Goa Assembly Election 2022: गोवा में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले अरविंद केजरीवाल (arvind kejriwal) और पी चिदंबरम (P Chidambaram) ट्विटर पर भिड़ गए. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी (AAP) और तृणमूल कांग्रेस (TMC) गोवा में विपक्ष के वोट को बांटने और बीजेपी की मदद करने के लिए चुनाव लड़ रही है. इसके बाद केजरीवाल ने पी चिदंबरम पर पलटवार करते हुए कहा किसर.. रोना बंद कीजिएक्योंकि कांग्रेस को वोट करने का मतबल बीजेपी को वोट देना है.


केजरीवाल ने तंज करते हुए कहा, “सर, रोना बंद कीजिए- ‘हाय रे, मर गए रे, हमारे वोट काट दिए रे’. गोवा के लोग वहीं वोट करेंगे जहां उन्हें उम्मीद दिखेगी. कांग्रेस, बीजेपी के लिए उम्मीद है, गोवा के लोगों के लिए नहीं. कांग्रेस के 17 विधायकों में से 15 बीजेपी में चले गए. कांग्रेस इस बात की गारंटी देती है कि उसको मिला हर वोट बीजेपी के पास सुरक्षित ढंग से चला जाएगा. बीजेपी को वोट देने के लिए सुरक्षित रास्ता कांग्रेस से होकर जाता है.”






गैर-भाजपा वोटों को बांटने के लिए आप


इससे पहले कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा, "मेरा आंकलन है कि आप (और टीएमसी) गोवा में केवल गैर-भाजपा वोटों में सेंध लगाएगा और इसकी पुष्टि अरविंद केजरीवाल ने की है. गोवा में मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच है. जो लोग शासन बदलना चाहते हैं (10 साल के कुशासन के बाद) वे कांग्रेस को वोट देंगे. जो चाहते हैं कि शासन जारी रहे, वे बीजेपी को वोट देंगे. गोवा में मतदाता के सामने चुनाव स्पष्ट है. क्या आप एक शासन चाहते हैं बदलें या नहीं? मैं गोवा के मतदाताओं से अपील करता हूं कि वे सत्ता परिवर्तन के लिए वोट करें और कांग्रेस को वोट दें.


गोवा में कांग्रेस को बीजेपी से आगे रहने की कोशिश में कड़ी टक्कर का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी राज्य में पुरानी पार्टी का खेल खराब कर रही है. कांग्रेस एक मजबूत चेहरा पेश करने की कोशिश कर रही है और राजनीतिक हलकों में अटकलों के बावजूद तृणमूल के साथ किसी भी गठबंधन की बातचीत से इनकार किया है. कांग्रेस के रुख से बौखलाकर तृणमूल ने कांग्रेस के खिलाफ आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया है.


तृणमूल नेता महुआ मोइत्रा ने कहा, “टीएमसी कहती रही है कि वे गठबंधन के लिए तैयार हैं, लेकिन कांग्रेस सम्राट की तरह स्वीकार करने और व्यवहार करने को तैयार नहीं है. गोवा में बीजेपी को हराना समय की मांग है. कोई भी बड़ा नहीं है. एआईटीसी अंतिम मील चलने से नहीं शर्माएगा और ही दोहराएगा.


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