Election Fact Check: चुनावी समर के बीच शिव सेना (यूबीटी) के अध्यक्ष और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का एक वीडियो वायरल हुआ है. वायरल क्लिप के साथ दावा किया गया कि उन्हें उस दौरान मंच पर भाषण नहीं देने दिया गया. इस दावे के साथ सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स पर उनका जो वीडियो आग की तरह फैला, उसमें कई नेता मंच पर पोडियम के पास उनके इर्द-गिर्द नजर आ रहे थे. ऐसा दावा किया गया कि कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने उन्हें स्पीच नहीं देने दी. 


सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में टि्वटर) पर समीत ठक्कर नाम के हैंडल से शेयर किए गए इस वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा गया था- क्या गिरावट है! बेशर्मी का दूसरा नाम उद्धव ठाकरे हैं. देखिए कैसे वर्धा कांग्रेस इकाई के कार्यकर्ताओं ने रैली के दौरान उन्हें बोलने नहीं दिया था. ये लोग पीएम नरेंद्र मोदी से लड़ेंगे?






जो क्लिप वायरल हुई, उसमें की गई छेड़खानी


फेसबुक पर भावेश जे चंदरिया (Bhavesh J Chandaria) नाम के अकाउंट से यही वीडियो शेयर किया गया और हू-ब-हू कमेंट किया गया. समझा जा सकता है कि पहले वाले पोस्ट को कॉपी करके इस हैंडल से शेयर किया गया. हालांकि, फैक्ट चेकिंग वेबसाइट बूम लाइव की ओर से ओर से बाद में इस वीडियो और उसके साथ किए जाने वाले दावे की पड़ताल की गई तो पता चला कि यह वीडियो फर्जी था. उद्धव ठाकरे ने उस कार्यक्रम के दौरान लगभग 10 मिनट तक स्पीच दी थी, जिसके बाद वहां भ्रम की स्थिति पनप गई थी. 


उद्धव ठाकरे को बोलने से नहीं रोका गया


पूरी स्पीच वाले वीडियो में वह कहते नजर आए, "समय को ध्यान में रखते हुए मुझे अब निकलना होगा." यानी वह अपनी बात पूरी करके मंच से हटना चाहते थे. हालांकि, इसी दौरान वहां दो लोग आए और वह बोले, "साहेब, आपको तो बोलना है!" गुजारिश पर महाराष्ट्र के पूर्व सीएम बोले कि वह सिर्फ पांच मिनट और अपनी बात रखेंगे. उद्धव ठाकरे के इतना कहते ही वहां और लोग कहने लगे कि आपको तो लोग सुनना चाहते हैं. आप आधा घंटा या फिर 15 मिनट और बोलिए. सब आपको यहां सुनने के लिए आए हैं.   


Disclaimer: This story was originally published by Boom Live and republished by ABP Live Hindi as part of the Shakti Collective.