Smriti Irani: दिल्ली में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. इसी बीच बीजेपी की गतिविधियों में अमेठी की पूर्व सांसद स्मृति ईरानी बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही हैं. हाल में ही वो राजधानी में पार्टी के सदस्यता अभियान से संबंधित कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से शामिल होती नजर आ रही हैं.  


इस दौरान पार्टी नेताओं ने कहा कि उन्हें दिल्ली में 14 जिला इकाइयों में से सात में सदस्यता अभियान की देखरेख का जिम्मा दिया गया था. जानकारी के अनुसार स्मृति ईरानी ने दक्षिण दिल्ली में एक घर खरीदा है जो दिल्ली में पार्टी की गतिविधियों में उनकी आगे की बढ़ती भागीदारी का संकेत देता है. 


विधानसभा चुनाव में है चेहरे की तलाश


बीजेपी के एक नेता ने पीटीआई भाषा से कहा, "यह  घटनाक्रम ऐसे समय में देखने को मिल रहा है जब पार्टी नेताओं का एक वर्ग ऐसे चेहरे को आगे लाने पर जोर दे रहा है जो दिल्ली विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) को कड़ी टक्कर दे सके." बीजेपी ने 2020 के विधानसभा चुनावों में किसी नेता को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किए बिना चुनाव लड़ा था. उन्होंने आगे कहा कि पार्टी 70 में से आठ सीट जीतने में सफल रही, जबकि आप ने बाकी सीट पर जीत दर्ज की. 


बीजेपी की दिल्ली इकाई के एक अन्य नेता ने कहा कि अगर आने वाले हफ्तों में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के साथ चुनाव लड़ने का विचार जोर पकड़ता है तो स्वाभाविक रूप से जिम्मेदारी के लिए उपयुक्त नेता को लेकर सवाल खड़ा होगा. उन्होंने आगे कहा, "ऐसी हालात में स्मृति ईरानी के साथ-साथ सांसद मनोज तिवारी और बांसुरी स्वराज, भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और पश्चिम दिल्ली के पूर्व सांसद प्रवेश वर्मा जैसे अन्य नेता इस भूमिका के लिए संभावित दावेदार हो सकते हैं."


बीजेपी देना चाहती है एकता का संदेश


उन्होंने दावा किया कि एक नेता के पीछे पूरी पार्टी का एकजुट होना लोगों के बीच एकता का संदेश देगा और प्रचार को भी मजबूती देगा. बीजेपी ने 2015 के विधानसभा चुनावों में किरण बेदी को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाकर चुनाव लड़ा था.इस दौरान पार्टी का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा था. वहीं,कुछ नेताओं का मानना है कि चुनाव के दौरान सिर्फ एक ही चेहरे को आगे करना सही नहीं है. पार्टी में अभी भी इसको लेकर मंथन चल रहा है. जल्द ही हाईकमान इस पर कोई फैसला कर सकता है.