Uttarakhand Assembly Election 2022: उत्तराखंड कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने उत्तराखंड चुनावों से पूर्व देहरादून में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ज्वाइन कर ली है. उन्होंने इस दौरान मीडिया से बात करते हुये कहा कि मैं उत्तराखंड को आगे ले जाने की भावना के साथ बीजेपी में शामिल हुआ हूं. आपको कांग्रेस से पूछना चाहिए कि आखिर पार्टी के अंदर ऐसी स्थिति क्यों बढ़ी है. गौरतलब है कि बुधवार से ही उनके बीजेपी ज्वाइन करने के कयास लगाये जा रहे थे.
पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में कांग्रेस ने किया था निष्कासित
हाल ही में कांग्रेस ने किशोर उपाध्याय को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में सभी पदों से हटा दिया था. उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने किशोर उपाध्याय को सभी पदों से हटाने का आदेश जारी किया था. आदेश में देवेंद्र यादव ने कहा था कि उत्तराखंड के लोग बदलाव के लिए तरस रहे हैं और बीजेपी सरकार को उखाड़ फेंकने का इंतजार कर रहे हैं.
कुशासन और बाजेपी नेतृत्व से लोगों में व्यापक गुस्सा है. पत्र में कहा गया कि चुनौती का सामना करना और उत्तराखंड की देवभूमि और यहां के लोगों की सेवा करना हम में से प्रत्येक का कर्तव्य है. लेकिन दुख की बात है कि किशोर उपाध्याय इस लड़ाई को कमजोर करने और लोगों के हितों को कमजोर करने के लिए बीजेपी और अन्य राजनीतिक दलों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं.
पत्र में जिक्र किया गया था कि किशोर उपाध्याय को व्यक्तिगत रूप से कई चेतावनियों के बावजूद, इसमें शामिल होने का उनका आचरण पार्टी विरोधी गतिविधियां थमने का नाम नहीं ले रही हैं. जिसके चलते किशोर उपाध्याय को पार्टी के सभी पदों से हटाया जाता है और आगे की कार्रवाई लंबित है.
हरक सिंह रावत को बीजेपी ने दिखाया था बाहर को रास्ता
हाल ही में बीजेपी ने हरक सिंह रावत को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था, जिसके बाद उन्होंने कांग्रेस में वापसी कर ली थी. 21 जनवरी को हरक सिंह रावत और उनकी बहू कांग्रेस में शामिल हुए थे. कांग्रेस ने हरक सिंह रावत की बहू अनुकृति गुसाईं रावत को लैंसडाउन से टिकट दिया है.
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