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छठा चरण: मैदान में 4 पूर्व CM, हुड्डा, शीला दीक्षित, दिग्विजय और अखिलेश की किस्मत दांव पर
Lok Sabha Election 2019: चार राज्यों के पूर्व सीएम छठे चरण में किस्मत आजमा रहे हैं.
![छठा चरण: मैदान में 4 पूर्व CM, हुड्डा, शीला दीक्षित, दिग्विजय और अखिलेश की किस्मत दांव पर four ex CM Bhupinder Singh Hooda, Sheila Dixit, Digvijay Singh, Akhilesh Yadav fighting in sixth phase छठा चरण: मैदान में 4 पूर्व CM, हुड्डा, शीला दीक्षित, दिग्विजय और अखिलेश की किस्मत दांव पर](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2019/05/11183728/405.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Lok Sabha Election 2019: 17वीं लोकसभा चुनने के लिए छठे चरण में सात राज्यों की 59 सीटों पर वोटिंग हो रही है. छठे चरण में चार राज्यों में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, शीला दीक्षित, अखिलेश यादव और दिग्विजय सिंह मैदान में है. इन चारों की किस्मत रविवार को बाकी 975 उम्मीदवारों के साथ ईवीएम में कैद हो जाएगी.
भूपेंद्र सिंह हुड्डा: हरियाणा की राजनीति में भूपेंद्र सिंह हुड्डा की पहचान एक कद्दावर जाट नेता के तौर पर है. हुड्डा पहली बार 2005 में हरियाणा के मुख्यमंत्री बने थे. इसके बाद हुड्डा 2009 में फिर से राज्य के मुख्यमंत्री बने. हालांकि 2014 में हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था और राज्य में पहली बार बीजेपी अपने दम पर सरकार बनाने में कामयाब हुई थी.
भूपेंद्र सिंह हुड्डा 1991 में उस वक्त सुर्खियों में आ गए थे, जब उन्होंने पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल को रोहतक की सीट से मात दी. इसके बाद 1996 और 1998 के लोकसभा चुनाव में भी हुड्डा ने चौधरी देवीलाल को मात दी. 2004 में हुड्डा रोहतक सीट से फिर से सांसद चुने गए. इसके बाद हुड्डा की किस्मत बदली और वह 2005 में पहली बार मुख्यमंत्री बने. अब 15 साल बाद फिर से हुड्डा लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं.
2019 में सोनीपत लोकसभा सीट पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा का मुकाबला बीजेपी के मौजूदा सांसद रमेश कौशिक और जेजेपी के दिग्विजय चौटाला से है.
शीला दीक्षित: तीन बार दिल्ली की सीएम रह चुकी शीला दीक्षित 6 साल बाद कोई चुनाव लड़ रही है. शीला दीक्षित पहली बार यूपी की कन्नौज सीट से 1984 में सांसद बनी थी. इसके बाद 1998 में शीला दीक्षित पहली बार दिल्ली की सीएम बनीं. 2003 और 2008 में शीला के नेतृत्व में कांग्रेस ने फिर से सरकार बनाई.
2013 में शीला दीक्षित को नई दिल्ली सीट से केजरीवाल के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद शीला दीक्षित ने 6 साल तक कोई भी चुनाव नहीं लड़ा. इस बार कांग्रेस ने शीला दीक्षित को उत्तर पूर्वी दिल्ली से अपना उम्मीदवार बनाया है. इस सीट पर शीला दीक्षित का मुकाबला बीजेपी के मनोज तिवारी और आम आदमी पार्टी के दिलीप पांडे से है.
अखिलेश यादव: 2012 में अखिलेश यादव देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के सबसे युवा सीएम बने थे. हालांकि 2017 में अखिलेश यादव को विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा.
2019 में अखिलेश यादव आजमगढ सीट से किस्मत आजमा रहे हैं. दिलचस्प बात है कि 2014 में अखिलेश के पिता मुलायम सिंह यादव को इस सीट पर जीत मिली थी. इस सीट पर अखिलेश यादव का मुकाबला बीजेपी के उम्मीदवार दिनेश यादव से है.
दिग्विजय सिंह: भोपाल से कांग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिंह 1993 और 1998 में राज्य के सीएम बने हैं. 1984 में दिग्विजय सिंह पहली बार राजगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे थे. इसके बाद 1989 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा और वह 1991 में दोबारा सांसद बने.
2003 में दिग्विजय सिंह ने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद 10 साल के लिए चुनाव लड़ने से सन्यास ले लिया था. 2013 में दिग्विजय राज्यसभा सांसद बने. 2019 में कांग्रेस ने दिग्विजय को बीजेपी के गढ़ भोपाल से उम्मीदवार बनाया है. भोपाल सीट पर देशभर की नज़रें हैं, क्योंकि बीजेपी ने दिग्विजय के मुकाबले में साध्वी प्रज्ञा को मैदान में उतारा है.
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