गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को छोड़ना उनके लिए 'सबसे मुश्किल' फैसला था और अगर भगवा दल पणजी से किसी 'अच्छे उम्मीदवार' को खड़ा करता है, तो वह चुनाव नहीं लड़ेंगे.


उत्पल ने शुक्रवार को बीजेपी छोड़ दी थी और घोषणा की कि वह राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव पणजी से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लड़ेंगे. बीजेपी ने उत्पल को टिकट न देकर मौजूदा विधायक अतानासियो मॉन्सरेट को पणजी सीट से मैदान में उतारा है, जिसका प्रतिनिधित्व लंबे समय तक मनोहर पर्रिकर ने किया था. मनोहर पर्रिकर के बड़े बेटे उत्पल पर्रिकर ने शनिवार को कहा कि बीजेपी हमेशा उनके दिल में है. उन्होंने कहा कि पार्टी छोड़ने का फैसला आसान नहीं था. उत्पल ने कहा, 'यह सबसे मुश्किल फैसला था. इस दौरान मैं यही उम्मीद करता रहा कि मुझे यह फैसला नहीं करना पड़े.'


Goa Elections: गोवा बीजेपी में टिकट बंटवारे के लेकर बवाल जारी, पूर्व मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पाारसेकर ने किया पार्टी छोड़ने का एलान


उन्होंने कहा, 'मैं इस बात से नाखुश हूं कि मुझे यह फैसला (पार्टी छोड़ने और निर्दलीय चुनाव लड़ने का) करना पड़ा, लेकिन आपको कभी-कभी मुश्किल फैसले करने पड़ते हैं. अगर पार्टी पणजी से किसी अच्छे उम्मीदवार को खड़ा करती है तो मैं फैसला वापस लेने के लिए तैयार हूं.'


उत्पल ने अधिक विस्तार से बात किए बिना दावा किया कि उन्हें टिकट नहीं दिया जाना 1994 की उस स्थिति के समान है, जब उनके पिता को पार्टी से बाहर निकालने की कोशिश की गई थी.


उन्होंने कहा, 'उस समय मनोहर पर्रिकर को बाहर इसलिए निकाला नहीं जा सका था, क्योंकि उनके पास लोगों का समर्थन था.' उन्होंने कहा वे (उनके पिता के विरोधी) लोग अब भी पार्टी में 'ऊंचे पदों' पर बैठे हैं, जबकि उनके जैसा व्यक्ति 'लोगों के साथ' है. उत्पल ने 2019 पणजी उपचुनाव का जिक्र किया, जो उनके पिता के निधन के बाद हुआ था. उन्होंने कहा कि उन्हें उस समय भी टिकट नहीं दिया गया था, जबकि वे समर्थ थे.


Punjab Assembly Elections 2022: पंजाब के मुख्यमंत्री पर Akali Dal ने फोड़ा 'वीडियो बम', कहा- Charanjit Channi हनी और मनी का कॉम्बिनेशन हैं


उत्पल ने कहा, 'जब (बीजेपी प्रमुख जे पी नड्डा) नड्डा जी गोवा आए थे, तो पांच दंपत्तियों ने (अगले महीने होने वाले चुनाव के लिए) पार्टी का टिकट मांगा था. अगर मनोहर पर्रिकर जीवित होते, तो एक भी पुरुष नेता अपनी पत्नी के लिए टिकट मांगने की हिम्मत नहीं कर पाता.' बीजेपी ने मॉन्सरेट की पत्नी जेनिफर, स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे और उनकी पत्नी दिव्या राणे को भी टिकट दिया है. उत्पल ने कहा कि उनके पिता राजनीति में 'परिवार राज' के खिलाफ थे. उन्होंने कहा कि उन्होंने मनोहर पर्रिकर के बेटे के रूप में टिकट नहीं मांगा था.