Faizabad Lok Sabha Election Result 2024: उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को तगड़ा झटका लगा है, वो कई प्रमुख सीटों पर चुनाव हारी है. उनमें फैजाबाद सीट भी शामिल है. बता दें कि फैजाबाद सीट में ही अयोध्या नगरी आती है, जहां भगवान राम का भव्य राम मंदिर बनने के बाद माना जा रहा था कि ये सीट भाजपा के लिए बहुत आसान है, लेकिन आज आए परिणामों में ये सीट सबसे चौंकाने वाली रही. सपा के अवधेश प्रसाद 54,567 वोटों से जीते हैं. उनको कुल 5,54,289 वोट मिले. यहां से लल्लू सिंह को 4,99,722 वोट हासिल हुए.
अवधेश प्रसाद ने राजनीति की शुरुआत जनता पार्टी से की थी और 1977 में पहली बार अयोध्या जनपद की सोहावल विधानसभा से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. इसके बाद तो अवधेश प्रसाद ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और 1985 से लेकर 2022 तक 8 बार विधानसभा चुनाव जीतते रहे. कुल 9 बार विधायक रहे. 2017 में ही उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. समाजवादी पार्टी की स्थापना से ही जुड़े रहे अवधेश प्रसाद दलित समाज से आते हैं और वो मुलायम सिंह यादव सरकार में भी कई बार मंत्री रह चुके हैं. उन्हें 'नेताजी' का करीबी भी माना जाता था. फिलहाल अवधेश प्रसाद को विधानसभा में वरिष्ठ सदस्य के रूप में जाना जाता है. दलित वोट बैंक पर पकड़ होने के साथ-साथ यादव और मुस्लिम मतदाताओं का समीकरण इनके साथ है. इसलिए अवधेश प्रसाद ने बीजेपी ही नहीं बल्कि पूरे देश को चौंकाते हुए यहां बीजेपी को जोर का झटका दिया है.
फैजाबाद लोकसभा क्षेत्र में पांच विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनमें से चार (दरियाबाद, रुदौली, बीकापुर और अयोध्या) पर भाजपा का कब्जा है जबकि एक (मिल्कीपुर) का प्रतिनिधित्व सपा के अवधेश प्रसाद करते हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में BJP के लल्लू सिंह ने 5 लाख 29,021 वोटों के साथ इस सीट पर जीत दर्ज की थी. दूसरे नंबर पर सपा के आनंद सेन यादव थे. उन्हें 4 लाख 63 हजार 544 वोट मिले थे. 2014 के लोकसभा चुनाव में BJP के लल्लू सिंह ने 4 लाख 91 हजार 761 वोटों के साथ इस सीट पर जीत दर्ज की थी. दूसरे नंबर पर सपा के मित्रसेन यादव थे, उन्हें 2 लाख 8 हजार 986 वोट मिले थे.
अयोध्या में भाजपा की हार ने उत्तर प्रदेश में हुई 1993 विधानसभा चुनाव की याद दिला दी. उस समय विधानसभा चुनाव में सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव और बहुजन समाज पार्टी के काशीराम एक साथ आए थे. यूपी के सियासी मैदान में नारा गूंजा था, 'मिले मुलायम काशीराम, हवा में उड़ गए जय श्री राम'. कुछ यही स्थिति इस बार देखी गई. यूपी के सियासी मैदान में अखिलेश यादव और राहुल गांधी एक साथ आए और यूपी की सियासत में भाजपा पिछले एक दशक में सबसे बड़ी हार का सामना करना पड़ा. इस सीट पर सपा के अवधेश प्रसाद निर्णायक बढ़त बना चुके हैं.
अयोध्या के जानकारों के मुताबिक जातिगत समीकरण और अयोध्या के विकास के लिए जमीनों का अधिग्रहण को लेकर जनता में जबरदस्त नाराजगी है.इसके साथ ही कांग्रेस का आरक्षण और संविधान का मुद्दा काम कर गया.लल्लू यादव का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वो संविधान में बदलाव के लिए बीजेपी को 400 से अधिक सीटें जिताने की बात कर रहे थे.वहीं बसपा का कमजोर होना भी सपा की बढ़त में बड़ा काम किया.
कांग्रेस-सपा के जिस गठबंधन को 2017 में नहीं चल पाया था, वह गठबंधन 2024 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में जमकर वोट बटोरे हैं. उत्तर प्रदेश के जानकारों के मुताबिक इस चुनाव में मुस्लिम वोट ने एकजुट होकर इंडिया गठबंधन के उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान किया. संविधान और आरक्षण बचाने के मुद्दे को हवा देकर इंडिया गठबंधन ने बीजेपी के कोर हिंदू वोट बैंक को भी बांट दिया.