UP Ghosi By-election 2023: उत्तर प्रदेश की घोसी विधानसभा का उपचुनाव अगले हफ्ते 5 सितंबर को होने वाला है. सत्तारूढ़ और विपक्ष दोनों ने ही चुनाव जीतने की जोर आजमाइश कर रखी है. इस चुनाव की सबसे खास बात यह है कि इसमें विपक्षी दल सपा के साथ सभी इंडिया गठबंधन के साथी मैदान में प्रचार करने में लगी है. 


घोसी उपचुनाव देश में 2024 चुनाव से पहले एनडीए और विपक्षी इंडिया गठबंधन के बीच यूपी की सभी पार्टियों के लिए एक  खुद को साबित करने का एक मौका है. ये इंडिया गठबंधन में मजबूत भूमिका निभा रहे अखिलेश यादव की भी परीक्षा है, इसलिए इस उपचुनाव में पूरे यादव कुनबे ने अपनी ताकत झोंक दी है.


इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि चाचा शिवपाल  रामगोपाल के बाद सपा प्रमुख अखिलेश खुद इस क्षेत्र की रेकी में लगे हैं. 2017 से लेकर अब तक कई उपचुनाव हो चुके है. उसमें न तो अखिलेश, न ही उनका परिवार इतना सक्रिय रहा है, जितना घोसी में दिख रहा है. एक मैनपुरी को छोड़कर इतनी सक्रियता देखने को कभी नहीं मिली. 


लोकसभा चुनाव के पहले यह एक बड़ा टक्कर
घोसी उपचुनाव में इस बार सपा की सीट से सुधाकर सिंह को उम्मीदवार बनाया गया है. जिसको कांग्रेस, रालोद और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी का भी समर्थन मिल चुका है. ये सभी विपक्ष की घटक दल हैं और यहां अपना उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया है. मतलब विपक्षी इंडिया अलायंस और बीजेपी की एनडीए गठबंधन में लोकसभा चुनाव के पहले यह एक बड़ा टक्कर होगा. 


अगर यह प्रयोग प्रयोग सफल हुआ तो इसे इंडिया गठबंधन चुनावी प्रचार के तौर पर अपना सकती है. अगर यहां से अखिलेश की पार्टी को सफलता नहीं मिलती, तो इसका मतलब यही होगा कि उनका यह फार्मूला कारगर नहीं है.


घोसी विधानसभा क्षेत्र में 4 लाख 37 हजार वोटर
घोसी विधानसभा में करीब 4 लाख 37 हजार वोटर हैं. इसमें 90 हजार के करीब मुस्लिम, 60 हजार दलित,77 हजार ऊंची जातियों के लोग हैं. इसमें 45 हजार भूमिहार ,16 हजार राजपूत और 6 हजार ब्राह्मण हैं, अन्य पिछड़ी जातियां हैं. कांग्रेस और बसपा के चुनाव में मैदान में न उतरने के कारण मुस्लिम वोट समाजवादी पार्टी को मिलने की उम्मीद की जा रही है.


उत्तर प्रदेश के घोसी विधानसभा सीट पर उपचुनाव की जरूरत सपा विधायक दारा सिंह चौहान के इस्तीफे के कारण हो गया था. दारा सिंह 2022 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर बीजेपी के विजय राजभर से 20 हजार से अधिक वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी. हालांकि, कुछ दिनों बाद उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया और बीजेपी में शामिल हो गए. इस बार दारा सिंह के पाला बदलने से किसको फायदा होगा या किसे नुकसान? ये तो घोसी विधानसभा क्षेत्र की जनता 5 सितंबर के चुनाव के दिन करेगी, जिसके परिणाम दो दिन बार 8 सितंबर को जारी किए जाएंगें.


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