सामान्य वर्ग आरक्षण बिल लोकसभा में पास, विरोध में पड़े मात्र 3 वोट, आज राज्यसभा की बारी
General category quota: राज्यसभा में बीजेपी के पास सबसे अधिक 73 सदस्य हैं, जबकि मुख्य विपक्षी कांग्रेस के 50 सदस्य हैं. राज्यसभा में अभी सदस्यों की कुल संख्या 244 है. राज्यसभा में बिल पास कराने के लिए सरकार को 163 सांसदों का समर्थन चाहिए.
नई दिल्ली: सामान्य वर्ग (जनरल कैटगरी) में आर्थिक रूप से पिछड़े तबके को 10 फीसदी आरक्षण देने वाला संविधान संशोधन बिल आज राज्यसभा में पेश किया जाएगा. जहां मोदी सरकार को थोड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है.
सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि विपक्षी पार्टियों ने अपने सभी सदस्यों से बुधवार को राज्यसभा में मौजूद रहने के लिए कहा है. राज्यसभा में सरकार के पास बहुमत नहीं है. मंगलवार को लोकसभा में पेश किए गए आरक्षण विधेयक का लगभग सभी पार्टियों ने समर्थन किया, लेकिन राज्यसभा में विपक्षी पार्टियां इस पर कड़ा रुख अपना सकती हैं.
सरकार के सामने मुश्किल क्यों? राज्यसभा में बीजेपी के पास सबसे अधिक 73 सदस्य हैं, जबकि मुख्य विपक्षी कांग्रेस के 50 सदस्य हैं. राज्यसभा में अभी सदस्यों की कुल संख्या 244 है. राज्यसभा में बिल पास कराने के लिए सरकार को 163 सांसदों का समर्थन चाहिए. बीजेपी के नेतृत्व वाले NDA में 92 सांसद हैं. अगर कांग्रेस, AAP, समाजवादी पार्टी, बीएसपी और एनसीपी सरकार के साथ आते हैं तो आंकड़ा 166 तक पहुंचेगा.
सूत्रों ने यह भी बताया कि विपक्षी पार्टियों के नेता राज्यसभा की कार्यवाही एक दिन के लिए बढ़ाने के सरकार के ‘एकतरफा’ कदम का भी विरोध कर रहे हैं और वे सदन में विरोध प्रदर्शन करेंगे. उन्होंने बताया कि कांग्रेस इस विधेयक का समर्थन कर सकती है, जबकि विपक्षी पार्टियां इसे पारित करने में बाधा उत्पन्न कर सकती हैं.
लोकसभा से बिल पास कल घंटों चली बहस के बाद लोकसभा से सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने वाला बिल पास हुआ. इसके समर्थन में 323 वोट पड़े. वहीं विरोध में तीन सदस्यों ने वोट डाले. लोकसभा में विपक्ष सहित लगभग सभी दलों ने ‘‘संविधान (124 वां संशोधन) , 2019’’ विधेयक का समर्थन किया. साथ ही सरकार ने दावा किया कि कानून बनने के बाद यह न्यायिक समीक्षा की अग्निपरीक्षा में भी खरा उतरेगा क्योंकि इसे संविधान संशोधन के जरिये लाया गया है.
लोकसभा में केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी सरकार बनने के बाद ही गरीबों की सरकार होने की बात कही थी और इसे अपने हर कदम से उन्होंने साबित भी किया.
प्रधानमंत्री क्या बोले? लोकसभा से बिल पास होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे देश के इतिहास में ‘ऐतिहासिक क्षण’ करार दिया. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि इसने एक ऐसे प्रभावी उपाय को हासिल करने की प्रक्रिया को गति दी है जिससे समाज के सभी वर्गों के लिए न्याय सुनिश्चित होगा.
मोदी ने कहा, ‘‘यह सुनिश्चित करना हमारा प्रयास है कि हर गरीब व्यक्ति, चाहे वह किसी भी जाति या संप्रदाय का हो, गरिमापूर्ण जीवन जिये और उसे हर संभव मौके मिलें.’’ प्रधानमंत्री ने इस विधेयक का समर्थन करने वाली हर पार्टी के सांसदों का शुक्रिया अदा किया.उन्होंने कहा, ‘‘हम निश्चित तौर पर ‘सबका साथ, सबका विकास’ के सिद्धांत को लेकर प्रतिबद्ध हैं.’’