Sikkim Politics: बाइचुंग भूटिया ने अपनी पार्टी हमरो सिक्किम का पवन चामलिंग की SDF में किया विलय, बताई ये बड़ी वजह
Latest Election News: 2014 में फुटबॉल से संन्यास लेने के बाद भूटिया टीएमसी में शामिल हो गए थे. TMC से अलग होने के बाद बाइचुंग ने "हमरो सिक्किम पार्टी" की स्थापना की. पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष भी थे.
Sikkim Political News: पूर्व भारतीय फुटबॉलर बाइचुंग भूटिया ने गुरुवार (23 नवंबर) को अपनी पार्टी ‘हमरो सिक्किम पार्टी’ का सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) में विलय कर दिया. दक्षिण सिक्किम के रावंगला जिले में एसडीएफ के एक कार्यक्रम के दौरान बाइचुंग भूटिया ने पवन चामलिंग के नेतृत्व वाली इस पार्टी की सदस्यता ली.
बता दें कि बाइचुंग हमरो सिक्किम पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में काम कर रहे थे. वह 2018 से पार्टी के अहम चेहरे थे. हालांकि वह 2019 का चुनाव लड़ने में असफल रहे थे. इस साल सितंबर में भूटिया ने पूर्व मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग के नेतृत्व वाली सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट में शामिल होने की औपचारिक घोषणा की थी.
'SDF अब भ्रष्टाचार से मुक्त, इसलिए हुआ शामिल'
बाकी दलों को छोड़कर एसडीएफ जॉइन करने के सवाल पर भूटिया ने कहा, "भ्रष्ट नेताओं के बाहर निकलने के बाद एसडीएफ अब भ्रष्टाचार से मुक्त हो चुकी है. एसकेएम ने लंबे समय तक चामलिंग के भ्रष्ट नेता होने का रोना रोया, लेकिन 4 वर्षों में वह चामलिंग के खिलाफ एक भी मामला दर्ज नहीं कर पाई है. इससे साफ है कि चामलिंग भ्रष्टाचार से मुक्त हैं. इसके अलावा इन 4 वर्षों में विपक्ष के रूप में शायद एसडीएफ एकमात्र पार्टी है जिसने सिक्किम के लिए बात की है. सिक्किम को बचाने के लिए उनका आह्वान उसी का प्रमाण है.''
2019 में एसकेएम को दिया था समर्थन
पिछले चुनाव में बाइचुंग ने सत्तारूढ़ सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) का समर्थन किया था और 2019 के चुनाव के लिए वर्तमान मुख्यमंत्री प्रेम सिंह गोले के साथ बैठक भी की थी. भूटिया ने दावा किया, "हम सभी 2019 में प्रेम सिंह गोले की ओर से किए गए परिवर्तन के वादे के समर्थन में थे. हालांकि, इन 4 वर्षों में गोले और एसकेएम परिवर्तन करने में विफल रहे हैं. वे अब भ्रष्ट नेताओं और व्यापारियों से भरे हुए हैं, जिन्होंने अतीत में सत्तारूढ़ एसडीएफ पार्टी के 25 साल के काम को बर्बाद कर दिया था.''
2014 में राजनीति में हुई थी एंट्री
2014 में फुटबॉल से संन्यास लेने के बाद भूटिया अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल हो गए थे और दार्जिलिंग निर्वाचन क्षेत्र से 2014 के आम चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था. 2018 में अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस से अलग होने के बाद, उन्होंने सिक्किम में "हमरो सिक्किम पार्टी" की स्थापना की.
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