श्रीनगर: पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल ने आखिरकार नौकरी छोड़ने के करीब दो महीने बाद अपनी पार्टी बना ली है. श्रीनगर में हुई रैली में शाह फैसल ने अपनी पार्टी का नाम 'जम्मू एंड कश्मीर पीपुल्स' मूवमेंट रखा है. जेएनयू छात्र संघ की पूर्व उपाध्यक्ष शेहला रशीद ने भी शाह फैसल की पार्टी की सदस्य बन गई है. पार्टी के लॉन्च के दौरान शेहला रशीद मंच पर मौजूद रहीं.


इस साल जनवरी की शुरुआत में शाह फैसल ने आईएएस की नौकरी से इस्तीफा दिया था. इस्तीफा देते वक्त शाह फैसल ने जम्मू कश्मीर के नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए राजनीति में आने का एलान किया था. हालांकि पहले कयास लगाया जा रहा था कि शाह फैसला नेशनल कांफ्रेंस के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं. इसकी एक बड़ी वजह एनसी अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला के शाह फैसल को पार्टी में आने का न्यौता देना था.


नौकरी छोड़ने के बाद शाह फैजल ने फेसबुक पोस्ट के जरिए लोगों से चंदा और सहयोग भी मांगा. बता दें कि आईएएस परीक्षा टॉप करने वाले शाह फैसल पहले कश्मीरी हैं. शाह फैजल ने चंदे की मांग करते कहा, ''मेरा मानना ​​है कि विकास और गरिमा को एक साथ चलना होगा, और हमें जम्मू-कश्मीर राज्य के लोगों को सुरक्षा, बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, आजीविका, बिजली और अन्य नागरिक सुविधाओं की भावना देने के लिए मिलकर काम करना होगा.'' उन्होंने लिखा, ''यह जनता का आंदोलन है और इसे जनता ही फंड करेगी. जनता एकमात्र एजेंसी है जो इस सफलता में मदद करेंगे.''





वहीं शेहला रशीद जेएनयू छात्र संघ की उपाध्यक्ष रही हैं. 2016 में कन्हैया विवाद के वक्त शेहला भी काफी चर्चा में रही थीं. इसके अलावा महिलाओं और स्टूडेंट्स के मुद्दों को उठाने में शेहला रशीद आगे रही हैं. शेहला लेफ्ट के छात्र संगठन आईसा से जुड़ी रही हैं.


शाह फैसल के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें
सिविल सेवा परीक्षा में 2009 में देशभर में अव्वल रहने वाले पहले कश्मीरी होने की वजह से चर्चा में आए. स्टडी लीव पर गए शाह फैसल ने एक ट्वीट किया था. वह पोस्ट कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग को नागवार गुजरा और उन्हें नोटिस भेजा गया.


नोटिस को बताया था प्रेम पत्र
नोटिस मिलने के बाद शाह फैसल ने उसकी एक प्रति ट्वीट किया था. फैसल ने लिखा था, दक्षिण एशिया में बलात्कार के चलन के खिलाफ मेरे व्यंग्यात्मक ट्वीट के एवज में मुझे मेरे बॉस से प्रेम पत्र (नोटिस) मिला.


क्यों दिया था इस्तीफा
हाल ही में विदेश से प्रशिक्षण लेकर लौटे और पदस्थापना का इंतजार कर रहे थे. इस्तीफे की वजह बताते हुए फैसल ने कहा कि उन्होंने कश्मीर में लगातार हो रही हत्याओं के मामलों और इन पर केंद्र सरकार की ओर से कोई गंभीर प्रयास नहीं होने के कारण, भारतीय प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा देने का फैसला लिया.