपी के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर भी शेयर किया गया था, जिसके 43.40 के फ्रेम से उनके इस भाषण के हिस्से को सुना जा सकता है. ट्विटर का आर्काइव लिंक यहां क्लिक कर देख सकते हैं. 






गुजराती जागरण के एसोसिएट एडिटर जीवन कपूरिया ने कहा कि ऑरिजिनल वीडियो क्लिप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पानी की समस्या और उसके समाधान को लेकर बात कर रहे हैं. इसमें कहीं से भी किसी तरह के अपशब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया है.


वायरल वीडियो एडिटेड है, जिसमें भाषण के एक निश्चित टाइमफ्रेम वाले क्लिप को एडिट कर लूप बनाया गया है. ऐसा एक वीडियो क्लिप को बार-बार कॉपी पेस्ट कर किया जाता है. इस लूप की वजह से सुनने में अपशब्द का भ्रम पैदा हो रहा है. 


फैक्ट चेक के बाद क्या निष्कर्ष निकला?


पीएम मोदी के भाषण वाली वायरल वीडियो का फैक्ट चेक करने के बाद ये पता चला कि उनके जरिए अपशब्द कहे जाने का दावा पूरी तरह से फेक यानी फर्जी है. जिस वीडियो को वायरल किया जा रहा है, वो वीडियो एडिटेड है. असली वीडियो गुजरात के पाटन का है, जहां 2019 में पीएम मोदी की रैली हुई थी. यहां पर पीएम मोदी ने पानी की समस्या को लेकर बात की थी और कहा था कि नई सरकार में अलग से जल मंत्रालय का गठन किया जाएगा. 


Disclaimer: This story was originally published by Vishvas News, and translated by ABP Live as part of the Shakti Collective.


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